उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और कानून मंत्री रीजीजू के खिलाफ दायर जनहित याचिका खारिज
बॉम्बे हाईकोर्ट केकार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एसवी गंगापुरवाला और जस्टिस संदीप मार्ने की पीठ ने याचिका को विचार करने योग्य नही मानते हुए खाजिर करने के आदेश दिए है.
बॉम्बे हाईकोर्ट केकार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एसवी गंगापुरवाला और जस्टिस संदीप मार्ने की पीठ ने याचिका को विचार करने योग्य नही मानते हुए खाजिर करने के आदेश दिए है.
हमारे देश में किसी भी वर्ग के धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का अधिकार किसी के पास नहीं है और अगर कोई ऐसा करता है तो कानून के नजर में उसे अपराधी माना जाएगा. जिसके लिए उसे सजा भी दी जाएगी.
जहां एक विक्रय में एक विक्रेता और एक खरीदार होना अनिवार्य है वहीं विक्रय (Sale) की विषय वस्तु का एक अचल संपत्ति होना भी अनिवार्य है.
भारत सरकार द्वारा 'स्टार्ट-अप इंडिया सीड फंड' को शुरू करने का लक्ष्य यह है कि भारत में स्टार्टअप्स को फंड से संबन्धित समस्याएं उत्पन्न ना हों.
जब भी फांसी की सजा की बात होती है तब- तब दो शब्दों का जिक्र जेल, कोर्ट, कचहरी, शहर-कस्बे से लेकर गांव-देहात तक जरुर होता है वो शब्द हैं "ब्लैक वारंट" और “डेथ वारंट. आइए जानते हैं कि आखिर ये दोनों वारंट हैं क्या?
भारतीय दंड संहिता की धारा 153B के अनुसार जब कोई व्यक्ति राष्ट्रीय एकता के खिलाफ प्रभाव डालने वाला भाषण देता है या लांछन लगाना जैसी बात कहने का अपराध करता है, तो उस पर IPC की धारा 153B के तहत मामला दर्ज किया जाता है.
देश का कोई भी नागरिक खुद के केस में खुद पैरवी करने के लिए अदालत के सामने निवेदन कर सकता है और कोर्ट की अनुमति मिलने के बाद ही अपनी पैरवी की जा सकती है।
प्रर्दशन होना आम बात है, लेकिन अक्सर प्रर्दशन के दौरान दंगे हो ही जाते हैं, जिससे देश में आशांति का माहौल हो जाता है। इन्ही दंगों को रोकने के लिए भारतीय दंड संहिता में कुछ कानून बनाये गए हैं, जिससे लोगों के मन में कानून का डर हो.
मद्रास हाईकोर्ट में नियुक्त किए गए जजों में एडवोकेट L Victoria Gowri का नाम भी शामिल है. हाल ही में एडवोकेट गौरी के खिलाफ मद्रास हाईकोर्ट के 22 सीनियर एडवोकेट ने उनके पूर्व में दिए गए विवादित बयानों के आधार पर राष्ट्रपति को पत्र लिखकर उनका नाम वापस भेजने का अनुरोध किया था.
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा 13 दिसंबर को इन 5 नामों के लिए भेजी गई सिफारिश को केन्द्र सरकार ने करीब 52 दिन के बाद मंजूर किया है. सुप्रीम कोर्ट जजों के लिए इससे पहले की कॉलेजियम द्वारा की गई सिफारिश के प्रति केन्द्र का रूख बेहद अलग रहा है.
एडवोकेट्स एक्ट, 1961 की धारा 32 के तहत कोई भी व्यक्ति अपना केस अदालत में लड़ सकता है.कोर्ट में जज के सामने कोई भी उपस्थित होकर दलील दे सकता है चाहे वह वकील हो या नहीं.
केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रीजीजू ने गुरूवार को राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह बताया कि समान नागरिक संहिता लागू करने पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है.
