Rape Case में पीड़िता से समझौता मान्य नहीं होता?
मध्य प्रदेश राज्य बनाम मदनलाल मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यौन अपराध (Sexual Offences) किसी महिला की गरिमा और शारीरिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करता है, जिसे बचाना न्यायपालिका का कर्तव्य है.
मध्य प्रदेश राज्य बनाम मदनलाल मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यौन अपराध (Sexual Offences) किसी महिला की गरिमा और शारीरिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करता है, जिसे बचाना न्यायपालिका का कर्तव्य है.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने पीड़ितों के अधिकारों की रक्षा के लिए यौन अपराधों सहित एससी/एसटी अधिनियम के तहत जमानत की सुनवाई की वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य कर दी है. यह फैसला अदालत ने नाबालिग से बलात्कार और हत्या मामले में आरोपी की जमानत याचिका के दौरान सुनाया गया.
चेक बाउंस के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अदालतों से कहा कि उपाय के 'प्रतिपूरक पहलू' को 'दंडात्मक पहलू' पर प्राथमिकता दी जानी चाहिए,
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ जांच एजेंसी CBI की स्थापना दिवस पर 20वां डीपी कोहली मेमोरियल में दिए व्याख्यान के दौरान सीबीआई के पहले डायरेक्टर डीपी कोहली, जांच एजेंसी के कार्य, CBI केसेस सहित जांच में आधुनिक तकनीक लाने के बारे में चर्चा की.
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने हाल ही में एक मामले की सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की है कि पिछले कुछ समय में यौन शोषण के 'वास्तविक' मामलों की संख्या बहुत कम हो गई है, यह एक अपवाद उर्फ एक्सेप्शन बन गए हैं; कानून मर्दों के खिलाफ बहुत बायस्ड है...
उच्च न्यायालय ने फटकार लगाते हुए कहा कि विशेष अदालत ने खुद कहा था कि पीड़ितों के बयानों ये यह पता चलता है कि इस गंभीर अपराध को अंजाम दिया गया था
कर्नाटक उच्च न्यायालय में सत्र अदालत से एक विचित्र मामला आया जिसमें पत्नी ने अपने पति पर अपनी चार साल की नाबालिग बेटी के यौन शोषण का आरोप लगाया है। प्रारम्भिक जांच से असन्तुष्ट पत्नी ने सत्र अदालत के बाद कर्नाटक हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया...
स्कूल में यदि बच्चों को ज्यादा होमवर्क दिया जा रहा है या फिर उन्हें क्लास में अध्यापक से प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है तो क्या यह सब पॉक्सो अधिनियम के तहत अपराध माना जाएगा? कर्नाटक में पुलिस में एक ऐसा ही मामला दर्ज कराया गया है...
घोटालेबाजों ने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे इंस्टाग्राम, यूट्यूब आदि पर लोगों को गुमराह/प्रभावित करने के लिए टाटा जैसी बड़ी कंपनियों के लोगो का भी इस्तेमाल किया
आरोपी को 2020 में बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया गया था,
लगभग 2,700 सिविल मामले और 1,700 से अधिक सत्र मामले लंबित हैं. रिकॉर्ड से पता चला है कि इनमें से कुल 1,032 मामले POCSO से संबंधित हैं.
पीड़िता इस साल फरवरी में लापता हो गई थी और तीन महीने बाद पुलिस ने उसे राजस्थान में एक व्यक्ति के साथ पाया था
दुष्कर्म पीड़िता की जांच करने वाले चिकित्सा दल ने कहा था कि अगर गर्भपात की प्रक्रिया को अंजाम दिया जाता है, तो भी बच्चा जीवित पैदा हो सकता है
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ 23 अप्रैल 2022 को चार्जशीट दाखिल की. केस की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में 6 गवाह पेश किए. अदालत ने पाया कि अभियोजन पक्ष मामले को साबित करने में सक्षम थी.
जेल में कैदियों पर नियंत्रण रखने के लिए कुछ कानून है जिसका पालन ना करने पर उन्हें दंडित किया जाता है.
इस मामले में स्पेशल कोर्ट ने बलात्कार के दोषी को 135 साल की सजा सुनाई है और सभी सजा एक साथ चलेंगी.
जेल में बंद कई कैदी जेल में भी अपराध करने से बाज नहीं आते, जिनके खिलाफ कड़े कानून बनाए गए है.
POCSO की धारा 21 के तहत इस तरह के अपराध की सूचना ना देना भी एक अपराध है
दिल्ली उच्च न्यायालय ने पीड़ितों के अधिकारों की रक्षा के लिए यौन अपराधों सहित एससी/एसटी अधिनियम के तहत जमानत की सुनवाई की वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य कर दी है. यह फैसला अदालत ने नाबालिग से बलात्कार और हत्या मामले में आरोपी की जमानत याचिका के दौरान सुनाया गया.
