'मुख्तार अंसारी को वापस नहीं ला सकते', बेटे उमर अंसारी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, यूपी सरकार को नोटिस जारी
उमर अंसारी ने जेल में मुख्तार अंसारी की मौत की परिस्थितियों की जांच को लेकर संबंधित याचिका में संशोधन करने की मांग की है.
उमर अंसारी ने जेल में मुख्तार अंसारी की मौत की परिस्थितियों की जांच को लेकर संबंधित याचिका में संशोधन करने की मांग की है.
सुप्रीम कोर्ट ने अब्बास अंसारी को अपने पिता मुख्तार अंसारी के चालीसवें में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल होने की इजाजत दी है.
मंगलवार के दिन सुप्रीम कोर्ट ने विधायकअब्बास अंसारी अपने दिवंगत पिता मुख्तार अंसारी के 'फातिहा' समारोह में शामिल होने की इजाजत दी है. मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद अब्बास अंसारी को आज शाम 5 बजे तक पुलिस सुरक्षा में गाजीपुर ले जाया जाएगा.
बांदा कोर्ट ने एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट को मामले की जांच करने के आदेश दिए हैं. जांच पूरी करके रिपोर्ट जमा करने के लिए एक महीने का समय दिया है.
यूपी की वाराणसी कोर्ट ने आर्म्स एक्ट के मामले में दोषी पाते हुए मुख्तार अंसारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.....
सुप्रीम कोर्ट ने मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी को आचार-संहिता उल्लंघन मामले में गिरफ्तारी से राहत दी है. उमर अंसारी के खिलाफ यह मामला यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान दर्ज हुआ था.
मुख्तार अंसारी को पिछले 13 महीने में छठी सजा सुनाई गई है. अंसारी को छह अलग-अलग मामलों में दोषी पाया गया है.
अंसारी फिलहाल उत्तर प्रदेश के बांदा की एक जेल में बंद है। पंजाब की रोपड़ जेल में बंद रहने के दौरान अंसारी ने पेशी के लिए अदालत जाने के दौरान एंबुलेंस का इस्तेमाल किया था।
गैंगस्टर मामले में मुख्तार अंसारी के भाई, अफजाल अंसारी को निचली अदालत ने चार साल की जेल की सजा सुनाई थी और उनपर आर्थिक जुर्माना भी लगाया था। इस सजा पर रोक लगाने हेतु अफजाल अंसारी की याचिका पर अब इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है।
कोर्ट ने कहा अब आप किसके लाभ के लिए राहत मांग रही हैं? आप उस व्यक्ति के लाभ के लिए राहत मांग रही हैं, जो अब नहीं है
ACJM विपिन यादव की कोर्ट में सुनवाई के दौरान मुकदमे में मुख्तार अंसारी समेत सभी 13 आरोपी कोर्ट में मौजूद रहे, जबकि एंबुलेंस मामले में कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 4 जुलाई को तय की है.
अतीक अहमद की हत्या के बाद गैंगस्टर संजीव जीवा की लखनऊ कोर्ट परिसर में गोली मारकर हत्या कर दी गई. जानें गैंगस्टर संजीव और उसके हमलावर की केस हिस्ट्री
लखनऊ कोर्ट परिसर में 20 लाख रुपये के बदले में शख्स ने इस गैंगस्टर की गोली मारकर की हत्या। मुख्यमंत्री ने जांच के लिए किया खास कमिटी का गठन
उसरी चट्टी हत्या कांड उत्तर प्रदेश के माफिया मुख़्तार अंसारी और भाजपा एमएलसी ब्रजेश सिंह के बीच हुए सबसे बड़े गोलीकांडों में से एक है. आज हम आपको बताएंगें क्या था ये केस
वर्ष 2017 में SC ने सांसद और विधायकों के लंबित मामलों के तेजी से निपटान के लिए देश भर में विशेष अदालत स्थापित करने का आदेश दिया था
जुलाई 2001 में तत्कालीन मऊ सदर विधायक मुख्तार अंसारी के काफिले पर गाजीपुर के यूसुफपुर कासिमाबाद मार्ग पर उसरी चट्टी के पास हमला किया गया था.
तीन अगस्त, 1991 को कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक अजय राय के भाई अवधेश राय की वाराणसी में उनके लहुराबीर आवास के द्वार पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी .
यूपी के डीजीपी को बाहुबली मुख्तार अंसारी की जेल व जेल के बाहर कोर्ट में पेशी के दौरान पुलिस घेरे में रखकर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था करने का निर्देश इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया. वहीं कोर्ट ने मीडिया को विचाराधीन कैदी का साक्षात्कार लेने पर रोक लगा दी है
उमर अंसारी ने जेल में मुख्तार अंसारी की मौत की परिस्थितियों की जांच को लेकर संबंधित याचिका में संशोधन करने की मांग की है.
