बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ FIR में क्या है दर्ज?
एफआईआर में पीड़िता की और से विस्तृत जानकारी देते हुए कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं. जानिए क्या है FIR में
एफआईआर में पीड़िता की और से विस्तृत जानकारी देते हुए कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं. जानिए क्या है FIR में
WFI प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ IPC और POCSO अधिनियम के कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है.
ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप में गौरव हासिल करने वाले प्रमुख पहलवान, बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ जंतर-मंतर पर 23 अप्रैल से धरना दे रहे थे.
पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अनामिका ने बम बम महाराज नौहटिया की ओर से दायर एक आवेदन पर सुनवाई के बाद निर्देश पारित किया कि पुलिस अगली तारीख 9 जून तक अपनी रिपोर्ट दाखिल करे.
Sexual Harassment एक ऐसा अपराध है जिससे ना केवल एक लड़की मानसिक रूप से आहत होती है बल्कि उसके अंदर खौफ बैठ जाता है. ऐसा सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है. आय दिन कोई ना कोई लड़की इसकी शिकार होती रहती है.
हमारे देश में हर मिनट ना जाने कितनी लड़कियां यौन उत्पीड़न जैसे अपराध की शिकार होती रहती है. घर हो या कार्यालय महिलाएं कहीं पर भी पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हैं.
केंद्र और राज्य सरकारों को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को निर्देश दिया कि वे समयबद्ध तरीके से पड़ताल करें कि सभी मंत्रालयों और विभागों में यौन उत्पीड़न समितियों का गठन किया गया है या नहीं.
अदालत ने पहले पुलिस को स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था. लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने अदालत को बताया, ‘‘मामले की गंभीरता को देखते हुए हमने एक एसआईटी का गठन किया है. एसआईटी मामले की जांच करेगी.’’
Delhi Police को नोटिस जारी करते हुए additional chief metropolitan magistrate (ACMM) Harjeet Singh Jaspal ने जांच की स्थिति तबल करते हुए मामले में अगली सुनवाई दो दिन बाद यानी शुक्रवार 12 मई को तय की है.
CJI डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की पीठ ने मामले की सुनवाई बंद करने के साथ ही दिल्ली पुलिस को शिकायतकर्ता महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने के आदेश दिए है.
उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को पहलवानों को खतरे का आकलन करने और उनमें से एक पहलवान को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश भी दिया.
कई राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता पहलवान सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच करने वाली समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की सरकार से मांग करते हुए यहां जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं.
CJI ने कहा कि, "यौन उत्पीड़न के संबंध में पेशेवर रेसलर्स के गंभीर आरोप हैं. शुक्रवार को जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी करें"
यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, 2012 (POCSO Act, 2012) वह कानून है जिसका उद्देश्य बच्चों को सभी प्रकार के यौन शोषण से संरक्षित करना और पीड़ित बच्चों को उचित न्याय दिलाना है.
CJI DY Chandrachud बुधवार देर शाम सुप्रीम कोर्ट की Gender Sensitisation and Internal Complaints Committee की ओर से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे.
हाईकोर्ट ने कहा कि केवल इसलिए कि एक अभियोजिका किसी पुरुष के साथ रहने के लिए सहमति देती है, भले ही कितने समय के लिए, यह अनुमान लगाने का आधार कभी नहीं हो सकता है कि उसने पुरुष के साथ यौन संबंध के लिए भी सहमति दी है.
यौन उत्पीड़न एक जघन्य अपराध है. जिसकी शिकार महिलाएं होती रहती है. देश का कानून महिलाओं को ऐसे अपराध से बचाने के लिए और इंसाफ दिलाने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहा है. ताकि ऐसे अपराधों पर रोकथाम लगाया जा सके.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक ऑटो रिक्शा चलाने वाले व्यक्ति को जमानत दे दी. उसपर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा था.
CJI DY Chandrachud बुधवार देर शाम सुप्रीम कोर्ट की Gender Sensitisation and Internal Complaints Committee की ओर से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे.
हाईकोर्ट ने कहा कि केवल इसलिए कि एक अभियोजिका किसी पुरुष के साथ रहने के लिए सहमति देती है, भले ही कितने समय के लिए, यह अनुमान लगाने का आधार कभी नहीं हो सकता है कि उसने पुरुष के साथ यौन संबंध के लिए भी सहमति दी है.
यौन उत्पीड़न एक जघन्य अपराध है. जिसकी शिकार महिलाएं होती रहती है. देश का कानून महिलाओं को ऐसे अपराध से बचाने के लिए और इंसाफ दिलाने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहा है. ताकि ऐसे अपराधों पर रोकथाम लगाया जा सके.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक ऑटो रिक्शा चलाने वाले व्यक्ति को जमानत दे दी. उसपर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा था.
IPC की धारा 354A की उप धारा (2) में बताया गया है की अगर कोई पुरुष महिला के सहमति के बिना कोई शारीरिक क्रिया करता है, यौन गतिविधि में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करता है या महिला की सहमति के बिना अश्लील चीज़ दिखाता है तो उसे ऐसा करने पर तीन साल तक की सजा हो सकती है या आर्थिक जुर्माना लगायी जा सकती है या दोनों से दंडित की जा सकती है.
किसी बच्चे को उसके साथ होने वाले दुर्व्यवहार से बचाना हर नागरिक की जिम्मेदारी है. बच्चों के साथ होने वाले छेड़छाड़, रेप, यौन उत्पीड़न, यौन शोषण और पोर्नोग्राफी जैसे जघन्य अपराधों की जानकारी होने पर शिकायत दर्ज कराना एक जागरूकग नागरिक का कर्तव्य है.
पॉक्सो (POCSO) एक्ट का उद्देश्य बच्चों को सभी प्रकार के यौन शोषण से बचाना और पीड़ित बच्चों को उचित न्याय दिलाना है. इस कानून के तहत यौन उत्पीड़न और पोर्नोग्राफी से बच्चों की सुरक्षा के संबंध में प्रावधान हैं. यह अधिनियम यौन शोषण के पीड़ितों के लिए एक मजबूत न्याय तंत्र प्रदान करता है और बाल अधिकारों और सुरक्षा के महत्व पर जोर देता है.