सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए कहा कि फोन में चाइल्ड पोर्न को रखना व देखना आईटी एक्ट व पॉक्सो अधिनियम के तहत अपराध है.
Image Credit: my-lord.inमद्रास हाईकोर्ट ने चाइल्ड पोर्न देखना व मोबाइल में स्टोर करके रखने को पॉक्सो एक्ट एवं आईटी अधिनियम के तहत अपराध मानने से इंकार कर दिया था.
Image Credit: my-lord.inसुप्रीम कोर्ट ने पॉक्सो एक्ट की धारा 15 (2) और धारा 15(3) का जिक्र किया.
Image Credit: my-lord.inअदालत ने पॉक्सो अधिनियम की धारा 15(2) का जिक्र करते हुए कहा कि आरोपी के खिलाफ यह सबूत होना चाहिए कि उसने इस तरह के कंटेट को शेयर किया है.
Image Credit: my-lord.inअदालत ने पॉक्सो अधिनियम की धारा 15(2) का जिक्र करते हुए कहा कि आरोपी के खिलाफ यह सबूत होना चाहिए कि उसने इस तरह के कंटेट को शेयर किया है.
Image Credit: my-lord.inपॉक्सो अधिनियम की धारा 15(3) को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब चाइल्ड पोर्न का स्टोरेज किसी तरह का लाभ या किसी अन्य इरादे से किया गया है तब चाइल्ड पोर्न का रखना-देखना शेयर करना अपराध होगा.
Image Credit: my-lord.inसुप्रीम कोर्ट ने संसद को निर्दे देते हुए कहा कि वे पॉक्सो अधिनियम में संशोधन करने पर विचार करें
Image Credit: my-lord.inजिसमें चाइल्ड पोर्नोग्राफी टर्म की जगह बाल यौन शोषण और शोषणकारी सामग्री (Child Sexual Harassment and exploitative material) का प्रयोग करने के निर्देश दिए हैं.
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