ITR में दें सही जानकारी नहीं तो तैयार रहें कानूनी नोटिस के लिए
हर वो व्यक्ति जिनकी आय़ इमकम टैक्स नियमों के दायरे में आती है उनका टैक्स फाईल करना अनिवार्य़ है.
हर वो व्यक्ति जिनकी आय़ इमकम टैक्स नियमों के दायरे में आती है उनका टैक्स फाईल करना अनिवार्य़ है.
आप कंपनी से कोई भी वित्तीय जानकारी को ना छुपाए. आपको बता दे कि जून महीने के दूसरे-तीसरे हफ्ते में कंपनियां फॉर्म-16 जारी करती हैं.
जिन्हे Income Tax Department की और से नोटिस भेजा गया है वो उस नोटिस को अनदेखा ना करें नहीं तो कार्रवाई हो सकती है
जिन लोगों ने अभी तक विभाग के नोटिस का जवाब नहीं दिया उन लोगों के लिए दिशा निर्देश जारी किया गया है. अब विभाग ऐसे मामलों की जांच अनिवार्य रूप से करेगी.
जानकारी के लिए आपको बता दें 2000 के नोट को सर्कुलेशन से हटाने के लिए 23 मई से बैंकों में नोटों को एक्सचेंज या डिपॉजिट करने की शुरुआत हो चुकी है
लोगों के लिए Online Game केवल मनोरंजन का साधन नहीं रहा बल्कि इनकम का सोर्स भी बन गया है
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी गाइडलाइन में यह बताया गया है कि ग्राहक एक बार में 2,000 के 10 नोट यानी 20,000 रुपये तक जमा कर सकते हैं.
इनकम टैक्स नियमों में हुआ बदलाव ऑनलाइन गेम खेल कर पैसा कमाने वाले यूजर्स के लिए एक झटका तो है ही लेकिन उन्हें इसमें कुछ राहत भी प्रदान किया गया है.
अदालत ने संजय गांधी मेमोरियल ट्रस्ट, जवाहर भवन ट्रस्ट, राजीव गांधी फाउंडेशन, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट, यंग इंडियन और आम आदमी पार्टी की वे अलग-अलग याचिकाएं भी खारिज कर दीं, जिनमें समान कानूनी मुद्दे उठाए गए थे.
महिला सम्मान प्रमाणपत्र योजना चालू वित्त वर्ष में शुरू की गयी. इसमें अधिकतम दो लाख रुपये जमा किये जा सकते हैं. इसपर सालाना 7.5 प्रतिशत ब्याज मिलेगा. जमा राशि दो साल में परिपक्व होगी.
अगर आपकी सालाना आय इनकम टैक्स नियमों के दायरे में ना आये तब भी क्या आपको टैक्स भरना चाहिए. जानते हैं नियम
हमारे देश में दो टैक्स रिजीम हैं- ओल्ड और न्यू. दोनों में बहुत ज्यादा फर्क हैं. दोनों में टैक्सेबल इनकम का दायरा अलग-अलग है.
इनकम टैक्स भरने वालों के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट पूरी कोशिश करता है कि कम से कम समय में ज्यादा से ज्यादा लोग सहूलियत के साथ अपना टैक्स भर सकें. डिपार्टमेंट ने असेसमेंट ईयर 2023-24 के लिए ऑफलाइन आईटीआर फॉर्म जारी कर दिया है.
आपकी सैलरी अगर 50 लाख रुपये तक है और आप ब्याज या प्रॉपर्टी जैसे दूसरे स्रोतों से भी कमाई करते हैं तो आप फाइनेंशियल ईयर 2022-23 के लिए ऑफलाइन इनकम टैक्स रिटर्न भर सकते हैं.
हमारे देश में लोग कई तरह की चैरिटी करते हैं. कुछ लोग अस्पताल को दान देते हैं, कुछ अनाथ आश्रम में, तो कुछ मंदिरों में. इसे बढ़ावा देने के लिए सरकार ऐसे दान पर टैक्सपेयर्स को टैक्स छूट भी देती है.
इनकम टैक्स एक्ट में ऐसे प्रावधान किए गए हैं, जिसमें आपको डोनेशन पर भी टैक्स छूट मिलती है. यानी कि आप किसी एनजीओ या किसी भी धार्मिक कामों में लगे संगठन को दान दे रहे हैं तो आप इसपर आईटी एक्ट की धारा 80G पर टैक्स डिडक्शन के लिए क्लेम कर सकते हैं.
टैक्स सिस्टम के अनुसार, Tax Deduction at Source (TDS) यानि स्त्रोत पर कर कटौती, टैक्सेशन (कर-निर्धारण) में बेहद महत्वपूर्ण शब्द है. जिसका सीधा संबंध टैक्सपेयर्स (कर दाताओं) से है. इसके माध्यम से सरकार इनकम टैक्स एकत्रित करती है.
हमारे देश में कानून का शासन है जिसका एक अभिन्न अंग है - निष्पक्षता की आवश्यकता. कर आंकलन के मामलों में यह अनिवार्य है कि कर आंकलन के विभिन्न कारकों के बारे में अपने विवेक का इस्तेमाल कर आंकलन अधिकारी अपने आदेश में ऐसा करने का पर्याप्त प्रमाण दें.
वित्त मंत्रालय के द्वारा केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE ) को विभिन्न माध्यमों से होने वाली कमाई में लगने वाले Income tax में छूट देने का फैसला लिया है. मंत्रालय के द्वारा बतया गया की बोर्ड को ये छूट साल आयकर अधिनियम ( Income Tax Act ) की धरा 46A के तहत दी गई हैं.
