पटना हाईकोर्ट ने रेलवे क्रॉसिंग पर जनहित याचिका रद्द की और जारी किया ये निर्देश
पटना उच्च न्यायालय ने ग्रामीणों की सुविधा हेतु रेलवे क्रॉसिंग बनवाने की याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट का इस बारे में क्या कहना है, जानिए
पटना उच्च न्यायालय ने ग्रामीणों की सुविधा हेतु रेलवे क्रॉसिंग बनवाने की याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट का इस बारे में क्या कहना है, जानिए
Patna हाई कोर्ट की एकल पीठ ने बैंकों को चेतावनी देते हुए कहा ‘‘बैंक और वित्तीय कंपनियां भारत के मौलिक सिद्धांतों और नीति के विपरीत कार्य नहीं कर सकती हैं
अदालत ने बिहार के सभी पुलिस अधीक्षकों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि किसी भी वसूली एजेंट द्वारा किसी भी वाहन को जबरन जब्त नहीं किया जाए.
Supreme Court ने बिहार सरकार को इस बात की छूट दी है कि अगर 3 जुलाई को हाईकोर्ट इस मामले पर सुनवाई नही करता है तो वह 14 जुलाई को इस मामले पर सुनवाई करेगा.
Patna High Court में Rahul Gandhi के अधिवक्ताओं ने दलील दी है कि Rahul Gandhi को इसी मामले में सूरत की अदालत से सजा मिल चुकी है ऐसे में एक ही मामले में दो-दो जगह ट्रायल ठीक नहीं है.
Supreme Court में दायर की गयी याचिका के जरिए बिहार सरकार ने जाति आधारित गणना पर लगी रोक के मामले में जल्द सुनवाई की अपील की है. सुप्रीम कोर्ट में दायर अपील में कहा गया कि High Court ने अंतरिम स्तर पर मामले की योग्यता की गलत जांच की और राज्य की विधायी क्षमता में हस्तक्षेप किया है.
जाति आधारित गणना का 80% से ज्यादा काम पूरा हो चुका है और 500 करोड़ रुपये भी जारी किए जा चुके हैं
हाईकोर्ट ने इस मामले में जल्दी सुनवाई के लिए राज्य सरकार की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया. याचिका खारिज होने के बाद अब इस मामले पर हाईकोर्ट में 3 जुलाई 2023 को ही सुनवाई होगी. साथ ही राज्य में अभी जाति आधारित गणना पर लगी रोक भी बरकरार रहेगी.
Patna High Court ने आदेश में मामले की अगली सुनवाई 3 जुलाई तय करते हुए बिहार सरकार को निर्देश दिए है कि तब तक कोई डाटा सामने नहीं आएगा.
पटना में उप-न्यायाधीश-सह-अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के रूप में कार्यरत होने के दौरान महिला ने एक आपराधिक मामले में एक आरोपी को बरी करने का फैसला दिया. आरोपी पर एक लाख रुपये का चेक बाउंस होने का आरोप था.
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है जहां पटना हाई कोर्ट ने अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया है.
व्यक्तिगत अनुरोध पर सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने High Court के दो जजों के तबादले की सिफारिरश की थी. जिसमें मूल Rajasthan High Court के जज Justice Sanjeev Prakash Sharma को उनके स्वास्थ्य के चलते और जस्टिस अतुल श्रीधरन को अपनी बेटी के लिए अनुरोध करने पर तबादले की सिफारिश की थी.
Supreme Court Collegium ने दो High Court Judges के व्यक्तिगत अनुरोध को स्वीकार करते हुए उनके तबादले की सिफारिश केन्द्र को भेजी है.
राष्ट्रपति भवन की ओर से शुक्रवार देर शाम जारी किए गए नियुक्ति वारंट के अनुसार Allahabad High Court में जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर, Chhattisgarh High Court के लिए जस्टिस रमेश सिन्हा और Patna High Court के लिए जस्टिस विनोद चंद्रन को मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है.
