नई दिल्ली: स्टार्टअप्स को और मजबूती देने के लिए विदेशी मुद्रा सेवा की शुरुआत हो चुकी है. फिनटेक कंपनी रेजरपे के बिजनेस बैंकिंग प्लेटफॉर्म रेजरपेएक्स ने सोमवार को 'स्टार्टअप्स के लिए विदेशी मुद्रा सेवा' नामक एक नई प्रोडक्ट लाइन में प्रवेश की घोषणा की है. इस विदेशी मुद्रा सेवा के तहत अब तक 350 करोड़ रुपये की वार्षिक रन रेट के साथ, कंपनी को उम्मीद है कि अगले वित्तीय वर्ष में यह 3-4 गुना बढ़ जाएगी.
वर्तमान समय में, स्टार्टअप फंडिंग के लिए भारत में विदेशी मुद्रा हस्तांतरण (foreign exchange transfer) में लंबा वक्त लगता है यानि यह प्रक्रिया कई अंतरालों से भरा हुआ है, जिसमें दो महीने से ज्यादा का समय लगता है, इसके अलावा देर से जमा करने पर चार्ज भी लगाया जाता है और ये चार्ज देरी के प्रत्येक दिन के साथ जुड़ता जाता है. जिससे स्टार्टअप्स को काफी नुकसान को झेलना पड़ रहा था.
जैसे, अगर कोई फाउंडर फंडिंग में 10 मिलियन डॉलर जुटाता है, तो कंपाउंडिंग लेट फीस की कीमत हर गुजरते महीने के साथ कम से कम 20,000 रुपये से अधिक होगी.
रेजरपे के मुख्य व्यवसाय अधिकारी राहुल कोठारी ने कहा कि, "50 से अधिक संस्थापकों और कई वैश्विक निवेशकों के साथ उन्होंने बातचीत की, जिससे उन्हें ये महसूस कि भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए विदेशी फंडों का लाभ उठाने के लिए, कागजी कार्रवाई, अनुपालन और बढ़ती लागतों का हल निकालना जरूरी है."
अपने बीटा लॉन्च के 3 महीने के भीतर, सेवा ने भारत में करोड़ों लाने के लिए विरोहण, टोरटॉयस, कूपल सहित 15 से अधिक स्टार्टअप को सक्षम किया है. कंपनी का मानना है कि विदेशी मुद्रा सेवा में 1,000 से अधिक स्टार्टअप को प्रभावित करने और लाभान्वित करने की क्षमता है जो इस साल विदेशी धन जुटाने की संभावना रखते हैं.
रेजरपे के शोध के अनुसार, 10 में से 8 संस्थापकों ने पाया कि वो बेहतर विदेशी मुद्रा दर प्राप्त कर सकते थें. विदेशी मुद्रा दरों के अलावा, धन राशि का लगभग 2-4 प्रतिशत कभी-कभी वीसी के अनुसार प्रशासन शुल्क और रूपांतरण शुल्क में लीक हो जाता है. (भाषा रिपोर्ट)