केस खत्म करने से पहले 'पीड़ित पक्ष' को सुनेगी अदालत, बीएनएसएस 2023 को जानें
बीएनएसएस की धारा 360 के अनुसार केस वापस लेने से पहले पीड़ित को अपनी बात कहने का अवसर दिया जाएगा. पीड़ित की राय के बाद ही मुकदमे को हटाया जाएगा.
बीएनएसएस की धारा 360 के अनुसार केस वापस लेने से पहले पीड़ित को अपनी बात कहने का अवसर दिया जाएगा. पीड़ित की राय के बाद ही मुकदमे को हटाया जाएगा.
पहले अक्सर सुनने को मिल जाता था कि पुलिस ने 'घटनास्थल' को दूसरे पुलिस स्टेशन की सीमा क्षेत्र बताकर शिकायत लिखने से मना कर देता था. जीरो एफआईआर के आने से अब ऐसा नहीं होगा.
भारत सरकार ने जीरो एफआईआर और ई-एफआईआर के माध्यम से शिकायत कराने पर आगे कैसे कार्रवाई की जानी चाहिए या किस तरह से कार्रवाई आगे बढ़ेगी, इसे लेकर SOP जारी किया है
Zero FIR का कॉन्सेप्ट है कि घटना की शिकायत किसी भी पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई जा सकती है. भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 173 में Zero FIR का जिक्र आता है.
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