बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को मेडिकल आधार पर जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल को जमानत दे दी है. प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर किए गए मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में नरेश गोयल मुंबई की जेल में बंद थे. जेट एयरवेज के 75 वर्षीय पूर्व चेयरमैन कैंसर से पीड़ित हैं और उन्होंने इलाज कराने के लिए मामले में जमानत मांगी है. इससे पहले गोयल को पहले मेडिकल आधार पर अंतरिम जमानत दी गई थी जिसे अब स्थायी कर दिया गया है.
IANS के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सितंबर 2023 में नरेश गोयल को गिरफ्तार किया था क्योंकि उन पर केनरा बैंक द्वारा जेट एयरवेज को लोन के रूप में दिए गए 538.62 करोड़ रुपये की हेराफेरी करने और व्यक्तिगत उपयोग के लिए मनी लॉन्ड्रिंग करने का आरोप था. ईडी के वकील ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए दलील दी थी कि हिरासत में रहते हुए गोयल को इलाज के लिए उनकी पसंद के अस्पताल में भर्ती कराया जा सकता है. बॉम्बे हाई कोर्ट ने मई 2024 में गोयल को दो महीने के लिए अंतरिम जमानत दी थी, जिसे बाद में दो महीने के लिए बढ़ा दिया गया था. ईडी द्वारा मामले में आरोप पत्र दायर करने के बाद नरेश गोयल की पत्नी अनीता गोयल को भी नवंबर 2023 में गिरफ्तार किया गया था. एक विशेष अदालत ने उनकी उम्र और स्वास्थ्य स्थिति का हवाला देते हुए उसी दिन उन्हें जमानत दे दी थी.
16 मई, 2024 को उनकी मृत्यु हो गई थी. सुप्रीम कोर्ट की ओर से पिछले हफ्ते नकदी संकट से जूझ रही एयरलाइन जेट एयरवेज को लिक्विडेशन को मंजूरी दे दी गई थी. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने बंद पड़ी एयरलाइन के स्वामित्व को जालान कलरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) को हस्तांतरित करने के खिलाफ ऋणदाताओं की याचिका को स्वीकार कर लिया था. कोर्ट ने जेकेसी द्वारा लगाए गए 200 करोड़ रुपये को जब्त करने का आदेश दिया और ऋणदाताओं को 150 करोड़ रुपये की परफॉर्मेंस बैंक गारंटी (पीबीजी) को भी इन कैश कराने की इजाजत दे दी गई थी.