2024 में सुप्रीम कोर्ट के दिए 5 बड़े फैसले, जिसे जानना है बेहद जरूरी
साल 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने संवैधानिक मामलों से लेकर छात्रों की समस्या से जुड़े सभी मामले में सुने है और फैसला सुनाया है.
साल 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने संवैधानिक मामलों से लेकर छात्रों की समस्या से जुड़े सभी मामले में सुने है और फैसला सुनाया है.
सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए कहा कि फोन में चाइल्ड पोर्न को रखना व देखना आईटी एक्ट व पॉक्सो अधिनियम के तहत अपराध है.
सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए कहा कि फोन में चाइल्ड पोर्न को रखना व देखना आईटी एक्ट व पॉक्सो अधिनियम के तहत अपराध है(To watch & Store Child Porn in Phone is Crime under IT and POCSO Act).
सुप्रीम कोर्ट सोमवार को बाल ‘पोर्नोग्राफी’ को डाउनलोड करना और उसे देखना यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम और सूचना प्रौद्योगिकी कानून के तहत अपराध है या नहीं, इस पर अपना फैसला सुनाएगी.
कर्नाटक हाईकोर्ट ने चाइल्ड प्रोर्नोग्राफी से जुड़े फैसले को लेकर बताया कि ये वाद आईटी एक्ट की धारा 67बी (बी) से जुड़ा था जबकि हमने फैसला आईटी एक्ट की धारा 67बी(ए) के आधार पर सुनाया था. अदालत ने अपने आदेश को रद्द करते हुए नया फैसला जल्द ही देने की बात कही है.
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना या डाउनलोड करना अपराध नहीं हैं. बल्कि बच्चों को इसमें लगाना अपराध है. सुप्रीम कोर्ट ने ये बातें अश्लील कंटेंट डाउनलोड करने और उसे देखने जुड़े मामले में कही.
कर्नाटक उच्च न्यायालय में सत्र अदालत से एक विचित्र मामला आया जिसमें पत्नी ने अपने पति पर अपनी चार साल की नाबालिग बेटी के यौन शोषण का आरोप लगाया है। प्रारम्भिक जांच से असन्तुष्ट पत्नी ने सत्र अदालत के बाद कर्नाटक हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया...
साइबर वर्ल्ड एक ऐसी जगह है जहां हर कोई एक नेटवर्क वाला जीवन जी रहा है । नेटवर्किंग से व्यवसाय पूरी तरह से साइबर दुनिया पर निर्भर है जिसने इसे बढ़ाया है व्यापार दुनिया भर में कुछ ही क्लिक के माध्यम से फैल गया।
कूच बिहार की एक अदालत ने चाइल्ड पॉर्नोग्राफी और सेक्शुअल हरासमेंट के एक मामले में आरोपी को बीस साल की जेल की सजा सुनाई है। मामला क्या था और अदालत ने किन कानूनों के तहत यह सजा सुनाई है, आइये जानते हैं
सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए कहा कि फोन में चाइल्ड पोर्न को रखना व देखना आईटी एक्ट व पॉक्सो अधिनियम के तहत अपराध है(To watch & Store Child Porn in Phone is Crime under IT and POCSO Act).
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कर्नाटक हाईकोर्ट ने चाइल्ड प्रोर्नोग्राफी से जुड़े फैसले को लेकर बताया कि ये वाद आईटी एक्ट की धारा 67बी (बी) से जुड़ा था जबकि हमने फैसला आईटी एक्ट की धारा 67बी(ए) के आधार पर सुनाया था. अदालत ने अपने आदेश को रद्द करते हुए नया फैसला जल्द ही देने की बात कही है.
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