भारतीय स्टार्टअप परिदृश्य में कंपनियों के यूनिकॉर्न बनने की रफ्तार में आई सुस्ती, जानिये कारण
भारतीय स्टार्टअप में व्यापक संभावना है और अगले पांच वर्षों में देश में कार्यरत यूनिकॉर्न कंपनियों की संख्या 200 तक पहुंचने की उम्मीद है.
भारतीय स्टार्टअप में व्यापक संभावना है और अगले पांच वर्षों में देश में कार्यरत यूनिकॉर्न कंपनियों की संख्या 200 तक पहुंचने की उम्मीद है.
हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड की चेयरपर्सन और वेदांता लिमिटेड की गैर-कार्यकारी निदेशक प्रिया अग्रवाल हेब्बर ने एक बयान में कहा, ‘‘नैस्कॉम सीओई के साथ वेदांता के जुड़ाव से हमारे अनोखे परिवेश में स्टार्टअप को अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने और विकसित करने का अवसर मिलेगा."
स्टार्टअप से जुड़ा एक ऐसा तथ्य सामने आया है जिसके बारे में जानकर हर कोई हैरान है
जॉब सीकर्स अब स्टार्टअप्स के बजाय संगठन के साथ काम करने और बढ़ने के लिए स्थिर और स्थापित कंपनियों को तरजीह दे रहे हैं.
खोसला और चैटजीपीटी डेवलपर ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने हाल ही में एसवीबी के पतन के बाद स्टार्टअप्स की मदद के लिए व्यक्तिगत पूंजी की पेशकश की.
गोयल ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि वित्तवर्ष 2022-23 में भारत का कुल निर्यात स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में लगभग 765 अरब अमेरिकी डॉलर होने की उम्मीद है. इसमें वस्तुओं और सेवाओं दोनों में वृद्धि हुई है, जबकि वैश्विक स्थिति इतनी चुनौतीपूर्ण है.
लोनटैप के सीईओ और सह-संस्थापक सत्यम कुमार ने कहा, यह अधिग्रहण हमारे उत्पाद की पेशकश का विस्तार करने और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की अपार संभावनाओं का दोहन करने के लिए एक रणनीतिक कदम है.
स्टार्टअप इनक्यूबेटर ऐसे संस्थान होते हैं जो उद्यमियों (Entrepreneurs) को अपना व्यवसाय विकसित करने में मदद करते हैं.
बदलते समय के साथ स्टार्टअप्स की ओर भारत तेजी से अपना पैर पसार रहा है. इसे लेकर जो रुकावटें आती हैं उसे दूर करने के लिए सरकार से लेकर हर कोई अपनी ओर से पूरी कोशिश कर रहा है. इसी दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया जा गया है.
आयकर अधिनियम की धारा 80IAC के तहत दिए जाने वाली टैक्स छूट स्टार्टअप इंडिया योजना के तहत स्टार्टअप्स को प्रदान किए जाने वाले विभिन्न लाभों में से एक है।
भारतीय स्टार्टअप में व्यापक संभावना है और अगले पांच वर्षों में देश में कार्यरत यूनिकॉर्न कंपनियों की संख्या 200 तक पहुंचने की उम्मीद है.
हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड की चेयरपर्सन और वेदांता लिमिटेड की गैर-कार्यकारी निदेशक प्रिया अग्रवाल हेब्बर ने एक बयान में कहा, ‘‘नैस्कॉम सीओई के साथ वेदांता के जुड़ाव से हमारे अनोखे परिवेश में स्टार्टअप को अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने और विकसित करने का अवसर मिलेगा."
जॉब सीकर्स अब स्टार्टअप्स के बजाय संगठन के साथ काम करने और बढ़ने के लिए स्थिर और स्थापित कंपनियों को तरजीह दे रहे हैं.
खोसला और चैटजीपीटी डेवलपर ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने हाल ही में एसवीबी के पतन के बाद स्टार्टअप्स की मदद के लिए व्यक्तिगत पूंजी की पेशकश की.
गोयल ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि वित्तवर्ष 2022-23 में भारत का कुल निर्यात स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में लगभग 765 अरब अमेरिकी डॉलर होने की उम्मीद है. इसमें वस्तुओं और सेवाओं दोनों में वृद्धि हुई है, जबकि वैश्विक स्थिति इतनी चुनौतीपूर्ण है.
लोनटैप के सीईओ और सह-संस्थापक सत्यम कुमार ने कहा, यह अधिग्रहण हमारे उत्पाद की पेशकश का विस्तार करने और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की अपार संभावनाओं का दोहन करने के लिए एक रणनीतिक कदम है.
स्टार्टअप इनक्यूबेटर ऐसे संस्थान होते हैं जो उद्यमियों (Entrepreneurs) को अपना व्यवसाय विकसित करने में मदद करते हैं.
बदलते समय के साथ स्टार्टअप्स की ओर भारत तेजी से अपना पैर पसार रहा है. इसे लेकर जो रुकावटें आती हैं उसे दूर करने के लिए सरकार से लेकर हर कोई अपनी ओर से पूरी कोशिश कर रहा है. इसी दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया जा गया है.
आयकर अधिनियम की धारा 80IAC के तहत दिए जाने वाली टैक्स छूट स्टार्टअप इंडिया योजना के तहत स्टार्टअप्स को प्रदान किए जाने वाले विभिन्न लाभों में से एक है।