बाल यौन शोषण की सूचना न देना पॉक्सो एक्ट की धारा 21 के तहत किस तरह का अपराध है?
केवल अपराध करना ही नहीं बल्कि उसे छुपाने वाला भी अपराधी होता है जिसके बारे में पॉक्सो अधिनियम में बताया गया है.
केवल अपराध करना ही नहीं बल्कि उसे छुपाने वाला भी अपराधी होता है जिसके बारे में पॉक्सो अधिनियम में बताया गया है.
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने केंद्र से मांग की है कि वो 'शवों से दुष्कर्म' को एक दंडनीय अपराध की श्रेणी में लाएं और भारतीय दंड संहिता में इसे लेकर संशोधन करें
कर्नाटक हाईकोर्ट ने केंद्र से कहा है कि उन्हें IPC में या तो संशोधन करना चाहिए या फिर नए प्रावधानों को लाना चाहिए जिससे उन लोगों को कड़ी सजा मिल सके जो शवों के साथ दुष्कर्म कर रहे हैं.
कर्नाटक चुनाव के दौरान बजरंग दल को लेकर की गयी उनकी टिप्पणी को लेकर दायर शिकायत पर सुनवाई के बाद संगरूर की सिविल जज रमनदीप कौर की कोर्ट ने खड़गे को 10 जुलाई को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं.
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओंं की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने इस मामले को मेंशन करते हुए कहा कि "हर दिन केंद्रीय गृह मंत्री कहते हैं कि हमने रद्द कर दिया है. औरर यह अदालत की अवमानना है.
राज्य सरकार की ओर से डी के शिवकुमार की याचिका का विरोध करते हुए अदालत में कहा गया कि डीएसपीई अधिनियम की धारा 6 के तहत पारित आदेश स्वीकृति आदेश नहीं है, बल्कि मामले की जांच के लिए सीबीआई को दी गई सहमति है.
1979 में मुस्लिम समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग की श्रेणी में शामिल करना एलजी हवानूर की अध्यक्षता वाले प्रथम पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिशों के विपरीत था.
सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट से मामले की सुनवाई किसी और दिन करने की मांग की है. पीठ ने कहा कि सॉलिसिटर जनरल के आश्वासन के अनुसार कोई नियुक्ति नहीं की जाएगी और किसी भी विवाद के लिए कोई पूर्वाग्रह नहीं होगा.
पत्नी के साथ क्रूरता करने पर भारतीय दंड संहिता के तहत कारावास और जुर्माने से किया जाएगा दण्डित
खाने में नमक कम हो तो मार पीट, पत्नी ज्यादा पढ़ी लिखी है तो नौकरी करने पर रोक, दहेज के नाम पर हत्या आदि इस तरह के अपराध लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं.
Justice K M Joseph और Justice B V नागरत्ना की पीठ ने सरकार के फैसले पर कहा कि अदालत के सामने पेश किए गए रिकॉर्ड से ऐसा प्रतीत होता है कि कर्नाटक सरकार का फैसला ‘पूरी तरह से गलत धारणा’ पर आधारित है.
दिल्ली, पंजाब, गोवा और गुजरात में एक आम आदमी पार्टी को राज्य राजनैतिक दल के रूप में मान्यता प्राप्त है. 2022 में हुए गुजरात चुनाव में मिले वोटो के आधार पर आप पार्टी ने चुनाव आयोग के समक्ष राष्ट्रीय दर्जे के लिए आवेदन किया था.
टाटा ट्रस्ट की ओर से 2019 में शुरू की गयी आईजेआर रिपोर्ट का यह तीसरा संस्करण है. कोविड के चलते वर्ष 2021 की रिपोर्ट जारी नही की गई थी, जिसके बाद वर्ष 2022 की रिपोर्ट को तीसरे संस्करण के रूप में जारी किया गया है.
Karnataka High Court के Justice M Nagaprasanna ने मामले को विशेष परिस्थितियों का बताते हुए जेल अधिकारियों को दोषी आनंद को विवाह के लिए 5 अप्रैल से 20 अप्रैल की अवधि के लिए रिहा करने का आदेश दिया.
भाजपा विधायक को 7 मार्च को 5 लाख रूपये के निजी मुचलके की शर्ता हाईकोर्ट की एकलपीठ ने अंतरिम अग्रिम जमानत दी थी,जिसके खिलाफ कर्नाटक लोकायुक्त द्वारा मामले में याचिका दायर की गई थी.
कर्नाटक लोकायुक्त ने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया है कि कि विधायक के कमरे से बड़ी रकम बरामद होने के बावजूद उन्हें अग्रिम जमानत मिल गई.
बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के कार्यकाल के दौरान जस्टिस दत्ता ने बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को लेकर कई अहम निर्णय लिए.उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में 30 एकड़ के भूखंड पर एक नए हाईकोर्ट भवन के लिए उनके द्वारा किए गए प्रयास हैं.
