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'मुख्तार अंसारी को वापस नहीं ला सकते', बेटे उमर अंसारी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, यूपी सरकार को नोटिस जारी

उमर अंसारी ने जेल में मुख्तार अंसारी की मौत की परिस्थितियों की जांच को लेकर संबंधित याचिका में संशोधन करने की मांग की है.

सुप्रीम कोर्ट

Written by Satyam Kumar |Published : July 15, 2024 5:17 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने दिवंगत मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है. याचिका में उमर अंसारी ने जेल में मुख्तार अंसारी की मौत की परिस्थितियों की जांच को लेकर संबंधित याचिका में संशोधन करने की मांग की है. उमर अंसारी ने पहले अपने पिता को बांदा जेल से उत्तर प्रदेश के बाहर किसी जेल में स्थानांतरित करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस हृषिकेश रॉय और एसवीएन भट्टी की पीठ ने उमर अंसारी की याचिका पर सुनवाई की. याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल अदालत के समक्ष मौजूद रहें. उन्होंने कहा कि मुख्तार अंसारी की जेल में मृत्यु हो गई थी और आग्रह किया कि इस पर कुछ जांच की जाए.

इस पर अदालत ने कहा कि वे उन्हें वापस नहीं ला सकते हैं.

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उमर अंसारी ने अपनी याचिका में और क्या दावा किया? 

ANI की रिपोर्ट के अनुसार,  याचिका में  बताया गया कि याचिकाकर्ता के पिता उत्तर प्रदेश राज्य में एक प्रसिद्ध राजनीतिक व्यक्ति हैं और उत्तर प्रदेश के मऊ निर्वाचन क्षेत्र से लगातार पांच बार विधानसभा के सदस्य रहे हैं. चूंकि याचिकाकर्ता के पिता एक राजनीतिक दल से हैं जो राजनीतिक और वैचारिक रूप से राज्य में सत्तारूढ़ व्यवस्था के विरोध में है, इसलिए याचिकाकर्ता, याचिकाकर्ता के पिता, भाई और उनके परिवार को राज्य द्वारा उत्पीड़न का निशाना बनाया गया है.

इसके अलावा, याचिका में यह भी कहा गया है, राज्य लगातार याचिकाकर्ता के परिवार, विशेष रूप से उसके पिता के खिलाफ व्यक्तिगत रूप से शत्रुतापूर्ण रुख अपनाता रहा है, लेकिन अब याचिकाकर्ता के पिता को विश्वसनीय जानकारी मिली है कि उनकी जान को गंभीर खतरा है और राज्य प्रतिष्ठान के भीतर कई लोगों द्वारा बांदा जेल में उनकी हत्या करने की साजिश रची जा रही है.

याचिकाकर्ता के पिता ने यह जानकारी अपने बेटे को दी है. याचिकाकर्ता और याचिकाकर्ता के पिता दोनों को अपने पिता के जीवन की रक्षा के एकमात्र उद्देश्य से अदालत में इस बात का पता लगाने के लिए विवश होना पड़ा है.

याचिका में हाल में ही हुई घटनाओं का भी जिक्र किया गया था. याचिका में कहा गया है कि मेराज अहमद और उसके सहयोगी मुकीम काला की मई, 2021 में यूपी के चित्रकूट जिला जेल की एक उच्च सुरक्षा वाली बैरक के अंदर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. याचिकाकर्ता ने कहा कि राज्य में न्यायेतर हत्याओं का एक परेशान करने वाला चलन है, जो अतीक अहमद हत्याकांड और दिसंबर 2019 के विचाराधीन शाहनवाज हत्याकांड सहित विभिन्न मामलों में देखा गया था