'बिना वजह पति से अलग रहने पर पत्नी को भरण-पोषण का हक नहीं'
केरल हाई कोर्ट ने गुजारा-भत्ता से जुड़े मामले में एक अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि यदि पत्नी अपने पति से बिना उचित कारण के अलग रहती है, तो उसे भरण-पोषण का अधिकार नहीं है.
केरल हाई कोर्ट ने गुजारा-भत्ता से जुड़े मामले में एक अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि यदि पत्नी अपने पति से बिना उचित कारण के अलग रहती है, तो उसे भरण-पोषण का अधिकार नहीं है.
हाई कोर्ट ने निचली अदालत के आदेश को रद्द करते हुए कहा कि जो मेंटेनेंस चाहता है वह CrPC की धारा 125 के तहत दूसरी याचिका दायर कर सकता है. कोर्ट ने कहा कि घरेलू हिंसा अधिनियम बहुत विशिष्ट है और इसकी तुलना CrPC की धारा 125 से नहीं की जा सकती है.
हाई कोर्ट ने निचली अदालत के आदेश को रद्द करते हुए कहा कि जो मेंटेनेंस चाहता है वह CrPC की धारा 125 के तहत दूसरी याचिका दायर कर सकता है. कोर्ट ने कहा कि घरेलू हिंसा अधिनियम बहुत विशिष्ट है और इसकी तुलना CrPC की धारा 125 से नहीं की जा सकती है.
केरल हाई कोर्ट ने गुजारा-भत्ता से जुड़े मामले में एक अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि यदि पत्नी अपने पति से बिना उचित कारण के अलग रहती है, तो उसे भरण-पोषण का अधिकार नहीं है.