चुनाव की तारीख कब बदली जा सकती है? जानें जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 में इसे लेकर क्या प्रावधान है
जन प्रतिनिधि अधिनियम की धारा 57 के अनुसार रिटर्निंग ऑफिसर चुनाव आयोग को कारण बताते हुए चुनाव की तारीख टालने की घोषणा कर सकता है.
जन प्रतिनिधि अधिनियम की धारा 57 के अनुसार रिटर्निंग ऑफिसर चुनाव आयोग को कारण बताते हुए चुनाव की तारीख टालने की घोषणा कर सकता है.
एक इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन है जिसका उपयोग मतदान के लिए किया जाता है. वहीं, VVPAT, EVM के साथ इस्तेमाल होने वाला एक उपकरण है.
लोकसभा 2024 के लिए आदर्श आचार संहिता (MCC) 18 मार्च 2024 को चुनाव आयोग द्वारा घोषित की गई है. आचार संहिता चुनाव प्रक्रिया के दौरान सभी राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों और सरकार पर लागू होती है.
गुरूवार की देर शाम चुनाव आयोग ने इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी जानकारी अपनी वेबसाइट पर जारी किया है. आइये जानते हैं विस्तार से किस पार्टी ने कितना चंदा इनकैश किया, किस कंपनी ने कितने का बॉन्ड खरीदा..
भारत निर्वाचन आयोग को चुनाव आयोग, इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया के नाम से भी जाना जाता है.संविधान के भाग-15 चुनावों से संबंधित है, जिसमें देश भर में चुनाव कराने के लिये एक आयोग की स्थापना करने की बात कही गई है.
एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से इलेक्टोरल बॉन्ड डोनर्स से जु़डी जानकारी देने की डेजलाइन 30 जून, 2024 तक बढ़ाने की मांग की है.
कुछ दिनों पहले विपक्ष की कई पार्टियों ने मिलकर एक अलाइएंस तैयार की जिसका नाम 'INDIA' रखा गया। बता दें कि दिल्ली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई है कि विपक्ष अपनी पार्टी के लिए इस नाम का प्रयोग नहीं कर सकते हैं। इस मामले में आज अदालत ने कई विपक्षी दलों और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है...
भारत निर्वाचन आयोग यानी चुनाव आयोग (Election Commission of India) भारतीय संविधान के तहत संसद और राज्यों के विधान सभा और विधान मंडल तथा राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति के पदों के निर्वाचन की पूरी प्रक्रिया का संचालन और नियंत्रण भी संभालता है।
CJI डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि बेशक चुनाव की लागत अधिक है लेकिन यह वह कीमत है जो लोकतंत्र के लिए चुकानी पड़ती है.
Election Commissioner के पद पर अरूण गोयल की नियुक्ति को सरकार का मनमाना फैसला बताते हुए संस्थागत अखंडता और भारत के चुनाव आयोग की स्वतंत्रता का उल्लंघन और समानता के अधिकार का उल्लघंन बताया गया है.
दिल्ली, पंजाब, गोवा और गुजरात में एक आम आदमी पार्टी को राज्य राजनैतिक दल के रूप में मान्यता प्राप्त है. 2022 में हुए गुजरात चुनाव में मिले वोटो के आधार पर आप पार्टी ने चुनाव आयोग के समक्ष राष्ट्रीय दर्जे के लिए आवेदन किया था.
हमारे देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए एक स्थायी और स्वतंत्र निकाय की स्थापना की गई है, जिसे चुनाव आयोग के रूप में जाना जाता है. इसकी स्थापना 25 जनवरी 1950 को संविधान के अनुसार किया गया था.
उच्चतम न्यायालय ने निर्वाचन आयुक्तों और मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति से जुड़े मामले पर सुनवाई करते हुए कहा की निर्वाचन आयुक्तों और मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और भारत के प्रधान न्यायाधीश की समिति की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी.
गुरूवार की देर शाम चुनाव आयोग ने इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी जानकारी अपनी वेबसाइट पर जारी किया है. आइये जानते हैं विस्तार से किस पार्टी ने कितना चंदा इनकैश किया, किस कंपनी ने कितने का बॉन्ड खरीदा..
एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से इलेक्टोरल बॉन्ड डोनर्स से जु़डी जानकारी देने की डेजलाइन 30 जून, 2024 तक बढ़ाने की मांग की है.
कुछ दिनों पहले विपक्ष की कई पार्टियों ने मिलकर एक अलाइएंस तैयार की जिसका नाम 'INDIA' रखा गया। बता दें कि दिल्ली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई है कि विपक्ष अपनी पार्टी के लिए इस नाम का प्रयोग नहीं कर सकते हैं। इस मामले में आज अदालत ने कई विपक्षी दलों और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है...
भारत निर्वाचन आयोग यानी चुनाव आयोग (Election Commission of India) भारतीय संविधान के तहत संसद और राज्यों के विधान सभा और विधान मंडल तथा राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति के पदों के निर्वाचन की पूरी प्रक्रिया का संचालन और नियंत्रण भी संभालता है।
CJI डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि बेशक चुनाव की लागत अधिक है लेकिन यह वह कीमत है जो लोकतंत्र के लिए चुकानी पड़ती है.
Election Commissioner के पद पर अरूण गोयल की नियुक्ति को सरकार का मनमाना फैसला बताते हुए संस्थागत अखंडता और भारत के चुनाव आयोग की स्वतंत्रता का उल्लंघन और समानता के अधिकार का उल्लघंन बताया गया है.
दिल्ली, पंजाब, गोवा और गुजरात में एक आम आदमी पार्टी को राज्य राजनैतिक दल के रूप में मान्यता प्राप्त है. 2022 में हुए गुजरात चुनाव में मिले वोटो के आधार पर आप पार्टी ने चुनाव आयोग के समक्ष राष्ट्रीय दर्जे के लिए आवेदन किया था.
हमारे देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए एक स्थायी और स्वतंत्र निकाय की स्थापना की गई है, जिसे चुनाव आयोग के रूप में जाना जाता है. इसकी स्थापना 25 जनवरी 1950 को संविधान के अनुसार किया गया था.
उच्चतम न्यायालय ने निर्वाचन आयुक्तों और मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति से जुड़े मामले पर सुनवाई करते हुए कहा की निर्वाचन आयुक्तों और मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और भारत के प्रधान न्यायाधीश की समिति की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी.
जन प्रतिनिधि अधिनियम की धारा 57 के अनुसार रिटर्निंग ऑफिसर चुनाव आयोग को कारण बताते हुए चुनाव की तारीख टालने की घोषणा कर सकता है.