जाली नोटों की तस्करी एक गंभीर अपराध है, जानिये सजा का प्राविधान
जाली नोटों से जुड़े अपराध हर दिन समय के साथ बढ़ते जा रहे है . क्या है भारतीय दंड संहिता में इससे जुड़े सम्बन्धित प्राविधान
जाली नोटों से जुड़े अपराध हर दिन समय के साथ बढ़ते जा रहे है . क्या है भारतीय दंड संहिता में इससे जुड़े सम्बन्धित प्राविधान
पिछले कुछ सालों में साइबर धोखाधड़ी के मामले देश में बहुत बढ़ गए हैं और इनसे सावधान रहना बहुत जरूरी है! अगर आप इस तरह के किसी मामले में फंस जाते हैं तो सुरक्षा हेतु क्या कानून हैं, जानिए
दोनों को एक दूसरे से प्रेम हो गया. आरोप है कि दोनों ने याचिकाकर्ता के चाचा के घर पर यौन संबंध बनाए
हमारे समाज में मानव शरीर के प्रति होते गंम्भीर अपराधों में मुख्यत: गैर इरादतन हत्या (Culpable Homicide) और हत्या (Murder) है.
दर्ज आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि 16 वर्ष की उम्र में नाबालिग होने के बाद भी पीड़िता ने याचिकाकर्ता के पक्ष में बयान दिया है.
साइबर क्राइम के मामले बेहद गंभीर हैं और इनकी संख्या देश में काफी ज्यादा बढ़ गई है। कानून के तहत, साइबर धोखाधड़ी के मामलों में किस तरह प्रोटेक्शन मिलता है और आईपीसी में इसको लेकर क्या प्रावधान हैं, आइए जानते हैं
सभी अपराध समान नहीं होते हैं और उन्हें अलग-अलग उपाय की आवश्यकता होती है. दंड प्रक्रिया संहिता में मुख्यत: दो तरह के अपराधों का वर्णन किया गया है.
कई बार जब लोगों को कोई जान से मारने की धमकी देता है तो वो डर कर अपराधी की सारी बातें मान लेते हैं. इन हालातों में जरूरी है कि कानून की मदद लें.
पति पत्नी के बीच मार पीट आज कई घरों की कहानी बन गई है लेकिन क्या यह एक अपराध है आइए जानते हैं
मामूली विवाद में किसी की हत्या करने की धमकी देना या चोट पहुंचाने की धमकी देना कानून रुप से एक अपराध माना जाता है. जिसके लिए दोषी को कठोर सजा हो सकती है.
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ 23 अप्रैल 2022 को चार्जशीट दाखिल की. केस की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में 6 गवाह पेश किए. अदालत ने पाया कि अभियोजन पक्ष मामले को साबित करने में सक्षम थी.
चार दीवारों के बीच होने वाली पति-पत्नी के बीच मारपीट क्या है दंडनीय अपराध? जानें क्या कहता है कानून, इस मामले में किस तरह मिलता है पति या पत्नी को प्रोटेक्शन
पत्नी ने पति पर आईपीसी की धारा 498A के तहत क्रूरता का आरोप लगाया है क्योंकि उसने उनके साथ शारीरिक संबंध निहं बनाए। अदालत ने क्या फैसला सुनाया, आइए जानते हैं
इस मामले में स्पेशल कोर्ट ने बलात्कार के दोषी को 135 साल की सजा सुनाई है और सभी सजा एक साथ चलेंगी.
महिला ने पति के खिलाफ शारीरिक संबंध न बनाने पर किया मुकदमा और तलाक की भी मांग की। ब्रह्मकुमारी समाज से कैसे जुड़ा है यह मामला, जानिए
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘यह एक आर्थिक अपराध है, जमानत के मामले में इससे सख्ती से निपटा जाना चाहिए... मामले में विस्तृत जांच की आवश्यकता है, जो आवेदक/आरोपी से निरंतर पूछताछ पर निर्भर है।’’
अकसर मार-पीट में दोनों पक्षों में किसी एक का सिर पर गंभीर चोट लग जाती है जो कि भारतीय कानून के तहत एक दंडनीय अपराध माना गया है.
भारतीय दंड संहिता यानि IPC की धारा 320 के तहत 8 प्रकार के गंभीर अपराधों का जिक्र किया गया है. इनमें उनमें सिर फोड़ना यानि किसी के सिर पर जान बूझकर वार करना भी शामिल है.
केंद्रीय जांच एजेंसी ने जगदीश टाइटलर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के कई धाराओं के तहत आरोपपत्र दाखिल किए हैं.