सुप्रीम कोर्ट ने अब्बास अंसारी को अपने पिता मुख्तार अंसारी के चालीसवें में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल होने की इजाजत दी है.
बांदा कोर्ट ने एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट को मामले की जांच करने के आदेश दिए हैं. जांच पूरी करके रिपोर्ट जमा करने के लिए एक महीने का समय दिया है.
यूपी की वाराणसी कोर्ट ने आर्म्स एक्ट के मामले में दोषी पाते हुए मुख्तार अंसारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.....
सुप्रीम कोर्ट ने मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी को आचार-संहिता उल्लंघन मामले में गिरफ्तारी से राहत दी है. उमर अंसारी के खिलाफ यह मामला यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान दर्ज हुआ था.
मुख्तार अंसारी को पिछले 13 महीने में छठी सजा सुनाई गई है. अंसारी को छह अलग-अलग मामलों में दोषी पाया गया है.
अंसारी फिलहाल उत्तर प्रदेश के बांदा की एक जेल में बंद है। पंजाब की रोपड़ जेल में बंद रहने के दौरान अंसारी ने पेशी के लिए अदालत जाने के दौरान एंबुलेंस का इस्तेमाल किया था।
गैंगस्टर मामले में मुख्तार अंसारी के भाई, अफजाल अंसारी को निचली अदालत ने चार साल की जेल की सजा सुनाई थी और उनपर आर्थिक जुर्माना भी लगाया था। इस सजा पर रोक लगाने हेतु अफजाल अंसारी की याचिका पर अब इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है।
कोर्ट ने कहा अब आप किसके लाभ के लिए राहत मांग रही हैं? आप उस व्यक्ति के लाभ के लिए राहत मांग रही हैं, जो अब नहीं है
ACJM विपिन यादव की कोर्ट में सुनवाई के दौरान मुकदमे में मुख्तार अंसारी समेत सभी 13 आरोपी कोर्ट में मौजूद रहे, जबकि एंबुलेंस मामले में कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 4 जुलाई को तय की है.
लखनऊ कोर्ट परिसर में 20 लाख रुपये के बदले में शख्स ने इस गैंगस्टर की गोली मारकर की हत्या। मुख्यमंत्री ने जांच के लिए किया खास कमिटी का गठन
जुलाई 2001 में तत्कालीन मऊ सदर विधायक मुख्तार अंसारी के काफिले पर गाजीपुर के यूसुफपुर कासिमाबाद मार्ग पर उसरी चट्टी के पास हमला किया गया था.
तीन अगस्त, 1991 को कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक अजय राय के भाई अवधेश राय की वाराणसी में उनके लहुराबीर आवास के द्वार पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी .
जस्टिस कौशल जयेंद्र ठाकर और जस्टिस शिव शंकर प्रसाद की खंडपीठ ने उत्तरप्रदेश के डीजीपी को आदेश दिए है कि वह अंसारी को एक जेल से दूसरे जेल में स्थानांतरित करने और जेल से किसी भी अदालत में पेश करने के दौरान उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करें.
गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाना क्षेत्र के बासनिया चट्टी में नवंबर 2005 को वहा के बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय समेत 7 लोगो की हत्या कर दी गई थी.1985 से अंसारी परिवार का गढ रही गाजीपुर की मेाहमदाबाद विधानसभा सीट पर कृष्णानंद राय की जीत से अंसारी नाराज था.
अंसारी की 23 और बेनामी संपत्तियों का पता लगाया गया है. जानकारी के अनुसार गाजीपुर में मिश्रा के नाम दर्ज संपत्ति 0.207 हेक्टेयर है और इसकी कीमत 12 करोड़ रुपये है. रिकॉर्ड खंगालने पर अधिकारियों ने पाया कि मौजा कुपुरपुर में जमीन की रजिस्ट्री 25 नवंबर, 2017 को हुई थी.
विशेष अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एके श्रीवास्तव ने पाया कि अभियोजन पक्ष मुख्तार अंसारी और उनके चार सहयोगियों पर आरोप साबित करने में नाकाम रहा.
उत्तर प्रदेश जेल मैनुअल 2022 के अनुसार अदालत को केवल सुपीरियर क्लास देने की संस्तुति करने का अधिकार है, उसे मानने या अस्वीकार करने का अंतिम अधिकार राज्य सरकार को है.