तमिलनाडु पुलिस करेगी Youtuber Manish Kashyap से पूछताछ, अदालत ने भेजा 3 दिन के रिमांड पर
बिहार के साथ-साथ तमिलनाडु में भी उस पर कई मामले दर्ज किए गए हैं. केवल तमिलनाडु में ही मनीष कश्यप के खिलाफ करीब 13 मामले दर्ज हैं.
बिहार के साथ-साथ तमिलनाडु में भी उस पर कई मामले दर्ज किए गए हैं. केवल तमिलनाडु में ही मनीष कश्यप के खिलाफ करीब 13 मामले दर्ज हैं.
पत्रकार ने बॉलीवुड एक्टर सलमान खान और उनके बॉडीगार्ड नवाज शेख पर मारपीट करने और दुर्व्यहार करने का आरोप लगाया था.पुलिस की जांच रिपोर्ट के बाद अदालत ने समलान को इस मामले में समन जारी किया था.
अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया, जैसा कि वीडियो में देखा जा सकता है, प्रतिवादी भीड़ की पहली कतार में शामिल होकर दिल्ली पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे और बेरिकेड्स को हिंसक रूप से धकेल रहे थे.
जब भी किसी व्यक्ति को गिरफ्तार किया जाता है, उसे हिरासत में रखा जाता है लेकिन हिरासत में रखना आवश्यक नहीं गिरफ्तारी हो. अर्थात हिरासत और गिरफ्तारी दोनों का अर्थ और उद्देश्य अलग-अलग है.
अगर पुलिस किसी ऐसे व्यक्ति को हिरासत में लेती है जिस पर गंभीर अपराध के आरोप हैं और उस मामले में जांच के लिए उस व्यक्ति से पूछताछ करने की जरुरत होती है तो ऐसे में सीआरपीसी (CrPC) की धारा 167 के तहत उसे 24 घंटे के भीतर कोर्ट में पेश करना होता है.
अकारण गिरफ्तारी एक नागरिक को मिले स्वतंत्रता और समानता के अधिकारों का हनन माना जाता है. लेकिन CrPC के अनुसार कई मामलों में पुलिस एक नागरिक को बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती है.
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. जिस पर भाजपा ने उनके खिलाफ देशभर में कई शिकायतें भी दर्ज कराई है. खेड़ा को दिल्ली हवाईअड्डे से तब उठाया गया था जब वह छत्तीसगढ़ के रायपुर के लिए एक विमान में सवार हुए थे, जहां वह अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की बैठक के लिए जा रहे थे.
निचली अदालत द्वारा 11 आरोपियों को आरोप मुक्त करने के आदेश के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. शुक्रवार को तत्काल सुनवाई के लिए मामले को मेंशन करने पर चीफ जस्टिस की पीठ ने इस अनुरोध को स्वीकार किया है.
अक्सर पुलिस किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करके ले जाती है और वो व्यक्ति शाम तक जमानत देकर छूट गया है. हमारे देश के कानून के अनुसार अगर कोई बड़ा अपराध ना हो तो वो व्यक्ति कुछ शर्तों के साथ जमानत पर छूट सकता है.
पुलिस अधीक्षक/पुलिस कमिश्नर द्वारा भी कोई जांच नहीं करने की स्थिती में शिकायतकर्ता न्यायिक मजिस्ट्रेट (JMFC) के समक्ष शिकायत दर्ज़ करवाने के लिए आवेदन दायर कर सकता है.
जब किसी व्यक्ति को जमानती अपराध के लिए गिरफ्तार किया जाता है, तो उस व्यक्ति को जमानत के लिए केवल एक महत्वपूर्ण काम करना है.
दिल्ली की साकेत अदालत रने जामिया हिंसा मामले में 8 आरोपियों को आरोपमुक्त करते हुए दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई है.अदालत ने कहा कि दिल्ली पुलिस के इस केस में एक भी चश्मदीद गवाह नहीं है, उसने केवल कल्पना के आधार पर चार्जशीट तैयार की है.
जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने इस मामले को अन्य मामलों से अलग मानते हुए की एक ही मामले में दो अलग अलग जांच एजेंसियों की अलग अलग रिपोर्ट है. इसे सीबीआई को सुपूर्द करने के लिए एक बेहतर केस पाया.
हिरासत में मौत होने पर पुलिस अधिनियम, 1861 (The Police Act, 1861) की धारा 7 के तहत एक पुलिस अधिकारी को निलंबित किया जा सकता है.
8 साल की मासूम बच्ची से रेप और हत्या के मामले में दोषी की मौत की सजा को बदलकर उम्रकैद करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने कई टिप्पणियां की थी. इस मामले में राजस्थान पुलिस पर वाहवाही लेने के चक्कर में निर्दोष को फंसाने का भी आरोप लगा था.
कानूनी जागरूकता के जरिए माईलॉड आपके इसी भय के क्रम को तोड़ने का प्रयास कर रहा है. आईए जानते है देश के आम नागरिक से जुड़े कुछ कानून के बारे में जिनकी जानकारी होना ही आपके लिए एक ताकत से कम नही हैं.
श्रद्धा हत्या का मामला अब दिल्ली हाईकोर्ट पहुंच गया है. जनहित याचिका के जरिए मामले की जांच दिल्ली पुलिस से सीबीआई को ट्रांसफर करने की गुहार लगाई गयी है.