अगर आपसे पूछा जाए कि Banking sector में वकीलों का क्या काम होता है ? तो शायद आप में से ज्यादातर लोग यही कहेंगें, बैंक के लिए कानूनी सलाह देना और कोर्ट में बैंक का प्रतिनिधित्व करना. लेकिन बात सिर्फ इतनी सी नहीं है. Lawyers के लिए बैंकिंग क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की भूमिकाएं है. इसमें बैंक से लेकर ग्राहकों तक को सुविधाएं प्रदान करने से जुड़े काम है.
नकली सामान हो या कोई रसीद उसे वैध कभी माना नहीं जाता है और जो लोग इनका इस्तेमाल करते हैं उन्हें कानूनी रूप से माफ भी नहीं किया जा सकता है.
देश का हर वो व्यक्ति जो टैक्स पेयर है टैक्स भरते वक्त ये जरुर सोचता होगा कि काश टैक्स भरना ही ना पड़ता, लेकिन क्या आप यकीन करेंगे कि हमारे देश का एक ऐसा हिस्सा है जो कभी टैक्स भरता ही नहीं है और उनके इस अधिकार की रक्षा देश का संविधान करता है.
जो होम लोन लिया गया है वह केवल आवासीय संपत्ति के लिए होना चाहिए न कि व्यावसायिक संपत्ति के लिए. यानि कि जो घर आप खरीद रहे हैं उसका प्रयोग रहने के लिए करेंगे ना कि व्यवसाय के लिए.
व्यापार चाहें कोई भी करें अगर आपकी योजना अच्छी नहीं तो आपको लाभ से ज्यादा नुकसान सहना पड़ेगा. इसलिए जरुरी है कि आपके पास अपने व्यापार से जुड़ी हर तरह की जानकारी हो. जिसका इस्तेमाल करके अपना व्यापार अच्छे से चला पाएंगे.
कैपिटल गेन फाइनेंशियल ईयर में 1 लाख से कम होना चाहिए. 80C के तहत टैक्स फ्री निवेश में इसे भी रखा गया है. हालांकि, ये बाजार से जुड़ा निवेश है तो रिटर्न अश्योर्ड नहीं होता है. इस योजना में 3 साल का लॉक-इन पीरियड होता है. इसमें आप प्रीमैच्योर विदड्रॉल नहीं कर सकते.
जीएसटी को लागू हुए पांच साल से अधिक समय हो गया है लेकिन अपीलीय न्यायाधिकरण नहीं होने की वजह से जीएसटी के तहत अनसुलझे कानूनी मामले लंबित होते जा रहे हैं.
बेटियों को लेकर अक्सर मां बाप चिंतित रहते हैं, खास करके समाज का वो हिस्सा जिनकी आमदनी कम है और खर्च ज्यादा. ऐसे मां बाप के लिए सरकार ने इस योजना को बनाया है.
Delhi Highcourt ने इसके साथ ही सिब्बल की याचिका पर नोटिस जारी करते हुए अधिकारियों से जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया, मामले की सुनवाई 14 सितंबर को होगी.
यदि कोई खरीदार टीडीएस एकत्र करने में विफल रहता तब किसी भी खरीद लेनदेन में से 30% जिस पर टीडीएस नहीं काटा गया है, खर्च या व्यय के रूप में अस्वीकृत हो जाएगा.
लीव ट्रैवल अलाउंस (LTA) एक कर्मचारी को कंपनी की ओर से दिया जाता है. इसमें परिवार समेत भारत में कहीं घूमने जाने पर हुए खर्च की भरपाई कंपनी द्वारा की जाती है. LTA के तौर पर मिले पैसों पर टैक्स छूट भी ली जा सकती है, लेकिन इसके लिए कुछ नियम है.
दूसरे देशों में जाना या वहां निवेश करना या फिर वहां जाकर पढ़ाई करना अब इतना सस्ता नहीं रहेगा. पहले की तुलना में और महंगा हो जाएगा.
आयकर अधिनियम की धारा 40A का उल्लेख आयकर अधिनियम के अध्याय IV में है. आयकर अधिनियम का अध्याय IV "व्यवसाय या पेशे से लाभ और मुनाफे" शीर्षक के तहत कुल आय की गणना के बारे में है. धारा 40A, व्यापार या पेशे से लाभ और मुनाफे के अधीन कुल आय की गणना करते वक्त लागू होता है.
"आईटीआर फॉर्म एक अप्रैल, 2023 से प्रभावी होंगे और आगामी आकलन वर्ष की शुरुआत से रिटर्न दाखिल करने की सुविधा देने के लिए इन्हें पहले ही अधिसूचित कर दिया गया है,’’ केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने बयान में कहा.
समाज के विभिन्न वर्गों को अस्वास्थ्यकर या जंक फूड आइटम्स के सेवन से दूर रखने के लिए सरकार Tax बढ़ा के भी ऐसी वस्तुओं की demand को काम करने की कोशिश करती है ताकि लोगों को इनके सेवन से रोका जा सके.
'आस्थगित कर’ शब्द भविष्य में देय कर की अनुमानित राशि को संदर्भित करता है. आस्थगित कर भविष्य में कर योग्य लाभ और लेखांकन लाभ के कारण उत्पन्न होने वाले किसी भी अंतर को समायोजित करने के लिए भुगतान की जाने वाली इन्कम की राशि है.
बढ़ती महंगाई से जूझ रहें मध्यम वर्ग के नागरिकों के लिए टैक्स छूट 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये करने की घोषणा की गई है.वर्तमान व्यवस्था के अंतर्गत दिए गए टैक्स स्लैब्स में भी बदलाव किया गया है. अब टैक्स स्लैब्स को 6 से कम करके 5 कर दिए गए हैं.