चुनाव की तारीख कब बदली जा सकती है? जानें जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 में इसे लेकर क्या प्रावधान है
जन प्रतिनिधि अधिनियम की धारा 57 के अनुसार रिटर्निंग ऑफिसर चुनाव आयोग को कारण बताते हुए चुनाव की तारीख टालने की घोषणा कर सकता है.
जन प्रतिनिधि अधिनियम की धारा 57 के अनुसार रिटर्निंग ऑफिसर चुनाव आयोग को कारण बताते हुए चुनाव की तारीख टालने की घोषणा कर सकता है.
मास्टर ऑफ रोस्टर सीजेआई संजीव खन्ना ने कहा कि अर्जेट केसेस के मामलों को ईमेल या पर्ची/पत्र के जरिए ही आवेदन दिए जाने पर सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की जाएगी.
पांच सदस्यीय कॉलेजियम सुप्रीम कोर्ट जज और तीन सदस्यीय कॉलेजियम हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति में अहम भूमिका निभाती है.
सुप्रीम कोर्ट की हियरिंग की लाइव स्ट्रीमिंग, लेडी जस्टिस की प्रतिमा में बदलाव करना और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य द्वार पर जस्टिस क्लॉक लगाना पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ द्वारा लाए गए बेहद चर्चित बदलाव में से है.
जेट एयरवेज के 75 वर्षीय पूर्व चेयरमैन नरेश गोयल कैंसर से पीड़ित हैं और उन्होंने इलाज कराने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट से जमानत मांगी थी.
पावर ऑफ अटॉर्नी एक्ट 1882 की धारा 1ए के अनुसार, पावर ऑफ अटॉर्नी एक ऐसा इंस्ट्रूमेंट या दस्तावेज है, जिसके आधार पर कोई व्यक्ति अपनी जगह पर दूसरे व्यक्ति को कार्य करने की शक्ति देता है.
सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने कुछ जगहों पर गंदगी होने को लेकर भी सवाल उठाया था, जिसे साफ करने को लेकर छात्रों की तरफ से अदालत को आश्वासन भी दिया गया है.
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारा मानना है कि कोई भी धर्म प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधि को प्रोत्साहित नहीं करता है.
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने डिजिटल अरेस्ट के दस आरोपियों के खिलाफ सबूतों के अभाव में उनका नाम मुकदमे से हटाने को कहा है.
सुप्रीम कोर्ट जस्टिस संजीव खन्ना के शपथ समारोह में पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, पीएम मोदी, केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और मनोहर लाल खट्टर भी मौजूद रहें.
इस लेख में हम मनोनीत सीजेआई संजीव खन्ना से जुड़े उन मामलों के बारे में बता रहे हैं जिसमें वह सुप्रीम कोर्ट की पीठ का हिस्सा रहे या उन्होंने खुद जजमेंट लिखा.
किसी संपत्ति का टाइटल डीड (Title Deed) उस संपत्ति के स्वामित्व (Ownership) को बताती है. सेल डीड, दो व्यक्तियों के बीच किसी संपत्ति के स्वामित्व के हस्तांतरण (Transfer of Property) को साबित करता है. किसी संपत्ति पर अपना स्वामित्व साबित करने के लिए आपके पास सेल डीड के साथ टाइटल डीड भी होना चाहिए.
रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 की धारा 32ए में अचल संपत्ति (घर, जमीन आदि) के सेल डीड का रजिस्ट्रेशन कराने जिक्र है. कानूनन रूप से संपत्ति का मालिकाना हक पाने के लिए सेल डीड का रजिस्ट्रेशन सब-रजिस्ट्रार के ऑफिस में कराना होगा. रजिस्ट्रेशन के दौरान खरीददार और विक्रेता के दोनो हाथों के फिंगरप्रिंट (अलग-अलग कागज पर) और पासपोर्ट साइड फोटो चाहिए होगा.
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के प्रेसिडेंट कपिल सिब्बल से लेकर अभिषेक मनु सिंघवी तक ने CJI के तौर डीवाई चंद्रचूड़ के कार्यकाल को स्वर्णिम बताया. आइये हम जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के दस ऐतिहासिक फैसले के बारे में जानते हैं, जिसने देश की दशा और दिशा, दोनों बदली.
संपत्ति खरीदने के लिए सबसे पहले सेल एग्रीमेंट होता है, उसके बाद एग्रीमेंट का रजिस्ट्रेशन कराना होता है. Registration Act की धारा 17(2) के अनुसार 100 रूपये अधिक की संपत्ति जो वर्तमान या भविष्य में किसी सौंपने या घोषित करने का दावा करते हैं, उसका रजिस्ट्रेशन कराना आवश्यक है.
सेल एग्रीमेंट या ब्रिक्री समझौता, किसी संपत्ति को लेकर उसके खरीददार (Buyer) और बेचनेवाले (Seller) के बीच तय हुए समझौते को कहते हैं. सेल एग्रीमेंट में दोनों पार्टी का नाम, बेचे जानेवाली संपत्ति का विवरण और कब तक रकम दी जानी हैं, अगर कोई शर्तें है, तो वे भी इसमें स्पष्ट रूप से लिखा जाता है.
डीवाई चंद्रचूड़ ने एआई को लेकर कई मौकों पर तारीफ की है और उसके बढ़ावे को प्रोत्साहित किया है.
शुक्रवार यानि की आज जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का सीजेआई के रूप में आखिरी कार्य दिवस है. बेंच के उठने से पहले उन्होंने लोगों से अपने दिल की बात कहीं.