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पुलिस POCSO केस बंद नहीं करवा सकती! हाईकोर्ट ने असल सच्चाई कह दी

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट

अदालत ने पॉक्सो केस के आरोपी को मिले अंतरिम जमानत को रद्द कर दिया. सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि DNA रिपोर्ट आरोपी के पक्ष में आने से भी पुलिस आरोपी के खिलाफ पोक्सो का मुकदमा रद्द नहीं कर सकती है.

Written by Satyam Kumar |Published : June 20, 2024 6:26 PM IST

Police Can't Quas POCSO Case: हाल ही में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पॉक्सो से जुड़े मामले में अहम टिप्पणी की है. अदालत ने कहा कि पुलिस केवल आरोपी के पक्ष में DNA रिपोर्ट आने के आधार पर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (POCSO Act) के तहत यौन उत्पीड़न के मामले को रद्द नहीं कर सकती है. पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने इस टिप्पणी के बाद आरोपी की अंतरिम जमानत की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है.

DNA रिपोर्ट के आधार पर मुकदमा रद्द नहीं होगा

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में, जस्टिस हरप्रीत कौर जीवन की बेंच ने पुलिस द्वारा पॉक्सो के मुकदमे को रद्द करने से आपत्ति जताई. बेंच ने कहा कि पीड़िता ने अपने साथ हुई घटना को लेकर बयान दर्ज कराया है. डॉक्टर की रिपोर्ट भी उसके साथ हुई इस घटना की पुष्टि करती है.

बेंच ने कहा,

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"आरोपी का पेनेट्रेटिव सेक्सुअल असॉल्ट के मामले में आरोपी के DNA का पीड़िता के स्वैब से मिलान न होना 'पेनेट्रेटिल असॉल्ट' से इंकार नहीं किया जा सकता है."

बेंच ने आगे कहा,

"नाबालिग पीड़िता ने सीआरपीसी 164 के तहत अपना बयान दिया है. उसने अपने साथ हुई घटना को स्वीकारी है. साथ ही डॉक्टर की रिपोर्ट भी स्पष्ट तौर पर बता रही है कि मामले में यौन उत्पीड़न के अपराध से इंकार नहीं किया जा सकता है."

बेंच ने कहा,

"याचिकाकर्ता द्वारा किया गया कथित अपराध गंभीर प्रकृति का है, जिसके लिए पॉक्सो एक्ट की धारा 4 के तहत न्यूनतम 7 वर्ष की सजा निर्धारित की गई है, जो आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है. केवल DNA रिपोर्ट उसकी पुष्टि नहीं कर रहा है, इसलिए गिरफ्तारी से पहले जमानत का अधिकारी नहीं है. जबकि मामले में वह पीड़िता का पड़ोसी है. साथ ही दोनों के परिवार में कोई पुरानी रंजिश नहीं है."

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने उपरोक्त बातें कहकर आरोपी की अंतरिम जमानत की मांग वाली याचिका खारिज कर दी.

क्या है मामला?

दिसंबर, 2022 में पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया. पीड़िता ने बताया कि 37 वर्षीय आरोपी उसका पति है. वह उसे जबरन खेत में ले गया और वहां उसके साथ बलात्कार किया.

पुलिस ने जांच-पड़ताल की. जांच की रिपोर्ट अदालत को सौंपी, जिसमें लिखा था पीड़िता और आरोपी के बीच कोई संबंध नहीं बना है. DNA रिपोर्ट ने इस बात की पुष्टि की है. इसलिए पुलिस ने इस मामले को रद्द करने की मांग की, जिसके बाद पंजाब एंड हरियाणा ने उपरोक्त टिप्पणी की.