केन्द्रीय कानून मंत्री किरेन रीजीजू ने राज्यसभा में जानकारी देते हुए बताया है कि देश भर के अदालतों में चार लाख से अधिक मामले ऐसे हैं जो 25 वर्षों से भी अधिक समय से लंबित हैं. रीजीजू ने बड़ी संख्या में पेडिंग मुकदमों के कई कारण बताए है.
ऐसा बहुत कम होता है जब कोई जलूस निकल रहा हो और उसमें कोई दंगा ना हो. इससे जुड़े मामले आए दिन अखबारों की सुर्खियां बने रहते हैं. एक ओर शासन से लेकर प्रशासन डाल - डाल चलते हैं तो वही उपद्रवी पात - पात चलते हैं.
तीन वर्ष की अवधि में केन्द्र द्वारा वापस भेजे गए 18 में से 6 नाम को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने दोबारा सिफारिश की है. वही 18 में से 7 नामो के लिए उनके संबंधित हाईकोर्ट कॉलेजियम से अधिक इनपुट मांगे गए वही 5 नाम की सिफारिश को उनके हाईकोर्ट को वापस भेज दिया गया.
कई बार ऐसा होता है कि कुछ लोग अपना केस खुद लड़ना चाहते हैं लेकिन उनके पास लॉ की डिग्री नहीं होती, जिसके कारण वो अपने पांव पीछे खींच लेते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारे देश की कानून व्यवस्था इस पर क्या कहती है.
याचिका में कानून मंत्री और उपराष्ट्रपति के बयानों को लेकर कहा गया कि संवैधानिक पदों पर बैठे जिम्मेदार लोगों द्वारा इस तरह का व्यवहार बड़े पैमाने पर जनता की नज़र में सर्वोच्च न्यायालय की महिमा को कम कर रहा है.
तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश (CJI) एन वी रमना की अगुवाई वाली तीन-सदस्यीय पीठ ने अपने फैसले से बेनामी लेनदेन (निषेध) संशोधन अधिनियम, 2016 के कई प्रावधानों को रद्द कर दिया था.
सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ऑन जुवेनाइल जस्टिस और यूनिसेफ द्वारा संयुक्त रूप से POCSO अधिनियम को लेकर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है.सम्मेलन में उद्घाटन सत्र के बाद POCSO अधिनियम के विभिन्न पहलुओं को कवर करने वाले तकनीकी सत्रों का आयोजन किया जा रहा है.
16—18 वर्ष के बीच उम्र की नाबालिग लड़कियों द्वारा प्रेम और शादी के इरादे से घर से भागने के बढते रोमांटिक मामलो और ऐसे मामलों में किशोरों को सजा होने के बढ़ते मामलों पर देश के कई हाईकोर्ट भी चिंता जता चुके है. अब सीजेआई डी वाई चन्द्रचूड़ ने सहमति की आयु को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है.
संविधान के अनुसार किसी भी नागरिक या व्यक्ति को तक तक किसी अपराध का दोषी नहीं माना जाएगा जब तक सबूतो के आधार पर अदालत उसे दोषी घोषित नहीं कर देती. इसलिए गिरफतार हुए व्यक्ति को भी हमारे संविधान में कई अधिकार दिए गए है.
