WFI अध्यक्ष को हो सकती है जेल? जानिए IPC में यौन शोषण का अपराध
IPC की धारा 354 के अनुसार यौन शोषण एक अपराध है और इसके खिलाफ कड़े कानून बनाए गए हैं. WFI अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और कोच पर कई महिला खिलाड़ियों के यौन शोषण का आरोप है.
IPC की धारा 354 के अनुसार यौन शोषण एक अपराध है और इसके खिलाफ कड़े कानून बनाए गए हैं. WFI अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और कोच पर कई महिला खिलाड़ियों के यौन शोषण का आरोप है.
हिरासत में मौत होने पर पुलिस अधिनियम, 1861 (The Police Act, 1861) की धारा 7 के तहत एक पुलिस अधिकारी को निलंबित किया जा सकता है.
IPC की धारा 80 लोगों को एक अपवाद भी देती है कि भले ही वे इस अधिनियम का उल्लंघन करते हैं या कोई अपराध करते हैं और यदि वह कार्य किसी दुर्घटना के कारण हुआ है तो इसे अपराध नहीं माना जाएगा.
एकांत कारावास जैसा की इसके शब्दों से ही सामने आता है कि अपराधी को जेल में अकेले रहने की सजा। IPC की धारा 73 और 74 में एकांत कारावास के बारे में बताया गया है और उससे सम्बंधित बातों को रेखांकित किया गया है।
कोर्ट ने कहा कि अग्रिम जमानत केवल उपयुक्त मामलों में प्रयोग किया जाने वाला एक असाधारण उपाय है. जस्टिस ज्योत्सना शर्मा की पीठ ने कहा कि अग्रिम जमानत से कोर्ट ने इंकार कर दिया है क्योंकि अभियुक्तों को अग्रिम जमानत देने का कोई आधार नहीं मिला.
हमारे देश के कानून के अनुसार कई बार जेल में बंद कैदियों को उनके व्यवहार, अपराध के इतिहास और भविष्य में बदलाव की संभावनाओं को देखते हुए सज़ा की अवधि पूरी करने से पहले ही रिहा कर दिया जाता है. यह सरकारों की सजा माफी यानी परिहार नीति (Remission Policy) के जरिए किया जाता है.
हमारे देश में कानून केवल अपराधियों को सजा के देने के लिए नहीं बल्कि यह अपराधियों को सुधरने का मौका देती है. इसके लिए वो कई तरह के हथकंडे अपनाती है.
इस धारा के स्पष्टीकरण में बताया गया है कि इस धारा में दी गई सजा, उस सजा के अतिरिक्त है जिस अपराध के लिए उसे हिरासत में लिया जाना था या आरोप लगाया गया था, या उसे दोषी ठहराया गया था.
जो कोई लोक सेवक किसी अन्य व्यक्ति को किसी कथित अपराध के चलते या किसी सज़ा के चलते या कानूनी तौर पर कारावास में रखने के लिए बाध्य है, लेकिन वह लोक सेवक अपनी लापरवाही दिखाता है तो जानिए क्या होता है.
भारतीय दंड संहिता की धारा 133 और 134 में सैनिक द्वारा अपने उच्च अधिकारिओं के खिलाफ किए गए अपराधों और उसके तहत मिलने वाली सजा के बारे में बताया गया है. इनमें सैनिक को अपराध के लिए उकसाना और उसके द्वारा किए गए अपराध की सज़ा का प्रावधान है.
किसी ऐसे सैनिक को अगर आप अपने घर में पनाह दे रहे हैं जो भगोड़ा है तो सावधान हो जाईए.
कहते हैं अपराधी अपराध करने से पहले ये नहीं देखते कि सामने कौन है वो देश की सेनी की को भी नहीं छोड़ते. इन्ही उपद्रवियों रोकने के लिए देश में कड़े कानून बनाए गए हैं .
उन्नाव रेप कांड (Unnao Rape Case) में दोषी रहे, बीजेपी (BJP) से निष्कासित और पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर (Kuldeep Singh Sengar) को जमानत मिल गई है.
भारतीय दंड सहिंता की धारा 220 के अनुसार यदि कोई व्यक्ति किसी सम्मानित पद या कार्यालय में होने के नाते अगर उस पद का गलत इस्तेमाल करता है और वह किसी भी व्यक्ति पर मुकदमे करता है या कैद में रखता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.
तीनों सेना के किसी भी अफसर या इससे जुड़े जितने भी लोग हैं उनको बहकाना इस धारा में अपराध में दोषी माना जाएगा. यह अपराध गैर-जमानतीय होने के कारण जमानत आसानी से नही मिल सकेगी.
कई बार टैक्स कलेक्शन करने वाले अधिकारी भी व्यापारियों को पूछताछ और जांच के बहाने अवैध रूप से हिरासत में ले लेते हैं. ऐसी कार्रवाई के समय, वह ऐसा जताते हैं कि यह सब न्याय और नियम के अनुसार ही हो रहा है. तो आज हम आपको बता दें कि भारतीय कानून के अंतर्गत, इस तरह की कार्यवाही एक अपराध है.
अपराध करना अगर गुनाह है तो अपराधी को छुपाना, अपराध करने में किसी की मदद करना या अपराधी को अपने पास रखना भी कानूनी रूप से दंडनीय है.
कुछ डॉक्टर ऐसे होते हैं जिनके कारण कारण मरीजों की समस्या कम होने के बदले और बढ़ जाती है. इलाज के दौरान कुछ डॉक्टर लापरवाही कर देते हैं. इस लापरवाही पर कानून भी बहुत सख्त है