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सेल एग्रीमेंट क्या होता है? और संपत्ति की खरीद-बिक्री में इसका महत्व है

सेल एग्रीमेंट या ब्रिक्री समझौता, किसी संपत्ति को लेकर उसके खरीददार (Buyer) और बेचनेवाले (Seller) के बीच तय हुए समझौते को कहते हैं. सेल एग्रीमेंट में दोनों पार्टी का नाम, बेचे जानेवाली संपत्ति का विवरण और कब तक रकम दी जानी हैं, अगर कोई शर्तें है, तो वे भी इसमें स्पष्ट रूप से लिखा जाता है.

Written by Satyam Kumar Published : November 9, 2024 10:03 AM IST

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सेल एग्रीमेंट

सेल एग्रीमेंट या ब्रिक्री समझौता, किसी संपत्ति को लेकर उसके खरीददार (Buyer) और बेचनेवाले (Seller) के बीच तय हुए समझौते को कहते हैं.

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संपत्ति खरीदने को लेकर तय बातें

सेल एग्रीमेंट में वे नियम व शर्तों लिखी गई होती है, जिसके पूरा होने के बाद ही खरीददार संपत्ति पर मालिकाना हक पाएगा.

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संपत्ति का मालिकाना हक

आम चलन में लोग एक तय राशि लेकर अपनी इतनी जमीन का मालिकाना हक दूसरे को देंगे, यानि कानूनी भाषा में प्रॉपर्टी की ओनरशिप ट्रांसफर करेंगे.

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क्या जानकारी देती है Sale Agreement

सेल एग्रीमेंट में दोनों पार्टी का नाम, बेचे जानेवाली संपत्ति का विवरण और कब तक रकम दी जानी हैं, अगर कोई शर्तें है, तो वे भी इसमें स्पष्ट रूप से लिखा जाता है.

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संपत्ति से जुड़ी जानकारी

साथ ही सेल एग्रीमेंट में संपत्ति से जुड़ी सभी जानकारी दी जानी होती है, सेल एग्रीमेंट संपत्ति से जुड़ी कोई भी बात अगर छिपाई जाती है, तो सेल एग्रीमेंट रद्द भी हो सकता है.

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अगर, संपत्ति विवादित हो!

सेल एग्रीमेंट में संपत्ति से जुड़े, अगर कुछ है, कानूनी विवादों का भी जिक्र होता है, इसे बारीकी से पढ़ना खरीददार की जिम्मेदारी है.

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सेल एग्रीमेंट रजिस्ट्रेशन

संपत्ति खरीदने की प्रक्रिया में सेल एग्रीमेंट के बाद सेल रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया आती है, इसके बाद ही ब्रिक्री समझौता कानूनन रूप से लागू कराने के लिए बाध्यकारी होता है.

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मालिक बनने की ओर पहला कदम

सेल एग्रीमेंट का रजिस्ट्रेशन कराना बहुत जरूरी होता है, यह पहला स्टेप है जब खरीददार किसी संपत्ति का मालिक बनने की ओर कदम बढ़ाता है.