आप घर बैठकर ही कंप्यूटर या मोबाइल की मदद से ONLINE FIR कैसे कर सकते है.देश के अधिकांश राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में दस्तावेज गुमशुदगी की शिकायत, चोरी होने की शिकायत सहित कई छोटे अपराधों की एफआईआर दर्ज करने की सुविधा दी जा रही है
गर्भतवी महिलाओं को लेकर 1961 में बना मातृत्व अवकाश कानून पहला ऐतिहासिक बदलाव था जिसके द्वारा हमारे देश में कामकाजी महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान कई अधिकार दिए गए.2017 के मैटरनिटी बेनिफिट संशोधित ऐक्ट के बाद इसमें कई नए प्रावधान जोड़े गए है
सीआरपीसी (CrPC) या दंड प्रक्रिया संहिता 1973 में कई ऐसी धाराएं है जिसके तहत इस तरह से गिरफ्तारी हो सकती है.पुलिस को यह पूर्ण अधिकार है कि वह विश्वशनीय सूचना के आधार किसी भी व्यक्ति को बिना किसी वारण्ट के गिरफ्तार कर सकती है
सुप्रीम कोर्ट के अनुसार 3 अक्टूबर 2017 के प्रस्ताव में केवल कॉलेजियम के अंतिम निर्णय को ही सुप्रीम कोर्ट की वेबसाईट पर अपलोड किये जाने के प्रावधान किया गया था. ऐसे में 18 दिसंबर 2018 कोकेवल चर्चा हुई है, ऐसे में उसे सार्वजनिक नही किया जा सकता.
सोशलमीडिया पर लीक हुई जानकारी, अश्लील व आपत्तिजनक वीडियो या फोटो को ना केवल आप समय रहते डीलीट करा सकते है बल्कि ऐसा करने वालो को सख्त सजा दिला सकते है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने मुंबई के पूर्व पुलिस प्रमुख संजय पांडे को ईडी की और दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दे दी है. हाईकोर्ट ने कहा कि फोन टैपिंग का मामला निजता के अधिकार का उल्लघंन है लेकिन ये मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत अपराध नही है.
नए मोटर वीइकल ऐक्ट के लागू होने के बाद ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर जुर्माना काफी बढ़ गया है और यात्रियों की सुरक्षा के लिए, कई नए नियम भी इसमें जोड़े गए है. सुरक्षा के चलते नए एक्ट में बाइक सवार की ड्रेस कोड को लेकर भी नियम बनाए गए है.
विधि मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में ना केवल देशभर में जजों की वेकेंसी बल्कि पिछले 5 साल में हाईकोर्ट की सिफारिशों का वापस भेजे जाने का भी ब्यौरा पेश किया है
धारा 142(1) के तहत नोटिस आपको तब जारी किया जा सकता है जब आप आईटीआर दाखिल करते हैं, और असेसिंग ऑफिसर (Assessing Officer) को आपके रिटर्न दावों की पुष्टि करने वाले दस्तावेजों या जानकारी की आवश्यकता होती है.
नाबालिकों बच्चों से लेकर बुजूर्गो तक सभी के लिए आधार कार्ड के लिए आवेदन प्रक्रिया एक समान है. नए आधार कार्ड के लिए आप अपने मोबाईल से ही आवेदन कर सकते है या अपने निकटतम आधार रजिस्ट्रेशन सेंटर जाकर भी कर सकते है.
कोई भी नाबालिग बच्चा वाहन चलाते हुए पाया जाता है तो इसके लिए बच्चे को नहीं बल्कि वाहनमालिक माता—पिता या उसके वास्तविक स्वामी को जेल की हवा भी खानी पड़ सकती हैं.
इस नए ऐप से सरकार से जुड़े सभी विधि अधिकारी भी मुकदमों का रीयल टाइम एक्सेस कर सकते हैं साथ ही सरकारी विभाग भी अपने लंबित मामलों की जांच कर सकेंगे.
डॉक्यूमेंट नहीं होने की वजह से ट्रैफिक पुलिस द्वारा काटे गए चालान को प्राप्त कर ले. और इस बात का विशेष ख्याल रखें की आप ट्रैफिक पुलिस (Traffic Police) के डर से तुरंत चालान न भर दें.
आप खुद से भी आईटीआर फाइल कर सकते हैं.ऑनलाइन मोड से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना और भी आसान हो गया है.
पहले के मुकाबले पैन कार्ड बनवाना अब बहुत ही आसान हो गया है. इसके लिए आप खुद के मोबाइल/कम्प्यूटर से या ई मित्र केन्द्र से भी आवेदन कर सकते है.