लिव-इन में रहने वाले दूर के हिंदू-मुस्लिम चचेरे भाई-बहन को हाईकोर्ट ने प्रोटेक्शन देने से किया मना, ये रही वजह
अधिनियम की धारा 8 में धर्म परिवर्तन से पहले घोषणा करने का प्रावधान है. वहीं धारा 9 में धर्म परिवर्तन के बाद घोषणा का प्रावधान है.
अधिनियम की धारा 8 में धर्म परिवर्तन से पहले घोषणा करने का प्रावधान है. वहीं धारा 9 में धर्म परिवर्तन के बाद घोषणा का प्रावधान है.
भारत में जो कपल्स लिव-इन रिलेशनशिप में रहते हैं और उनके बच्चों का जन्म होता है, क्या उन बच्चों का पैतृक संपत्ति पर अधिकार होगा? इस मुद्दे से जुड़े एक मामले में उच्चतम न्यायालय ने एक बड़ा और महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है...
भारत में यदि एक कपल लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहा है और उनके घर में एक बच्चे का जन्म होता है, तो क्या उस बच्चे का पैतृक संपत्ति पर अधिकार होगा? जानें सुप्रीम कोर्ट ने केरल उच्च न्यायालय के फैसले को पलटकर क्या कहा...
इलाहाबाद हाई कोर्ट लिव-इन रिलेशन से जुड़े एक मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि इसे सुप्रीम कोर्ट भी बढ़ावा नहीं देता
हिंदू महिला की मां को यह लिव-इन रिलेशनशिप नामंजूर था. कपल के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज किया गया था.
मामले की सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने कहा कि अगर कोई दो कपल आपसी समझौते के आधार पर साथ रहते हैं तो इसका अर्थ ये नहीं है की वो विवाह अधिनियम के दायरे में आ जाएगें. ऐसे जोड़ों का साथ रहना विवाह नहीं है और न ही ऐसे में वो तलाक़ की मांग भी नहीं कर सकते है.
लालधारी बास्की पूर्व पीडीएस डीलर स्वर्गीय हेमलाल बास्की का पुत्र है. बहामुनी ने बताया कि पीडीएस दुकान में अनाज उठाव के लिए आने के दौरान लालधारी से उसका परिचय हुआ और यह परिचय धीरे-धीरे प्यार में बदल गया.
‘लिव-इन’ संबंधों के पंजीकरण से ऐसे संबंधों में रहने वालों को एक-दूसरे के बारे में और सरकार को भी उनकी वैवाहिक स्थिति, उनके आपराधिक इतिहास और अन्य प्रासंगिक विवरणों के बारे में सटीक जानकारी उपलब्ध होगी.
पहली बार देश में पुरुष प्रधानता को महिला प्रधानता के साथ खड़े करने के लिए ना केवल समानता का अधिकार दिया गया, बल्कि देश की सेना में शामिल होने के लिए महिलाओं के लिए भी एक नया रास्ता बनाया.
लालधारी बास्की पूर्व पीडीएस डीलर स्वर्गीय हेमलाल बास्की का पुत्र है. बहामुनी ने बताया कि पीडीएस दुकान में अनाज उठाव के लिए आने के दौरान लालधारी से उसका परिचय हुआ और यह परिचय धीरे-धीरे प्यार में बदल गया.
‘लिव-इन’ संबंधों के पंजीकरण से ऐसे संबंधों में रहने वालों को एक-दूसरे के बारे में और सरकार को भी उनकी वैवाहिक स्थिति, उनके आपराधिक इतिहास और अन्य प्रासंगिक विवरणों के बारे में सटीक जानकारी उपलब्ध होगी.
पहली बार देश में पुरुष प्रधानता को महिला प्रधानता के साथ खड़े करने के लिए ना केवल समानता का अधिकार दिया गया, बल्कि देश की सेना में शामिल होने के लिए महिलाओं के लिए भी एक नया रास्ता बनाया.