नाबालिग के साथ रेप के आरोपी को मिली जमानत, Bombay High Court ने कहा- पीड़िता आरोपी से प्यार करती थी
अदालत ने कहा- नाबालिग ने कबूल किया है कि वो खुद से आरोपी के साथ गई थी. वो दोनों एक-दूसरे से प्यार करते थे.
अदालत ने कहा- नाबालिग ने कबूल किया है कि वो खुद से आरोपी के साथ गई थी. वो दोनों एक-दूसरे से प्यार करते थे.
POCSO Court ने कहा कि कोई भी भारतीय लड़की रेप का झूठा आरोप नहीं लगाएगी, क्योंकि अगर वो झूठी साबित हुई तो उसे जीवनभर तिरस्कार की नजर से देखा जाएगा.
Rape Case: अदालत ने 16 साल से अधिक उम्र के किशोरों के बीच सहमति से बनाए गए यौन संबंध को अपराध की कैटेगरी से बाहर रखने का सुझाव दिया.
हाईकोर्ट ने पुणे में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत एक विशेष अदालत को पीड़िता का बयान जल्द से जल्द दर्ज करने का भी निर्देश दिया.
ट्रायल कोर्ट ने दोषी को 3 साल की कैद की सजा सुनाई थी. साथ ही 4 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया था. इसके खिलाफ आरोपी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
न्यायाधीश ने 26 जुलाई के एक आदेश में आरोपी को पांच साल कठोर कारावास की सजा सुनाई और उस पर सात हजार रुपये का जुर्माना लगाया, जिसमें से पांच हजार रुपये पीड़िता को मुआवजे के रूप में दिए जाने हैं।
कर्नाटक की एक घटना है जिसमें एक शिक्षक पर एक नाबालिग छात्र के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का आरोप लगाया गया। इस मामले में कर्नाटक के एक फास्ट ट्रैक कोर्ट ने शिक्षक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है और उसपर आर्थिक जुर्माना भी लगाया है...
उच्च न्यायालय ने फटकार लगाते हुए कहा कि विशेष अदालत ने खुद कहा था कि पीड़ितों के बयानों ये यह पता चलता है कि इस गंभीर अपराध को अंजाम दिया गया था
एक मामले में फैसला सुनाते समय उच्चतम न्यायालय ने यह कहा है कि 'किशोर न्याय अधिनियम' के अनुसार अगर पॉक्सो अधिनियम के तहत पीड़ित की उम्र की पुष्टि करनी है, तो उसके लिए स्कूल का ट्रांसफर सर्टिफिकेट इस्तेमाल नहीं किया जाएगा...
एक मामले की सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय ने यह स्पष्ट किया है कि 'किशोर न्याय अधिनियम' के तहत किसी की उम्र की पुष्टि उसके स्कूल ट्रांसफर सर्टिफिकेट के आधार पर नहीं की जा सकती है। मामला क्या था और अदालत का इसपर क्या कहना है, जानिए...
देश में क्या शारीरिक संबंधों की रजामंदी की उम्र यानी 'एज ऑफ कन्सेंट' शादी की उम्र से कम होनी चाहिए? कई मामलों की सुनवाई के दौरान बंबई उच्च न्यायालय ने यह टिप्पणी की है...
क्या देश में 'एज ऑफ कन्सेंट' और 'एज ऑफ मैरिज' अलग होनी चाहिए? इससे जुड़ा एक मामला बंबई उच्च न्यायालय में आया जहां उन्होंने इसपर अपने विचार व्यक्त किये हैं.
कर्नाटक उच्च न्यायालय में सत्र अदालत से एक विचित्र मामला आया जिसमें पत्नी ने अपने पति पर अपनी चार साल की नाबालिग बेटी के यौन शोषण का आरोप लगाया है। प्रारम्भिक जांच से असन्तुष्ट पत्नी ने सत्र अदालत के बाद कर्नाटक हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया...
स्कूल में यदि बच्चों को ज्यादा होमवर्क दिया जा रहा है या फिर उन्हें क्लास में अध्यापक से प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है तो क्या यह सब पॉक्सो अधिनियम के तहत अपराध माना जाएगा? कर्नाटक में पुलिस में एक ऐसा ही मामला दर्ज कराया गया है...
2017 में, वालयार में कथित यौन उत्पीड़न के बाद दो महीनों के अंतर पर एक घर की दोनों बेटियों को रहस्यमयी तरीके से मृत पाया गया था। रेप और मर्डर के इस मामले में अब पीड़िताओं की मां ने केरल उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है और आईओ के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की है...
दिल्ली पुलिस ने 15 जून को नाबालिग पहलवान के सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए शिकायत मामले में एफआईआर रद्द करने की मांग की थी।
आरोपी को 2020 में बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया गया था,
POSCO Act के तहत एक मामले की सुनवाई करते समय उच्च न्यायालय ने केंद्र से कहा है कि उन्हें कन्सेंट एज 18 से कम करके 16 कर देनी चाहिए
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2017 में, वालयार में कथित यौन उत्पीड़न के बाद दो महीनों के अंतर पर एक घर की दोनों बेटियों को रहस्यमयी तरीके से मृत पाया गया था। रेप और मर्डर के इस मामले में अब पीड़िताओं की मां ने केरल उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है और आईओ के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की है...
दिल्ली पुलिस ने 15 जून को नाबालिग पहलवान के सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए शिकायत मामले में एफआईआर रद्द करने की मांग की थी।
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आरोपपत्र में भारतीय कुश्ती महासंघ के निलंबित सहायक सचिव विनोद तोमर का भी नाम है...
एक युवक ने अपनी 12 साल की पड़ोसी का, जो तीसरी कक्षा में पढ़ती है, बलात्कार किया' पॉक्सो कोर्ट ने दोषी को कठोर सजा सुनाई है। जानें अदालत का फैसला क्या है
दर्ज आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि 16 वर्ष की उम्र में नाबालिग होने के बाद भी पीड़िता ने याचिकाकर्ता के पक्ष में बयान दिया है.
केवल अपराध करना ही नहीं बल्कि उसे छुपाने वाला भी अपराधी होता है जिसके बारे में पॉक्सो अधिनियम में बताया गया है.
दोषी दीपक कुमार पर 11 जुलाई 2017 को एक नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर अपने साथ भगा ले जाने का आरोप तय हुआ है.
महिला अधिकार कार्यकर्ता रेहाना फातिमा के खिलाफ बच्चों का यौन शोषण से संरक्षण (पॉक्सो) कानून, किशोर न्याय और सूचना एवं प्रौद्योगिकी कानून के तहत मुकदमा चल रहा था.
WFI प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ IPC और POCSO अधिनियम के कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है.
पुलिस ने सैफ को हिरासत में लेकर जब पूछताछ की तो उसने जुर्म कबूल कर लिया और उसकी निशानदेही पर बच्चे का शव घर से करीब पांच सौ मीटर दूर एक नाले से बरामद किया गया.
आरोपी बिजॉय बिन जो की हैलाकांडी जिले के धोलासीत गांव का निवासी है, के खिलाफ पुलिस ने पिछले साल 18 जनवरी को मामला दर्ज किया था.
अदालत ने पहले पुलिस को स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था. लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने अदालत को बताया, ‘‘मामले की गंभीरता को देखते हुए हमने एक एसआईटी का गठन किया है. एसआईटी मामले की जांच करेगी.’’