पिता की मृत्यु के बाद 'शादीशुदा बेटी' को भी अनुकंपा पर सरकारी नौकरी पाने का अधिकार
मामले में मृतक, उत्तर पश्चिम रेलवे का स्थायी कर्मचारी था, और उसकी बेटी ने सहानुभूतिपूर्ण नियुक्ति के लिए आवेदन किया था, जिसे विभाग ने खारिज कर दिया था.
मामले में मृतक, उत्तर पश्चिम रेलवे का स्थायी कर्मचारी था, और उसकी बेटी ने सहानुभूतिपूर्ण नियुक्ति के लिए आवेदन किया था, जिसे विभाग ने खारिज कर दिया था.
दिल्ली हाईकोर्ट ने वकील पर दोष मढ़ने की 'अस्वस्थ परिपाटी' को खारिज करते हुए कहा कि वकील को वकालतनामा सौंपने के बाद वादी को मामले पर नजर रखने की जिम्मेदारी से मुक्त नहीं किया जा सकता. वादी को वकील के संपर्क में रहने के सबूत दिखाने और यह साबित करने की आवश्यकता है कि उसे गुमराह किया गया.
न्यायपालिका अपना काम अच्छी तरह, बिना किसी रुकावट के कर सके, इसके लिए अधिकरणों (Tribunals) की स्थापना की गई है और काम को बांटने का प्रयास किया गया है। लोक सेवा से जुड़े मामलों को सुलझाने के लिए भारतीय संविधान के अनुच्छेद 323A के तहत क्या प्रावधान है, आइए जानते हैं
दिल्ली हाईकोर्ट ने वकील पर दोष मढ़ने की 'अस्वस्थ परिपाटी' को खारिज करते हुए कहा कि वकील को वकालतनामा सौंपने के बाद वादी को मामले पर नजर रखने की जिम्मेदारी से मुक्त नहीं किया जा सकता. वादी को वकील के संपर्क में रहने के सबूत दिखाने और यह साबित करने की आवश्यकता है कि उसे गुमराह किया गया.
न्यायपालिका अपना काम अच्छी तरह, बिना किसी रुकावट के कर सके, इसके लिए अधिकरणों (Tribunals) की स्थापना की गई है और काम को बांटने का प्रयास किया गया है। लोक सेवा से जुड़े मामलों को सुलझाने के लिए भारतीय संविधान के अनुच्छेद 323A के तहत क्या प्रावधान है, आइए जानते हैं
मामले में मृतक, उत्तर पश्चिम रेलवे का स्थायी कर्मचारी था, और उसकी बेटी ने सहानुभूतिपूर्ण नियुक्ति के लिए आवेदन किया था, जिसे विभाग ने खारिज कर दिया था.