जानिए भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत किन लोगों को Witness बनाया जा सकता है, Watch Video
शायद आपको याद हो की गुजरात राज्य बनाम अनिरुद्ध सिंह (1997) के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पाया था कि हर एक गवाह जो किसी अपराध के घटित होने के बारे में जानता है
शायद आपको याद हो की गुजरात राज्य बनाम अनिरुद्ध सिंह (1997) के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पाया था कि हर एक गवाह जो किसी अपराध के घटित होने के बारे में जानता है
क्या आपने सोचा है कि इस तरह के मामलों में किस तरह से समाज या देश का ध्यान आकर्षित किया जाता है और कानूनी भाषा में इसे किस नाम से जाना जाता है।
ऐसी परिस्थितियों में खरीदी गई वस्तु या सेवा से संतुष्ट न होने की स्थिति में उपभोक्ताओं के सामने ज्यादा मुश्किलें होती हैं।
कई बार ऐसा होता है कि कुछ दुकानदार ग्राहकों को अपनी ठगी का शिकार बनाते हैं. फिर ग्राहक परेशान होते हैं कि अब क्या करें।
लेकिन कई बार ऐसे मामले भी देखने को मिलते हैं, जहां कुछ उपद्रवी दूसरे धर्म के पूजा स्थलों को चोट पहुंचाते हैं या अपवित्र करते हैं या तो करने की कोशिश करते हैं।
देश का कोई भी नागरिक खुद के केस में खुद पैरवी करने के लिए अदालत के सामने निवेदन कर सकता है और कोर्ट की अनुमति मिलने के बाद ही अपनी पैरवी की जा सकती है।
इसी के संबंध में भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code-IPC) के अध्याय 14 में कुछ अपराध परिभाषित किए गए हैं, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य, सुविधा, शालीनता और सुरक्षा को प्रभावित करने वाले कृत्यों से निपटते हैं।
इसके तहत कोई व्यक्ति होश में रहते यह लिख सकता है कि गंभीर बीमारी की स्थिति में उसे लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर जबरन जिंदा न रखा जाए।
लेकिन अदालत के जरिए इसकी मंजूरी ली जा सकती है। एक ऐसा ही वाक्या सामने आया है महाराष्ट्र से। जहां मेडिकल बोर्ड की लाख दलीलों के बावजूद अदालत ने महिला को गर्भपात की इजाजत दे दी।
जहां एक एनिमेटेड फिल्म के माध्यम से शिकायत करने के फैसले को सही बताया जाता है और मदद का भरोसा दिया जाता है।इस पेज पर एक ऐरो के चिन्ह को दबाने के बाद आपको तस्वीरों का ऑपशन मिलेंगे।जिसमें से एक को चुनकर आपको अपराध के बारे में बताना होगा।
एकांत कारावास जैसा की इसके शब्दों से ही सामने आता है कि अपराधी को जेल में अकेले रहने की सजा। IPC की धारा 73 और 74 में एकांत कारावास के बारे में बताया गया है और उससे सम्बंधित बातों को रेखांकित किया गया है।
अब आप सोच रहे होंगे कि इन गलतियों की सजा क्या है। आइए इस वीडियो में बताते हैं क्या है Medical Negligence पर कानून की राय और सजा का प्रावधान।
इन सब झगड़ों की सुलह या मामलों पर सुनवाई फैमिली कोर्ट में होती है। अब आप सोच रहे हैं कि क्या है फैमिली कोर्ट और कैसे होती है इसमें मामलों पर सुनवाई। तो आइए आपको बताते हैं।