जस्टिस एस रवींद्र भट और दीपांकर दत्ता की सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने मामले में सभी तथ्यों पर विचार करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता को अग्रिम जमानत दी जानी चाहिए और अदालत ने उसे ट्रायल कोर्ट की शर्तों पर अग्रिम जमानत देने का आदेश दिया.
कानून मंत्रालय के आदेश के अनुसार हाईकोर्ट जज के रूप में पदोन्नति से पहले, याचिकाकर्ताओं को न्यायिक अधिकारियों के रूप में राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत कवर किया गया था.इसलिए उनके पूर्व खातों को बंद किया गया.
जस्टिस निखिल कारियल के तबादले की सिफारिश के विरोध में GHCAA के 7 सदस्य प्रतिनिधीमण्डल ने सीजेआई से फैसले पर पुर्नविचार की मांग की हैं.वही सीजेआई ने सभी अधिवक्ताओं को काम पर लौटने का आहवान किया है
Supreme Court में दायर की गयी याचिका के जरिए बिहार सरकार ने जाति आधारित गणना पर लगी रोक के मामले में जल्द सुनवाई की अपील की है. सुप्रीम कोर्ट में दायर अपील में कहा गया कि High Court ने अंतरिम स्तर पर मामले की योग्यता की गलत जांच की और राज्य की विधायी क्षमता में हस्तक्षेप किया है.
हाईकोर्ट ने इस मामले में जल्दी सुनवाई के लिए राज्य सरकार की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया. याचिका खारिज होने के बाद अब इस मामले पर हाईकोर्ट में 3 जुलाई 2023 को ही सुनवाई होगी. साथ ही राज्य में अभी जाति आधारित गणना पर लगी रोक भी बरकरार रहेगी.
Patna High Court ने आदेश में मामले की अगली सुनवाई 3 जुलाई तय करते हुए बिहार सरकार को निर्देश दिए है कि तब तक कोई डाटा सामने नहीं आएगा.
पटना में उप-न्यायाधीश-सह-अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के रूप में कार्यरत होने के दौरान महिला ने एक आपराधिक मामले में एक आरोपी को बरी करने का फैसला दिया. आरोपी पर एक लाख रुपये का चेक बाउंस होने का आरोप था.
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है जहां पटना हाई कोर्ट ने अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया है.
व्यक्तिगत अनुरोध पर सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने High Court के दो जजों के तबादले की सिफारिरश की थी. जिसमें मूल Rajasthan High Court के जज Justice Sanjeev Prakash Sharma को उनके स्वास्थ्य के चलते और जस्टिस अतुल श्रीधरन को अपनी बेटी के लिए अनुरोध करने पर तबादले की सिफारिश की थी.
Supreme Court Collegium ने दो High Court Judges के व्यक्तिगत अनुरोध को स्वीकार करते हुए उनके तबादले की सिफारिश केन्द्र को भेजी है.
राष्ट्रपति भवन की ओर से शुक्रवार देर शाम जारी किए गए नियुक्ति वारंट के अनुसार Allahabad High Court में जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर, Chhattisgarh High Court के लिए जस्टिस रमेश सिन्हा और Patna High Court के लिए जस्टिस विनोद चंद्रन को मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है.
जस्टिस एस रवींद्र भट और दीपांकर दत्ता की सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने मामले में सभी तथ्यों पर विचार करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता को अग्रिम जमानत दी जानी चाहिए और अदालत ने उसे ट्रायल कोर्ट की शर्तों पर अग्रिम जमानत देने का आदेश दिया.
कानून मंत्रालय के आदेश के अनुसार हाईकोर्ट जज के रूप में पदोन्नति से पहले, याचिकाकर्ताओं को न्यायिक अधिकारियों के रूप में राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत कवर किया गया था.इसलिए उनके पूर्व खातों को बंद किया गया.
जस्टिस निखिल कारियल के तबादले की सिफारिश के विरोध में GHCAA के 7 सदस्य प्रतिनिधीमण्डल ने सीजेआई से फैसले पर पुर्नविचार की मांग की हैं.वही सीजेआई ने सभी अधिवक्ताओं को काम पर लौटने का आहवान किया है