Rape Case: मुंबई की स्पेशल पॉक्सो अदालत (POCSO Court) ने हाल ही में कहा कि कोई भी लड़की फर्जी रेप केस नहीं लगाती है. कोर्ट ने आगे कहा कि कोई भी भारतीय लड़की रेप का झूठा आरोप नहीं लगाएगी, क्योंकि अगर वो झूठी साबित हुई तो उसे जीवनभर तिरस्कार की नजर से देखा जाएगा. और तो और खासकर अविवाहित लड़की के लिए योग्य वर ढूंढना मुश्किल होगा. इन टिप्पणियों के साथ अदालत ने अपने दोस्त की नाबालिग बेटी का यौन उत्पीड़न के लिए 21 साल के लड़के को दोषी ठहराया. 10 साल की जेल की सजा सुनाई गई.
क्या है पूरा मामला?
घटना 10-11 मई 2021 की मध्यरात्रि को हुई, जब लड़की अपनी दादी के घर पर सोने के लिए चली गई, जो उसी पड़ोस में थी. हालांकि, जब लड़की वहां नहीं आई, तो उसके परिवार ने उसकी तलाश शुरू की. अगली सुबह लड़की रोती हुई घर लौटी. उसने अपनी मां को बताया कि आरोपी ने उसे घर बुलाया और उसका यौन उत्पीड़न किया.
कोर्ट ने क्या कहा?
जज ने सुनवाई के दौरान कहा कि जब तक कि वास्तव में कोई अपराध न किया गया हो, कोई भी लड़की इस तरह के आरोप नहीं लगाएगी. इससे उसकी पवित्रता पर असर पड़ने की संभावना है.
न्यायाधीश ने कहा कि पीड़िता के पास झूठी गवाही देने और आरोपी को फंसाने का कोई कारण नहीं है. यह देखा गया कि इसके विपरीत आरोपी पीड़िता का अच्छा दोस्त था. न्यायाधीश ने कहा कि इसके अलावा पीड़िता की आरोपी के साथ कोई दुश्मनी नहीं है. इस बारे में कुछ भी रिकॉर्ड पर नहीं लाया गया है कि वह आरोपी के खिलाफ गवाही क्यों दे रही है. इसलिए पीड़िता का यह सबूत कि आरोपी ने उसके साथ रेप किया था. विश्वसनीय लगता है और आत्मविश्वास जगाता है.
मामले में बताया गया कि आरोपी पीड़िता का अच्छा दोस्त था. इस पर अदालत ने कहा- भले ही बहस के लिए ये मान भी लिया जाए कि आरोपी और लड़की रिलेशनशिप में थे, इससे आरोपी को पीड़िता का यौन उत्पीड़न करने का अधिकार नहीं मिल जाता.
अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि पीड़िता की दलीलें और सबूतों को देखने से लगता है कि उसका यौन उत्पीड़न हुआ है. इसके साथ ही अदालत ने दोषी को 10 साल की जेल की सजा सुनाई.