'शव के लिए अधिकारियों के पास जाएं', Andhra HC ने मृत माओवादियों के अंतिम संस्कार की अनुमति दी
सुनवाई के दौरान छत्तीसगढ़ के महाधिवक्ता ने आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने बताया कि सभी शवों का पोस्टमार्टम पूरा हो जाएगा और फिर परिजनों को सौंप दिए जाएंगे.
सुनवाई के दौरान छत्तीसगढ़ के महाधिवक्ता ने आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने बताया कि सभी शवों का पोस्टमार्टम पूरा हो जाएगा और फिर परिजनों को सौंप दिए जाएंगे.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने विल्सन और धवले को एक-एक लाख रुपये की जमानत बॉन्ड देने और मुकदमे की सुनवाई के लिए विशेष एनआईए अदालत के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है.
झारखंड की NIA Court ने 2012 के सीपीआई (माओवादी) हथियार और गोला-बारूद जब्ती मामले में दो व्यक्तियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. मामले में दोनों आरोपियों को शस्त्र अधिनियम की धारा 25(1-एए)/35 के तहत अधिकतम 15 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा मिली है.
जीएन साईबाबा और अन्य 5 आरोपियों को बॉम्बे हाईकोर्ट ने माओवादी गुट और देशविरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोपों से मुक्त कर दिया है. इस मामले में महाराष्ट्र राज्य की याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित है.
एल्गार परिषद माओवादी संबंध मामले में गौतम नवलखा ने जमानात हेतु याचिका दायर की थी जिसपर अब बंबई उच्च न्यायालय ने एनआईए से जवाब मांगा है और याचिका पर सुनवाई की अगली तारीख भी तय की है.
सुनवाई के दौरान छत्तीसगढ़ के महाधिवक्ता ने आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने बताया कि सभी शवों का पोस्टमार्टम पूरा हो जाएगा और फिर परिजनों को सौंप दिए जाएंगे.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने विल्सन और धवले को एक-एक लाख रुपये की जमानत बॉन्ड देने और मुकदमे की सुनवाई के लिए विशेष एनआईए अदालत के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है.
झारखंड की NIA Court ने 2012 के सीपीआई (माओवादी) हथियार और गोला-बारूद जब्ती मामले में दो व्यक्तियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. मामले में दोनों आरोपियों को शस्त्र अधिनियम की धारा 25(1-एए)/35 के तहत अधिकतम 15 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा मिली है.
जीएन साईबाबा और अन्य 5 आरोपियों को बॉम्बे हाईकोर्ट ने माओवादी गुट और देशविरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोपों से मुक्त कर दिया है. इस मामले में महाराष्ट्र राज्य की याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित है.
एल्गार परिषद माओवादी संबंध मामले में गौतम नवलखा ने जमानात हेतु याचिका दायर की थी जिसपर अब बंबई उच्च न्यायालय ने एनआईए से जवाब मांगा है और याचिका पर सुनवाई की अगली तारीख भी तय की है.