चेक बाउंस के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अदालतों से कहा कि उपाय के 'प्रतिपूरक पहलू' को 'दंडात्मक पहलू' पर प्राथमिकता दी जानी चाहिए,
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ जांच एजेंसी CBI की स्थापना दिवस पर 20वां डीपी कोहली मेमोरियल में दिए व्याख्यान के दौरान सीबीआई के पहले डायरेक्टर डीपी कोहली, जांच एजेंसी के कार्य, CBI केसेस सहित जांच में आधुनिक तकनीक लाने के बारे में चर्चा की.
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने हाल ही में एक मामले की सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की है कि पिछले कुछ समय में यौन शोषण के 'वास्तविक' मामलों की संख्या बहुत कम हो गई है, यह एक अपवाद उर्फ एक्सेप्शन बन गए हैं; कानून मर्दों के खिलाफ बहुत बायस्ड है...
उच्च न्यायालय ने फटकार लगाते हुए कहा कि विशेष अदालत ने खुद कहा था कि पीड़ितों के बयानों ये यह पता चलता है कि इस गंभीर अपराध को अंजाम दिया गया था
कर्नाटक उच्च न्यायालय में सत्र अदालत से एक विचित्र मामला आया जिसमें पत्नी ने अपने पति पर अपनी चार साल की नाबालिग बेटी के यौन शोषण का आरोप लगाया है। प्रारम्भिक जांच से असन्तुष्ट पत्नी ने सत्र अदालत के बाद कर्नाटक हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया...
स्कूल में यदि बच्चों को ज्यादा होमवर्क दिया जा रहा है या फिर उन्हें क्लास में अध्यापक से प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है तो क्या यह सब पॉक्सो अधिनियम के तहत अपराध माना जाएगा? कर्नाटक में पुलिस में एक ऐसा ही मामला दर्ज कराया गया है...
घोटालेबाजों ने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे इंस्टाग्राम, यूट्यूब आदि पर लोगों को गुमराह/प्रभावित करने के लिए टाटा जैसी बड़ी कंपनियों के लोगो का भी इस्तेमाल किया
लगभग 2,700 सिविल मामले और 1,700 से अधिक सत्र मामले लंबित हैं. रिकॉर्ड से पता चला है कि इनमें से कुल 1,032 मामले POCSO से संबंधित हैं.
दुष्कर्म पीड़िता की जांच करने वाले चिकित्सा दल ने कहा था कि अगर गर्भपात की प्रक्रिया को अंजाम दिया जाता है, तो भी बच्चा जीवित पैदा हो सकता है
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ 23 अप्रैल 2022 को चार्जशीट दाखिल की. केस की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में 6 गवाह पेश किए. अदालत ने पाया कि अभियोजन पक्ष मामले को साबित करने में सक्षम थी.
इस मामले में स्पेशल कोर्ट ने बलात्कार के दोषी को 135 साल की सजा सुनाई है और सभी सजा एक साथ चलेंगी.
जेल में बंद कई कैदी जेल में भी अपराध करने से बाज नहीं आते, जिनके खिलाफ कड़े कानून बनाए गए है.
केवल अपराध करना ही नहीं बल्कि उसे छुपाने वाला भी अपराधी होता है जिसके बारे में पॉक्सो अधिनियम में बताया गया है.
केंद्र और सभी राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों को न्यायालय ने निर्देश दिया कि वे आठ सप्ताह के भीतर अनुपालन की रिपोर्ट देने के लिए अपना हलफनामा दाखिल करें.
शारीरिक संबंध जब भी जोर जबरदस्ती के साथ बनाया जाए तो वह अपराध ही कहलाता है जिसके लिए भारतीय दंड संहिता में सजा का प्रावधान किया गया है.
चुनाव का समय आते ही चुनाव में खड़े अभ्यर्थी जोरो शोरो से प्रचार प्रसार करते हैं. जीतने के लिए अपना जी जान लगा देते हैं. इस दौरान कई ऐसे अभ्यर्थी होते हैं जो जीतने के लिए अपराध कर बैठते हैं.
IPC की धारा 354A की उप धारा (2) में बताया गया है की अगर कोई पुरुष महिला के सहमति के बिना कोई शारीरिक क्रिया करता है, यौन गतिविधि में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करता है या महिला की सहमति के बिना अश्लील चीज़ दिखाता है तो उसे ऐसा करने पर तीन साल तक की सजा हो सकती है या आर्थिक जुर्माना लगायी जा सकती है या दोनों से दंडित की जा सकती है.