
Property खरीदना एक बड़ा सपना
संपत्ति, घर या जमीन खरीदना लोगों का सपना होता है, इसलिए लोगों को संपत्ति खरीदने की प्रक्रिया और तौर तरीकों के बारे में पता होना चाहिए.

संपत्त खरीदने की प्रोसेस
संपत्ति खरीदना केवल पैसा चुकाना और जमीन के कागजात ले लेना नहीं होता है. हमें इन मामलों में फ्रॉड से बचने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए.

Sale Agreement का रजिस्ट्रेशन
संपत्ति खरीदने के लिए सबसे पहले सेल एग्रीमेंट होता है, उसके बाद एग्रीमेंट का रजिस्ट्रेशन कराना होता है. रजिस्ट्रेशन, एग्रीमेंट को कानूनी रूप से बाध्यकारी बनाने के लिए लागू किया जाता है.

संपत्ति पर होगा मालिकाना हक
सेल एग्रीमेंट पूरा होने के बाद आपको Sale Deed मिलता हो, जो संपत्ति पर आपके मालिकाना हक को बताता है.

रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908
रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 की धारा 17 इस बात का जिक्र करती है कि किन-किन चीजों का रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है.

100 रूपये अधिक की संपत्ति का रजिस्ट्रेशन
Registration Act की धारा 17(2) के अनुसार 100 रूपये अधिक की संपत्ति जो वर्तमान या भविष्य में किसी सौंपने या घोषित करने का दावा करते हैं, उसका रजिस्ट्रेशन कराना आवश्यक है.

सब-रजिस्ट्रार ऑफिस
संपत्ति मामले में सेल एग्रीमेंट का रजिस्ट्रेशन सब-रजिस्ट्रार के ऑफिस में होता है. सब-रजिस्ट्रार ही प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन, संपत्ति के मालिकाना हक से जुड़ी कानूनी कार्रवाई करते हैं.

मुहर-स्टॉम्प
रजिस्ट्रेशन को पूरा करने के लिए व्यक्ति को बिक्री समझौता (Sale Agreement) पेपर पर राज्य कानून के अनुसार मुहर (स्टॉम्प) लगा होना चाहिए.

फ्रॉड से बचने के लिए जरूरी
बिक्री समझौते पर अगर ठीक से मुहर नहीं लगी हो या रजिस्ट्रर्ड नहीं हुई है तो फ्रॉड होने की स्थिति में इसे साक्ष्य के तौर इजाजत नहीं दी जाएगी.

एग्रीमेंट होगा लीगल
रजिस्ट्रेशन के बाद आपको सेल एग्रीमेंट की शर्तों को पूरा करना होता है, जिसके बाद संपत्ति का मालिकाना हक आपका होगा