हाई वैल्यू कैश ट्रांजेक्शन में लापरवाही बरतने पर आ सकता है इनकम टैक्स एक्ट के तहत नोटिस
क्रेडिट कार्ड का बिल 1 लाख रुपये या उससे अधिक होने पर व्य़क्ति के द्वारा अगर कैश में पेमेंट किया जाता है. विभाग इसे लेकर जवाब मांग सकता है
क्रेडिट कार्ड का बिल 1 लाख रुपये या उससे अधिक होने पर व्य़क्ति के द्वारा अगर कैश में पेमेंट किया जाता है. विभाग इसे लेकर जवाब मांग सकता है
अगर आपकी सालाना आय इनकम टैक्स नियमों के दायरे में ना आये तब भी क्या आपको टैक्स भरना चाहिए. जानते हैं नियम
हमारे देश में दो टैक्स रिजीम हैं- ओल्ड और न्यू. दोनों में बहुत ज्यादा फर्क हैं. दोनों में टैक्सेबल इनकम का दायरा अलग-अलग है.
इनकम टैक्स एक्ट में ऐसे प्रावधान किए गए हैं, जिसमें आपको डोनेशन पर भी टैक्स छूट मिलती है. यानी कि आप किसी एनजीओ या किसी भी धार्मिक कामों में लगे संगठन को दान दे रहे हैं तो आप इसपर आईटी एक्ट की धारा 80G पर टैक्स डिडक्शन के लिए क्लेम कर सकते हैं.
कई बार आपने देखा होगा कि किसी वस्तु का दाम बहुत कम हो जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह किस कानून के तहत किया जाता है.
नकली सामान हो या कोई रसीद उसे वैध कभी माना नहीं जाता है और जो लोग इनका इस्तेमाल करते हैं उन्हें कानूनी रूप से माफ भी नहीं किया जा सकता है.
देश का हर वो व्यक्ति जो टैक्स पेयर है टैक्स भरते वक्त ये जरुर सोचता होगा कि काश टैक्स भरना ही ना पड़ता, लेकिन क्या आप यकीन करेंगे कि हमारे देश का एक ऐसा हिस्सा है जो कभी टैक्स भरता ही नहीं है और उनके इस अधिकार की रक्षा देश का संविधान करता है.
जो होम लोन लिया गया है वह केवल आवासीय संपत्ति के लिए होना चाहिए न कि व्यावसायिक संपत्ति के लिए. यानि कि जो घर आप खरीद रहे हैं उसका प्रयोग रहने के लिए करेंगे ना कि व्यवसाय के लिए.
व्यापार चाहें कोई भी करें अगर आपकी योजना अच्छी नहीं तो आपको लाभ से ज्यादा नुकसान सहना पड़ेगा. इसलिए जरुरी है कि आपके पास अपने व्यापार से जुड़ी हर तरह की जानकारी हो. जिसका इस्तेमाल करके अपना व्यापार अच्छे से चला पाएंगे.
बेटियों को लेकर अक्सर मां बाप चिंतित रहते हैं, खास करके समाज का वो हिस्सा जिनकी आमदनी कम है और खर्च ज्यादा. ऐसे मां बाप के लिए सरकार ने इस योजना को बनाया है.
आयकर की परिधि को बढ़ाने के लिए सरकार हमेशा से प्रयासरत है और इनमें से एक कदम था वर्ष 2021 में आयकर अधिनियम में वित्तीय अधिनियम द्वारा धारा 194 Q का जोड़ा जाना, जो माल की खरीद पर स्रोत कटौती(TDS) की बात करता है.
यदि कोई खरीदार टीडीएस एकत्र करने में विफल रहता तब किसी भी खरीद लेनदेन में से 30% जिस पर टीडीएस नहीं काटा गया है, खर्च या व्यय के रूप में अस्वीकृत हो जाएगा.
लीव ट्रैवल अलाउंस (LTA) एक कर्मचारी को कंपनी की ओर से दिया जाता है. इसमें परिवार समेत भारत में कहीं घूमने जाने पर हुए खर्च की भरपाई कंपनी द्वारा की जाती है. LTA के तौर पर मिले पैसों पर टैक्स छूट भी ली जा सकती है, लेकिन इसके लिए कुछ नियम है.
आयकर अधिनियम की धारा 40A का उल्लेख आयकर अधिनियम के अध्याय IV में है. आयकर अधिनियम का अध्याय IV "व्यवसाय या पेशे से लाभ और मुनाफे" शीर्षक के तहत कुल आय की गणना के बारे में है. धारा 40A, व्यापार या पेशे से लाभ और मुनाफे के अधीन कुल आय की गणना करते वक्त लागू होता है.