मामले की सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा, ‘‘किसी अदालत को केवल इस आधार पर यांत्रिक रूप से कार्य नहीं करना चाहिए कि जिस व्यक्ति को समन किया जाना है, उसकी संलिप्तता को लेकर कुछ साक्ष्य सामने आए हैं. ’’
WFI प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ IPC और POCSO अधिनियम के कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है.
भारत के विधि आयोग ने अपनी नई रिपोर्ट में भारतीय दंड संहिता की धारा 224A यानी राजद्रोह को बरकरार रखने की अनुशंसा की है, साथ ही, इसकी सजा को बढ़ाने का भी सुझाव दिया है
ऐसे किसी भी शख्स की पहचान नहीं की गई जिसका रास्ता आरोपी के कृत्य से बाधित हुआ हो या उसे कोई परेशानी हुई हो. अदालत ने यह भी कहा कि किसी भी आम आदमी को गवाह नहीं बनाया गया.
कर्नाटक हाईकोर्ट ने केंद्र से कहा है कि उन्हें IPC में या तो संशोधन करना चाहिए या फिर नए प्रावधानों को लाना चाहिए जिससे उन लोगों को कड़ी सजा मिल सके जो शवों के साथ दुष्कर्म कर रहे हैं.
भारतीय दंड संहिता की धारा 325 के तहत क्या आरोप लगाए जाते हैं, उससे क्या होता है और इस दंड की सजा क्या है, आइए सबकुछ जानते हैं
पुलिस ने सैफ को हिरासत में लेकर जब पूछताछ की तो उसने जुर्म कबूल कर लिया और उसकी निशानदेही पर बच्चे का शव घर से करीब पांच सौ मीटर दूर एक नाले से बरामद किया गया.
आरोपित व्यक्ति उसकईकर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 365 (अपहरण) और 392 (लूटपाट) सहित विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज मुकदमे की सुनवाई की जा रही थी.
आरोपी बिजॉय बिन जो की हैलाकांडी जिले के धोलासीत गांव का निवासी है, के खिलाफ पुलिस ने पिछले साल 18 जनवरी को मामला दर्ज किया था.
क्या हमारे देश में दो - दो शादियां करना एक अपराध के श्रेणी में आता है. इसे लेकर अलग- अलग लोग के मन में अलग- अलग धारणाएं बनी हुई हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हर बार दो शादियां करना अपराध के श्रेणी में नहीं आता.
पुलिस की हठधर्मिता और तानाशाही के विरोध में, वकीलों ने मंगलवार को दिनभर प्रोटेस्ट किया. आखिरकार पुलिस को बैकफुट पर आना पड़ा.
Supreme Court ने श्रीनिवास को 50 हजार के मुचलके पर अंतरिम जमानत देते हुए असम सरकार को भी नोटिस जारी किया है. श्रीनिवास ने गुवाहाटी हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.
अपहरण में इस्तेमाल की गई कार के चालक को पुलिस ने दिल्ली में पकड़ा था और उसकी निशानदेही पर गौरव को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़ा लिया गया था.
हमारे देश में संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत सभी नागरिकों को अपनी बात रखने की आजादी है लेकिन अनुच्छेद 19 (2) के अंतर्गत कुछ प्रतिबंध भी है जैसे कोई व्यक्ति किसी सार्वजनिक जगह पर कुछ ऐसा नहीं बोल सकता जिससे किसी की धार्मिक भावना आहत हो, या शांति भंग हो.
वर्ष 2013 में अपराधिक Criminal Law में किए गए संशोधन के बाद सांप्रदायिक हिंसा के दौरान दुष्कर्म की धारा 376(2)(g) में किसी को सजा सुनाए जाने का यह पहला मामला है. अदालत ने दोनो दोषियों को इस धारा के तहत 10 साल जेल की सजा के साथ 5000 का जुर्माना लगाया है.
प्रशासन ने हिंसाग्रस्त इलाकों में सख्ती बढ़ा दी है. राज्य की सुरक्षा के लिए सरकार ने 'शूट एट साइट' आदेश जारी किया है. आदेश के मुताबिक अगर इलाके में शरारती तत्व नजर आए तो उन्हें सुरक्षाबल देखते ही गोली मार सकते हैं.
वहीं अगर ऐसे अपराध पूजा के स्थान, या धार्मिक पूजा या धार्मिक समारोहों में लगे एक सभा में किया जाता है तो यह सजा पांच साल भी हो सकती है.