यौन उत्पीड़न मामलों में बच्चों की पहचान किसी हालत में उजागर ना हो', पुलिस आयुक्त और एम्स प्रशासन को Delhi HC की हिदायत
दोषी को 2021 में 20 साल की कठोर सजा सुनाई गई थी, जिसे दिल्ली हाईकोर्ट ने 10 साल कर दिया, यह मानते हुए कि यौन उत्पीड़न का केवल प्रयास किया गया था. फैसले में अदालत ने यह भी कहा कि जांच अधिकारी (IO) पीड़ित बच्चे की पहचान की रक्षा करने में विफल रहा.