असम सरकार की पुशबैक पॉलिसी पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया इंकार, मगर याचिकाकर्ता को दी ये राहत
सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि असम सरकार की 'पुश बैक' पॉलिसी के जरिए संदिग्ध विदेशियों के गरीब नागरिक भी प्रभावित हो रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि असम सरकार की 'पुश बैक' पॉलिसी के जरिए संदिग्ध विदेशियों के गरीब नागरिक भी प्रभावित हो रहे हैं.
विदेशी नागरिकों के डिपोर्टेशन से आपत्ति जताते हुए सुप्रीम कोर्ट में दायर इस नई याचिका में दावा किया गया कि असम सरकार राष्ट्रीयता सत्यापन किए बिना या कानूनी विकल्प देने के बिना संदिग्ध विदेशियों को हिरासत में ले रही है और निर्वासित कर रही है.
सुप्रीम कोर्ट ने इन व्यक्तियों को अनिश्चित काल तक हिरासत में रखने के लिए असम की आलोचना की और राष्ट्रीयता सत्यापन पर कार्रवाई की कमी पर सवाल उठाया है.
सुप्रीम कोर्ट, गुवाहाटी हाई कोर्ट के जनवरी 2023 के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा है. इस मामले में असम सरकार ने हलफनामे में बताया कि मई 2021 से अगस्त 2022 तक 171 एनकाउंटर की घटनाएं हुईं, जिनमें हिरासत में मौजूद चार कैदियों सहित 56 लोगों की मौत हो गई और 145 घायल हो गए.
असम के निरोध केन्द्र में लंबे समय से बंद अवैध घुसपैठियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक बार विदेशी घोषित किए जाने के बाद उन्हें तुरंत निर्वासित किया जाना चाहिए. कोर्ट ने राज्य को निर्वासन प्रक्रिया शुरू करने, राष्ट्रीयता सत्यापन पर हलफनामा दाखिल करने और हिरासत केंद्रों में उचित स्थिति सुनिश्चित करने का आदेश दिया. मामले की अगली सुनवाई 25 फरवरी को होगी.
सुप्रीम कोर्ट जस्टिस उज्जल भुइयां ने पूछा कि क्या पुलिस किसी खास समुदाय को टार्गेट कर रही है. अदालत ने कहा कि फेक एनकाउंटर के मामलों की धीमी जांच पर भी सवाल उठाया है. बहस के दौरान अदालत ने ये भी कहा कि फर्जी एनकाउंटर के मामलों में राज्य का अतीत बेहद खराब रहा है, ऐसी रिपोर्ट भी हैं, आप इससे इंकार नहीं कर सकते.
बहुविवाह (Polygamy) एक वैवाहिक संरचना है जिसमें एक पुरुष की कई पत्नियां हो सकती हैं। इस प्रथा में पुरुष एक से ज्यादा शादियां कर सकते हैं और ऐसा करने के लिए उन्हें अपनी पहली बीवी को तलाक देने की जरूरत नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि असम सरकार की 'पुश बैक' पॉलिसी के जरिए संदिग्ध विदेशियों के गरीब नागरिक भी प्रभावित हो रहे हैं.
विदेशी नागरिकों के डिपोर्टेशन से आपत्ति जताते हुए सुप्रीम कोर्ट में दायर इस नई याचिका में दावा किया गया कि असम सरकार राष्ट्रीयता सत्यापन किए बिना या कानूनी विकल्प देने के बिना संदिग्ध विदेशियों को हिरासत में ले रही है और निर्वासित कर रही है.
सुप्रीम कोर्ट ने इन व्यक्तियों को अनिश्चित काल तक हिरासत में रखने के लिए असम की आलोचना की और राष्ट्रीयता सत्यापन पर कार्रवाई की कमी पर सवाल उठाया है.
सुप्रीम कोर्ट, गुवाहाटी हाई कोर्ट के जनवरी 2023 के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा है. इस मामले में असम सरकार ने हलफनामे में बताया कि मई 2021 से अगस्त 2022 तक 171 एनकाउंटर की घटनाएं हुईं, जिनमें हिरासत में मौजूद चार कैदियों सहित 56 लोगों की मौत हो गई और 145 घायल हो गए.
असम के निरोध केन्द्र में लंबे समय से बंद अवैध घुसपैठियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक बार विदेशी घोषित किए जाने के बाद उन्हें तुरंत निर्वासित किया जाना चाहिए. कोर्ट ने राज्य को निर्वासन प्रक्रिया शुरू करने, राष्ट्रीयता सत्यापन पर हलफनामा दाखिल करने और हिरासत केंद्रों में उचित स्थिति सुनिश्चित करने का आदेश दिया. मामले की अगली सुनवाई 25 फरवरी को होगी.
बहुविवाह (Polygamy) एक वैवाहिक संरचना है जिसमें एक पुरुष की कई पत्नियां हो सकती हैं। इस प्रथा में पुरुष एक से ज्यादा शादियां कर सकते हैं और ऐसा करने के लिए उन्हें अपनी पहली बीवी को तलाक देने की जरूरत नहीं है।