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1984 Sikh Riots के आरोपियों को सजा देने की जगह बरी...केन्द्र ने SC से ये क्या कह दिया

केंद्र सरकार की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट में 1984 के सिख विरोधी (Sikh Riots) दंगों के मामलों में कई आरोपियों को सजा देने की जगह बरी करने के दावे करते हुए कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट ने आठ अपील को खारिज कर दिया है.

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली सिख दंगा

Written by Satyam Kumar |Updated : January 28, 2025 12:00 PM IST

केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में दावा किया कि 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामलों में सुनवाई के दौरान कई आरोपियों को दोषी ठहराने के बजाय बरी किया गया. केन्द्र सरकार की ओर से मौजूद अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी (ASG Aishwayra Bhati)  ने सुप्रीम कोर्ट को दिल्ली पुलिस द्वारा दायर नवीनतम स्थिति रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि आठ अपीलें दायर की गई थीं, जिन्हें दिल्ली उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया.

केंद्र और दिल्ली पुलिस की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ को बताया कि उन्होंने आरोपियों को बरी किए जाने के खिलाफ अपील दायर की थी लेकिन देरी के आधार पर उन्हें खारिज कर दिया गया. भाटी ने कहा कि 11 जनवरी 2018 को शीर्ष अदालत ने 1984 के दंगों से संबंधित 186 मामलों की जांच के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एस एन ढींगरा की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया था. उन्होंने कहा कि एसआईटी ने मामलों की जांच की और कई मामलों में बरी किये जाने के खिलाफ अपील दायर करने की सिफारिश की. उन्होंने इस संबंध में दिल्ली पुलिस द्वारा दायर नवीनतम स्थिति रिपोर्ट का हवाला दिया और कहा कि आठ अपील दायर की गईं जिन्हें दिल्ली उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया और कुछ मामलों में निर्णय को शीर्ष अदालत ने बरकरार रखा, पीठ ने कहा कि केंद्र को इस बात पर निर्णय लेना होगा कि बरी करने और बर्खास्त करने के सभी आदेशों को अपीलीय अदालतों के समक्ष चुनौती क्यों नहीं दी गई.

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल भाटी ने कहा, ‘‘ मैं हलफनामे से आगे नहीं जा सकती लेकिन हम यह कह सकते हैं कि रिकॉर्ड से यह स्पष्ट है कि कई मामलों में सुनवाई इस तरह से की गई, जिसके परिणामस्वरूप आरोपियों को दोषी ठहराए जाने के बजाय बरी कर दिया गया.’’ उन्होंने कहा कि केंद्र ने एसआईटी की सिफारिश के अनुसार अपील दायर की है. पीठ ने कहा कि केंद्र की स्थिति रिपोर्ट उसके पास नहीं है और वह पहले उसे देखना चाहेगी. पीठ अब मामले की सुनवाई अगले सोमवार को करेगी.

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(खबर पीटीआई इनपुट से है)