बच्चे का पिता तो 'पति' ही होगा, भले ही उसका 'जन्म' महिला के विवाहेतर संबंध से हुआ हो... SC के फैसले की वजह भी जानें
बर्थ सर्टिफिकेट पर नाम बदलवाने से शुरू हुआ मामला डीएनए टेस्ट तक पहुंचा, जिसमें महिला ने विवाहेत्तर संबंध का दावा करते हुए गुजारा भत्ता की भी मांग की, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने दूसरे व्यक्ति को थर्ड पार्टी मानते हुए उसे डीएनए टेस्ट कराने व गुजारा भत्ता की मांग के आदेश देने से इंकार किया है.