भगवद् गीता का श्लोक पढ़ 'जस्टिस' ने दो भाइयों के बीच जमीनी मुआवजे के विवाद को किया बंद, जानें पूरा मामला
साल 2004 में वह जमीन इंडस्ट्रियल कार्यों के लिए जमीन का अधिग्रहण हुआ. मुआवजे की राशि करीब 17 लाख 72 हजार रूपये तय हुई और सभी को पैसा भेजा गया. गलती पैसे भेजने के दरम्यान हुआ, अब जमीन अधिग्रहण का पैसा एक व्यक्ति को मिलने वाला मुआवजा दूसरे व्यक्ति को मिल गया. आइये जानते हैं कि उड़ीसा हाई कोर्ट ने क्यों इस मामले को रद्द किया...