जस्टिस ओका के रिटायरमेंट के बाद जस्टिस बीवी नागरत्ना को मिलेगी नई जिम्मेदारी, पहली महिला CJI बनने की कतार में भी शामिल
2027 में जस्टिस बीवी नागरत्ना एक महीने से अधिक समय के लिए, वे देश की पहली महिला प्रधान CJI बन सकती हैं.
2027 में जस्टिस बीवी नागरत्ना एक महीने से अधिक समय के लिए, वे देश की पहली महिला प्रधान CJI बन सकती हैं.
ब्रेकिंग ग्लास सीलिंग: वूमेन हू मेड इट टाइटल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जस्टिस बीवी नागरत्ना ने यह भी कहा कि देश के अग्रणी लॉ स्कूल और यनिवर्सिटी से ग्रेजुएट होकर जूनियर रैंक पर काम करने वाली महिला ग्रेजुएटों की संख्या उनके पुरुष सहकर्मियों के लगभग बराबर है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि वर्कप्लेस पर या बाद के दिनों उच्च पदों पर उनका समान प्रतिनिधित्व होगा.
जस्टिस एस नटराजन शताब्दी स्मृति व्याख्यान में न्यायमूर्ति नागरत्ना ने कहा कि अंततः न्यायाधीशों का दृढ़ विश्वास, साहस और स्वतंत्रता ही अदालत के समक्ष मामलों का फैसला करती है.
जस्टिस बीवी नागरत्ना ने कहा कि मुझे गर्मी की छुट्टियों में सैलरी मिलने पर बहुत बुरा लगता है, क्योंकि मैं जानती हूं कि हमने उस दौरान काम नहीं किया है. जस्टिस ने कहा कि जब उन्होंने जज के रूप में काम नहीं किया, तो हम उन्हें पिछला वेतन नहीं दे सकते. हमारा विवेक इसकी इजाजत नहीं देता.
ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश बीवी नगरत्ना ने 'हमारी संवैधानिक संस्कृति का पोषण: एक उच्च आह्वान' विषय पर अध्यक्षीय भाषण दिया। उनके साथ-साथ कई और दिग्गज इस मौके पर मौजूद थे...
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओंं की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने इस मामले को मेंशन करते हुए कहा कि "हर दिन केंद्रीय गृह मंत्री कहते हैं कि हमने रद्द कर दिया है. औरर यह अदालत की अवमानना है.
22 मई से 03 जुलाई तक Supreme Court में 6 सप्ताह का ग्रीष्मकालीन अवकाश रहेगा.पिछले वर्ष की तुलना इस वर्ष सुप्रीम कोर्ट के ग्रीष्मकालीन अवकाश में एक सप्ताह की छूट्टियां कम कर दी गयी है.अवकाश के प्रथम सप्ताह में शनिवार-रविवार को भी वेकेशन बेंचे सुनवाई करेगी.
हैट स्पीच मामले में विभिन्न राज्य प्राधिकरणों के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पीठ ने कहा कि हर दिन अराजक तत्व टीवी और सार्वजनिक मंचों पर दूसरों को बदनाम करने के लिए भाषण दे रहे हैं.
आज महिलाएं किसी से कम नहीं हैं, घर से लेकर ऑफिस तक उन्होंने अपने सामने आने वाली हर मुसीबत का सामना कर एक मुकाम बनाया है जिसका जीती जागती उदाहरण हैं सुप्रीम कोर्ट की ये 11 महिला न्यायाधीश.
जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि नोटबंदी के फैसले को RBI ने स्वतंत्र रूप से नहीं लिया था. इस मामले में RBI से केवल राय मांगी गई थी.नोटबंदी जैसा महत्वपूर्ण फैसला मात्र 24 घंटे में ले लिया गया था. देश से जुड़े इतने महत्वपूर्ण मुद्दे पर संसद को अलग नहीं रखा जा सकता.
2027 में जस्टिस बीवी नागरत्ना एक महीने से अधिक समय के लिए, वे देश की पहली महिला प्रधान CJI बन सकती हैं.
ब्रेकिंग ग्लास सीलिंग: वूमेन हू मेड इट टाइटल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जस्टिस बीवी नागरत्ना ने यह भी कहा कि देश के अग्रणी लॉ स्कूल और यनिवर्सिटी से ग्रेजुएट होकर जूनियर रैंक पर काम करने वाली महिला ग्रेजुएटों की संख्या उनके पुरुष सहकर्मियों के लगभग बराबर है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि वर्कप्लेस पर या बाद के दिनों उच्च पदों पर उनका समान प्रतिनिधित्व होगा.
जस्टिस एस नटराजन शताब्दी स्मृति व्याख्यान में न्यायमूर्ति नागरत्ना ने कहा कि अंततः न्यायाधीशों का दृढ़ विश्वास, साहस और स्वतंत्रता ही अदालत के समक्ष मामलों का फैसला करती है.
ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश बीवी नगरत्ना ने 'हमारी संवैधानिक संस्कृति का पोषण: एक उच्च आह्वान' विषय पर अध्यक्षीय भाषण दिया। उनके साथ-साथ कई और दिग्गज इस मौके पर मौजूद थे...
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओंं की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने इस मामले को मेंशन करते हुए कहा कि "हर दिन केंद्रीय गृह मंत्री कहते हैं कि हमने रद्द कर दिया है. औरर यह अदालत की अवमानना है.
22 मई से 03 जुलाई तक Supreme Court में 6 सप्ताह का ग्रीष्मकालीन अवकाश रहेगा.पिछले वर्ष की तुलना इस वर्ष सुप्रीम कोर्ट के ग्रीष्मकालीन अवकाश में एक सप्ताह की छूट्टियां कम कर दी गयी है.अवकाश के प्रथम सप्ताह में शनिवार-रविवार को भी वेकेशन बेंचे सुनवाई करेगी.
हैट स्पीच मामले में विभिन्न राज्य प्राधिकरणों के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पीठ ने कहा कि हर दिन अराजक तत्व टीवी और सार्वजनिक मंचों पर दूसरों को बदनाम करने के लिए भाषण दे रहे हैं.
जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि नोटबंदी के फैसले को RBI ने स्वतंत्र रूप से नहीं लिया था. इस मामले में RBI से केवल राय मांगी गई थी.नोटबंदी जैसा महत्वपूर्ण फैसला मात्र 24 घंटे में ले लिया गया था. देश से जुड़े इतने महत्वपूर्ण मुद्दे पर संसद को अलग नहीं रखा जा सकता.