1984 के सिख विरोधी दंगों (Anti-Sikh Riots) के दौरान सरस्वती विहार इलाके में दो सिखों की हत्या के मामले में राऊज एवेन्यु कोर्ट (Rouse Avenue Court) ने पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार (Sajjan Kumar) को दोषी ठहराया है. वहीं, सज्जन कुमार की सजा पर अदालत 18 फरवरी के दिन फैसला सुनाएगी. सज्जन कुमार पर दिल्ली के सरस्वती विहार इलाके में 1 नवंबर 1984 को हुई सिख पिता पुत्र की हत्या का आरोप लगा है. पूर्व कांग्रेस सांसद पर आरोप है कि वो भीड़ का नेतृत्व कर रहा था. उसके उकसावे पर भीड़ ने दो सिखों को जिंदा जला दिया, घर में लूटपाट की और घर में मौजूद दूसरे लोगों को घायल किया.
राउज एवेन्यू कोर्ट ने 7 फरवरी के दिन ही सज्जन कुमार के आरोपों पर फैसला सुनाने वाली थी, हालांकि, ये सुनवाई किसी वजह से टल गई. लेकिन आज अदालत ने सज्जन कुमार को दोषी करार दिया है. इससे पहले, राउज एवेन्यू कोर्ट ने 31 जनवरी को सरकारी वकील मनीष रावत की अतिरिक्त दलीलें सुनने के बाद सज्जन कुमार की सजा पर फैसला सुरक्षित रखा था. अधिवक्ता अनिल शर्मा ने दलील दी थी कि सज्जन कुमार का नाम शुरू से ही नहीं था और गवाह ने उनका नाम 16 साल बाद लिया. इस पर सरकारी वकील मनीष रावत ने कहा कि पीड़िता, आरोपी को नहीं जानती थी. जब उसे पता चला कि सज्जन कुमार कौन है, तो उसने अपने बयान में उनका नाम लिया.
शिकायतकर्ताओं के अनुसार, सज्जन कुमार ने भीड़ का नेतृत्व किया और उन्हें हमले के लिए उकसाया. पूर्व कांग्रेस सांसद पर आरोप है कि उन्होंने दोनों सिखों को उनके घर में जिंदा जला दिया. इसके अलावा, भीड़ ने घर में तोड़फोड़, लूटपाट और आगजनी भी की थी. इस घटना से संबंधित एफआईआर उत्तरी दिल्ली के सरस्वती विहार थाने में दर्ज की गई थी.