क्या भारत में Dual Citizenship वैध हैं?
संविधान के आर्टिकल 9 के अनुसार, अगर भारत के नागरिक ने स्वैच्छिक रूप से किसी अन्य देश की नागरिकता ली है, तो उसकी देश की नागरिकता स्वत: समाप्त हो जाएगी.
संविधान के आर्टिकल 9 के अनुसार, अगर भारत के नागरिक ने स्वैच्छिक रूप से किसी अन्य देश की नागरिकता ली है, तो उसकी देश की नागरिकता स्वत: समाप्त हो जाएगी.
भारतीय न्याय संहिता की धारा 63 बलात्कार के अपराध की व्याख्या करती है. साथ ही बीएनएस की धारा 63 किन परिस्थितियों में किसी महिला के साथ शारीरिक संबंध बनाना बलात्कार माना जाएगा की पुष्टि करती है.
लीगल नोटिस हम सिविल कोड ऑफ प्रोसीजर के तहत भेजते हैं. यदि किसी ने आपकी बेइज़्ज़ती की है या किसी का चेक बाउंस हो या कोई बहुत बड़ा नुकसान हुआ है तो ऐसे में लीगल नोटिस भेजना सही रहता है.
कुछ महीने पहले ही एयर इंडिया की न्यूयॉर्क से दिल्ली आ रही एक फ्लाइट में कुछ ऐसा हुआ जिसके कारण सफर कर रहे दूसरे यात्रियों को परेशान होना पड़ा.
प्रर्दशन होना आम बात है, लेकिन अक्सर प्रर्दशन के दौरान दंगे हो ही जाते हैं, जिससे देश में आशांति का माहौल हो जाता है। इन्ही दंगों को रोकने के लिए भारतीय दंड संहिता में कुछ कानून बनाये गए हैं, जिससे लोगों के मन में कानून का डर हो.
ऐसा बहुत कम होता है जब कोई जलूस निकल रहा हो और उसमें कोई दंगा ना हो. इससे जुड़े मामले आए दिन अखबारों की सुर्खियां बने रहते हैं. एक ओर शासन से लेकर प्रशासन डाल - डाल चलते हैं तो वही उपद्रवी पात - पात चलते हैं.
यह एक जमानती और असंज्ञेय अपराध है जिसमें अपराधी को बिना वारंट (Warrant) के गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है. इस अपराध में समझौता नहीं किया जा सकता है.
IPC की धारा 202 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति यह जानता है कि या उसके पास विश्वास करने का कारण है कि कोई अपराध किया गया है और उस अपराध के बारे में सूचित करने के लिए वह कानूनी तौर पर बाध्य है,
यह धारा उन परिस्थितियों से संबंधित है, जहां कोई व्यक्ति यह जानते हुए कि आरोपी द्वारा अपराध को अंजाम दिया है लेकिन वह व्यक्ति अपराधी को कानूनी सजा से बचाने के इरादे से साक्ष्य (Evidence) को गायब कर देता है या आरोपी को बचाने के लिए गलत सूचना देता है.
कुछ महीने पहले ही एयर इंडिया की न्यूयॉर्क से दिल्ली आ रही एक फ्लाइट में कुछ ऐसा हुआ जिसके कारण सफर कर रहे दूसरे यात्रियों को परेशान होना पड़ा.
भारतीय न्याय संहिता की धारा 63 बलात्कार के अपराध की व्याख्या करती है. साथ ही बीएनएस की धारा 63 किन परिस्थितियों में किसी महिला के साथ शारीरिक संबंध बनाना बलात्कार माना जाएगा की पुष्टि करती है.
ऐसा बहुत कम होता है जब कोई जलूस निकल रहा हो और उसमें कोई दंगा ना हो. इससे जुड़े मामले आए दिन अखबारों की सुर्खियां बने रहते हैं. एक ओर शासन से लेकर प्रशासन डाल - डाल चलते हैं तो वही उपद्रवी पात - पात चलते हैं.
यह एक जमानती और असंज्ञेय अपराध है जिसमें अपराधी को बिना वारंट (Warrant) के गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है. इस अपराध में समझौता नहीं किया जा सकता है.
IPC की धारा 202 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति यह जानता है कि या उसके पास विश्वास करने का कारण है कि कोई अपराध किया गया है और उस अपराध के बारे में सूचित करने के लिए वह कानूनी तौर पर बाध्य है,
यह धारा उन परिस्थितियों से संबंधित है, जहां कोई व्यक्ति यह जानते हुए कि आरोपी द्वारा अपराध को अंजाम दिया है लेकिन वह व्यक्ति अपराधी को कानूनी सजा से बचाने के इरादे से साक्ष्य (Evidence) को गायब कर देता है या आरोपी को बचाने के लिए गलत सूचना देता है.