"आईटीआर फॉर्म एक अप्रैल, 2023 से प्रभावी होंगे और आगामी आकलन वर्ष की शुरुआत से रिटर्न दाखिल करने की सुविधा देने के लिए इन्हें पहले ही अधिसूचित कर दिया गया है,’’ केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने बयान में कहा.
क्रेडिट कार्ड का बिल 1 लाख रुपये या उससे अधिक होने पर व्य़क्ति के द्वारा अगर कैश में पेमेंट किया जाता है. विभाग इसे लेकर जवाब मांग सकता है
हमारे देश में दो टैक्स रिजीम हैं- ओल्ड और न्यू. दोनों में बहुत ज्यादा फर्क हैं. दोनों में टैक्सेबल इनकम का दायरा अलग-अलग है.
इनकम टैक्स एक्ट में ऐसे प्रावधान किए गए हैं, जिसमें आपको डोनेशन पर भी टैक्स छूट मिलती है. यानी कि आप किसी एनजीओ या किसी भी धार्मिक कामों में लगे संगठन को दान दे रहे हैं तो आप इसपर आईटी एक्ट की धारा 80G पर टैक्स डिडक्शन के लिए क्लेम कर सकते हैं.
कई बार आपने देखा होगा कि किसी वस्तु का दाम बहुत कम हो जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह किस कानून के तहत किया जाता है.
नकली सामान हो या कोई रसीद उसे वैध कभी माना नहीं जाता है और जो लोग इनका इस्तेमाल करते हैं उन्हें कानूनी रूप से माफ भी नहीं किया जा सकता है.
देश का हर वो व्यक्ति जो टैक्स पेयर है टैक्स भरते वक्त ये जरुर सोचता होगा कि काश टैक्स भरना ही ना पड़ता, लेकिन क्या आप यकीन करेंगे कि हमारे देश का एक ऐसा हिस्सा है जो कभी टैक्स भरता ही नहीं है और उनके इस अधिकार की रक्षा देश का संविधान करता है.
जो होम लोन लिया गया है वह केवल आवासीय संपत्ति के लिए होना चाहिए न कि व्यावसायिक संपत्ति के लिए. यानि कि जो घर आप खरीद रहे हैं उसका प्रयोग रहने के लिए करेंगे ना कि व्यवसाय के लिए.
व्यापार चाहें कोई भी करें अगर आपकी योजना अच्छी नहीं तो आपको लाभ से ज्यादा नुकसान सहना पड़ेगा. इसलिए जरुरी है कि आपके पास अपने व्यापार से जुड़ी हर तरह की जानकारी हो. जिसका इस्तेमाल करके अपना व्यापार अच्छे से चला पाएंगे.
बेटियों को लेकर अक्सर मां बाप चिंतित रहते हैं, खास करके समाज का वो हिस्सा जिनकी आमदनी कम है और खर्च ज्यादा. ऐसे मां बाप के लिए सरकार ने इस योजना को बनाया है.
यदि कोई खरीदार टीडीएस एकत्र करने में विफल रहता तब किसी भी खरीद लेनदेन में से 30% जिस पर टीडीएस नहीं काटा गया है, खर्च या व्यय के रूप में अस्वीकृत हो जाएगा.
लीव ट्रैवल अलाउंस (LTA) एक कर्मचारी को कंपनी की ओर से दिया जाता है. इसमें परिवार समेत भारत में कहीं घूमने जाने पर हुए खर्च की भरपाई कंपनी द्वारा की जाती है. LTA के तौर पर मिले पैसों पर टैक्स छूट भी ली जा सकती है, लेकिन इसके लिए कुछ नियम है.
आयकर अधिनियम की धारा 40A का उल्लेख आयकर अधिनियम के अध्याय IV में है. आयकर अधिनियम का अध्याय IV "व्यवसाय या पेशे से लाभ और मुनाफे" शीर्षक के तहत कुल आय की गणना के बारे में है. धारा 40A, व्यापार या पेशे से लाभ और मुनाफे के अधीन कुल आय की गणना करते वक्त लागू होता है.
"आईटीआर फॉर्म एक अप्रैल, 2023 से प्रभावी होंगे और आगामी आकलन वर्ष की शुरुआत से रिटर्न दाखिल करने की सुविधा देने के लिए इन्हें पहले ही अधिसूचित कर दिया गया है,’’ केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने बयान में कहा.