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सुप्रीम कोर्ट ने 1984 सिख दंगों के आरोपियों को बरी करने पर जारी किया नोटिस

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सिख विरोधी दंगे में बरी किए गए छह आरोपियों को नोटिस जारी करते हुए निचली अदालत से रिकॉर्ड देने मांग की है.

सुप्रीम कोर्ट

Written by Satyam Kumar |Published : May 6, 2025 3:21 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने 1984 सिख विरोधी दंगों के छह आरोपियों को बरी करने के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया है.वहीं, मामले की सुनवाई को 21 जुलाई के लिए स्थगित किया है.

बरी किए आरोपियों को नोटिस

जस्टिस अभय एस. ओक और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने नोटिस जारी कर बरी किए गए लोगों से जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के रिकॉर्ड को भी तलब किया है. एडवोकेट एचएस फुल्का ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने छह मामलों में बरी किए गए लोगों को नोटिस जारी किया है. हमने कोर्ट को यह बताया कि कत्ल के कई मुकदमों में मुलज़िमों को पेश नहीं किया गया और बाद में उन्हें छोड़ दिया गया. इस पर भी सुप्रीम कोर्ट की तरफ से नोटिस जारी किया गया है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को यह भी बताया गया कि सिख विरोधी दंगों में 56 हत्या मामलों में से केवल 5 मामलों में चार्जशीट दायर की गई और बाकी 51 मामलों में चार्जशीट दाखिल नहीं की गई, जिस पर भी सरकार से जवाब मांगा गया है. सुप्रीम कोर्ट अब इन मामलों की सुनवाई जुलाई करेगी.

एचएस फुल्का ने बताया कि अब दिल्ली हाईकोर्ट में भी इन मामलों को लेकर सुनवाई शुरू हो गई है और सुप्रीम कोर्ट भी इसे गंभीरता से ले रहा है. मुझे उम्मीद है कि इन मामलों में अब कुछ केसों को फिर से खोला जाएगा, ताकि दोषियों को सजा मिल सके.

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क्या है मामला?

उल्लेखनीय है कि साल 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े एक मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 25 फरवरी, 2025 को कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. यह मामला 1 नवंबर 1984 को दिल्ली के सरस्वती विहार इलाके में दो सिख नागरिक जसवंत सिंह और उनके बेटे तरुणदीप सिंह को जिंदा जलाने का है. इस दौरान सिखों का नरसंहार हुआ था और उनके घरों को आग के हवाले कर दिया गया था.

(खबर IANS से है)