सुप्रीम कोर्ट ने 1984 सिख दंगों के आरोपियों को बरी करने पर जारी किया नोटिस
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सिख विरोधी दंगे में बरी किए गए छह आरोपियों को नोटिस जारी करते हुए निचली अदालत से रिकॉर्ड देने मांग की है.
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सिख विरोधी दंगे में बरी किए गए छह आरोपियों को नोटिस जारी करते हुए निचली अदालत से रिकॉर्ड देने मांग की है.
यह दूसरा मामला है, जिसमे सज्जन कुमार को उम्रकैद की सज़ा हुई है. इससे पहले दिल्ली के राजनगर इलाके में पांच सिखों के क़त्ल के जुर्म में उसे हाई कोर्ट से उम्रकैद की सज़ा हुई थी. सज्जन कुमार उस केस में पहले से जेल में बंद है.
दिल्ली पुलिस ने 1984 के सिख दंगों के सिलसिले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के लिए मौत की सज़ा की मांग की है. पुलिस ने कहा कि कुमार ने कथित तौर पर एक खास समुदाय को निशाना बनाया, जिसके कारण काफी हिंसा हुई.
1984 Anti Sikh Riots: दो सिखों की हत्या के मामले में सज्जन कुमार की सजा पर राउज एवेन्यू कोर्ट 18 फरवरी के दिन फैसला करेगा.
दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े सरस्वती विहार मामले में अपना फैसला स्थगित कर दिया है. पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार पर एक भीड़ को उकसाने का आरोप है, जिसने 1 नवंबर 1984 को दो सिखों पर हमला किया और उनकी हत्या कर दी.
केंद्र सरकार की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट में 1984 के सिख विरोधी (Sikh Riots) दंगों के मामलों में कई आरोपियों को सजा देने की जगह बरी करने के दावे करते हुए कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट ने आठ अपील को खारिज कर दिया है.
राउज एवेन्यू कोर्ट ने पुल बंगश सिख हत्याकांड मामले में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के मामले में आरोप तय करने को लेकर हुई सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा है.
1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े मामले में अग्रिम जमानत के लिए कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर ने दिल्ली के एक कोर्ट में याचिका दायर की जिसपर विशेष न्यायाधीश ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है; यह फैसला 4 अगस्त, 2023 को सुनाया जाएगा..
1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े मामले में अग्रिम जमानत के लिए कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर ने दिल्ली के एक कोर्ट में याचिका दायर की है। विशेष न्यायाधीश ने इस मामले में सीबीआई को नोटिस जारी किया है और दो अगस्त यानी आज उनसे जवाब भी मांगा है...
सरकार ने कहा कि दंगों के मामलों को देखने के लिए उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद गठित दो-सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) ने 2019 में सिफारिश की थी कि आरोपियों को बरी करने के 1995 के आदेश के खिलाफ अपील दायर की जा सकती है। साक्ष्यों के अभाव में मामले को बंद कर दिया गया था।
दिल्ली में वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगों की घटनाओं की जांच के लिए केंद्र द्वारा वर्ष 2000 में न्यायमूर्ति नानावती जांच आयोग की स्थापना की गई थी.
केंद्रीय जांच एजेंसी ने जगदीश टाइटलर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के कई धाराओं के तहत आरोपपत्र दाखिल किए हैं.
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सिख विरोधी दंगे में बरी किए गए छह आरोपियों को नोटिस जारी करते हुए निचली अदालत से रिकॉर्ड देने मांग की है.
यह दूसरा मामला है, जिसमे सज्जन कुमार को उम्रकैद की सज़ा हुई है. इससे पहले दिल्ली के राजनगर इलाके में पांच सिखों के क़त्ल के जुर्म में उसे हाई कोर्ट से उम्रकैद की सज़ा हुई थी. सज्जन कुमार उस केस में पहले से जेल में बंद है.
दिल्ली पुलिस ने 1984 के सिख दंगों के सिलसिले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के लिए मौत की सज़ा की मांग की है. पुलिस ने कहा कि कुमार ने कथित तौर पर एक खास समुदाय को निशाना बनाया, जिसके कारण काफी हिंसा हुई.
1984 Anti Sikh Riots: दो सिखों की हत्या के मामले में सज्जन कुमार की सजा पर राउज एवेन्यू कोर्ट 18 फरवरी के दिन फैसला करेगा.
दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े सरस्वती विहार मामले में अपना फैसला स्थगित कर दिया है. पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार पर एक भीड़ को उकसाने का आरोप है, जिसने 1 नवंबर 1984 को दो सिखों पर हमला किया और उनकी हत्या कर दी.
केंद्र सरकार की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट में 1984 के सिख विरोधी (Sikh Riots) दंगों के मामलों में कई आरोपियों को सजा देने की जगह बरी करने के दावे करते हुए कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट ने आठ अपील को खारिज कर दिया है.
राउज एवेन्यू कोर्ट ने पुल बंगश सिख हत्याकांड मामले में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के मामले में आरोप तय करने को लेकर हुई सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा है.
1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े मामले में अग्रिम जमानत के लिए कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर ने दिल्ली के एक कोर्ट में याचिका दायर की जिसपर विशेष न्यायाधीश ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है; यह फैसला 4 अगस्त, 2023 को सुनाया जाएगा..
1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े मामले में अग्रिम जमानत के लिए कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर ने दिल्ली के एक कोर्ट में याचिका दायर की है। विशेष न्यायाधीश ने इस मामले में सीबीआई को नोटिस जारी किया है और दो अगस्त यानी आज उनसे जवाब भी मांगा है...
सरकार ने कहा कि दंगों के मामलों को देखने के लिए उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद गठित दो-सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) ने 2019 में सिफारिश की थी कि आरोपियों को बरी करने के 1995 के आदेश के खिलाफ अपील दायर की जा सकती है। साक्ष्यों के अभाव में मामले को बंद कर दिया गया था।
दिल्ली में वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगों की घटनाओं की जांच के लिए केंद्र द्वारा वर्ष 2000 में न्यायमूर्ति नानावती जांच आयोग की स्थापना की गई थी.
केंद्रीय जांच एजेंसी ने जगदीश टाइटलर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के कई धाराओं के तहत आरोपपत्र दाखिल किए हैं.