मुख्य न्यायाधीश को लिखे पत्र में Advocates' Association Bengaluru के अध्यक्ष विवेक सुब्बा रेड्डी और महासचिव टी जी रवि ने कहा है कि ‘कर्नाटक हाईकोर्ट में आम तौर पर अग्रिम जमानत जैसे नए मामलों को सूचीबद्ध होने में कई दिन और कई सप्ताह लगते हैं, लेकिन वीआईपी (अति महत्वपूर्ण लोगों से जुड़े) मामलों पर तुरंत विचार किया जाता है’
Justice K M Joseph और Justice B V नागरत्ना की पीठ ने सरकार के फैसले पर कहा कि अदालत के सामने पेश किए गए रिकॉर्ड से ऐसा प्रतीत होता है कि कर्नाटक सरकार का फैसला ‘पूरी तरह से गलत धारणा’ पर आधारित है.
दिल्ली, पंजाब, गोवा और गुजरात में एक आम आदमी पार्टी को राज्य राजनैतिक दल के रूप में मान्यता प्राप्त है. 2022 में हुए गुजरात चुनाव में मिले वोटो के आधार पर आप पार्टी ने चुनाव आयोग के समक्ष राष्ट्रीय दर्जे के लिए आवेदन किया था.
टाटा ट्रस्ट की ओर से 2019 में शुरू की गयी आईजेआर रिपोर्ट का यह तीसरा संस्करण है. कोविड के चलते वर्ष 2021 की रिपोर्ट जारी नही की गई थी, जिसके बाद वर्ष 2022 की रिपोर्ट को तीसरे संस्करण के रूप में जारी किया गया है.
Karnataka High Court के Justice M Nagaprasanna ने मामले को विशेष परिस्थितियों का बताते हुए जेल अधिकारियों को दोषी आनंद को विवाह के लिए 5 अप्रैल से 20 अप्रैल की अवधि के लिए रिहा करने का आदेश दिया.
भाजपा विधायक को 7 मार्च को 5 लाख रूपये के निजी मुचलके की शर्ता हाईकोर्ट की एकलपीठ ने अंतरिम अग्रिम जमानत दी थी,जिसके खिलाफ कर्नाटक लोकायुक्त द्वारा मामले में याचिका दायर की गई थी.
कर्नाटक लोकायुक्त ने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया है कि कि विधायक के कमरे से बड़ी रकम बरामद होने के बावजूद उन्हें अग्रिम जमानत मिल गई.
बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के कार्यकाल के दौरान जस्टिस दत्ता ने बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को लेकर कई अहम निर्णय लिए.उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में 30 एकड़ के भूखंड पर एक नए हाईकोर्ट भवन के लिए उनके द्वारा किए गए प्रयास हैं.
मुख्य न्यायाधीश को लिखे पत्र में Advocates' Association Bengaluru के अध्यक्ष विवेक सुब्बा रेड्डी और महासचिव टी जी रवि ने कहा है कि ‘कर्नाटक हाईकोर्ट में आम तौर पर अग्रिम जमानत जैसे नए मामलों को सूचीबद्ध होने में कई दिन और कई सप्ताह लगते हैं, लेकिन वीआईपी (अति महत्वपूर्ण लोगों से जुड़े) मामलों पर तुरंत विचार किया जाता है’
इस मामले को पहले भी 23 जनवरी को वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा की ओर से मेंशन किया गया था. तब भी सीजेआई ने याचिकाकर्ताओं को आश्वासन दिया था कि जल्द ही मामले की सुनवाई के लिए तीन-जजों की पीठ के लिए एक तारीख तय की जाएगी.एक माह बाद ही मामले की सुनवाई के लिए पीठ का गठन नहीं होने पर बुधवार सुबह न्यायालय समय के साथ ही फिर से मेंशन किया गया.
मद्रास हाईकोर्ट में नियुक्त किए गए जजों में एडवोकेट L Victoria Gowri का नाम भी शामिल है. हाल ही में एडवोकेट गौरी के खिलाफ मद्रास हाईकोर्ट के 22 सीनियर एडवोकेट ने उनके पूर्व में दिए गए विवादित बयानों के आधार पर राष्ट्रपति को पत्र लिखकर उनका नाम वापस भेजने का अनुरोध किया था.
'एक समुदाय को अपने धार्मिक प्रतीकों को स्कूलों में पहनने की अनुमति देना "धर्मनिरपेक्षता के विपरीत" होगा- जस्टिस हेमंत गुप्ता
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 17 और 18 जनवरी को हुई कॉलेजियम की बैठक के 7 स्टेटमेंट जारी करते हुए कुल 30 नाम की सिफारिश केन्द्र सरकार को भेजी है.कॉलेजिमय की 18 जनवरी की बैठक में 3 हाईकोर्ट के लिए 4 अधिवक्ताओं के नाम की सिफारिश को दोहराया है.
कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला देते हुए स्पष्ट किया हैं कि बाजार में बेचे जाने वाली किसी भी खाद्य सामग्री को 'वेज' या 'नॉन-वेज' और बेस्ट बिफोर के सिंबल के बिना बेचे जाने पर यह the Prevention of Food Adulteration Act के तहत अपराध माना जाएगा.