रेप विक्टिम 'मांगलिक' है या नहीं, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चेक करने का दिया आदेश; अब सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया यह फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने बलात्कार के एक मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक आदेश को स्थगित करते हुए कहा है कि उन्हें ये आदेश समझ नहीं आया है!
सुप्रीम कोर्ट ने बलात्कार के एक मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक आदेश को स्थगित करते हुए कहा है कि उन्हें ये आदेश समझ नहीं आया है!
हर किसी व्यक्ति की पहचान सबसे पहले उसके नाम से ही होती और उसके बात दूसरी चीज़ो से. कई लोग अपना नाम बदलवा भी लेते है जिसके लिए अलग कानूनी प्रक्रिया है
अगर आप अपना नाम बदलना चाहते हैं और आपको ऐसा करने से रोका जा रहा है, तो क्या ये आपके मौलिक अधिकारों का हनन है? जानिए कानून इस बारे में क्या कहता है
ज्ञानवापी परिसर में नियमित पूजा के अनुरोध मामले पर जानिये पक्ष और विपक्ष
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धर्म, जाति परिवर्तन और विवाह के बाद दस्तावेजों में नाम बदलने की अनुमति नहीं देने वाले उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा अधिनियम के प्रावधान को रद्द किया
ज्ञानवापी मस्जिद मामले में एक बड़ा अपडेट सामने आया है। हिंदू पक्ष के पूजा के अधिकार को चुनौती देने वाली मुस्लिम पक्ष की याचिका को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है
आदेश पारित करते हुए पीठ ने कहा, ‘‘23 मार्च, 2023 के बाद, मामले को कई मौकों पर सूचीबद्ध किया गया है, लेकिन महाधिवक्ता की अनुपस्थिति के कारण राज्य की ओर से इस पर बहस नहीं की जा सकी.’’
उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट और लखनऊ पीठ के सरकारी वकीलों को हटाकर 1,623 सरकारी वकीलों की नियुक्ति की है। इस बारे में डिटेल में जानिए
अंसारी और उनके भाई व उत्तर प्रदेश के पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत केस तब दर्ज किया गया था, जब साल 1996 में विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी नंदकिशोर रूंगटा के अपहरण में उनके नाम सामने आये थे.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव और कई सारे बीएसए के खिलाफ आरोप तय किये हैं. जानें किन मुद्दों के आधार पर, किस तरह के आरोप तय किये गए हैं
स मामले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक अर्जी दाखिल की गई थी जिसके मुताबिक 'मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि' मामला एक राष्ट्रीय महत्व का मामला है और इसलिए इससे जुड़ी हर सुनवाई किसी निचली अदालत में नहीं बल्कि हाईकोर्ट में की जानी चाहिए.
तलाक से संबंधित मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि "जीवनसाथी रहे पति या पत्नी को एक साथ जीवन फिर से शुरू करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है. पति-पत्नी को शादी में हमेशा बांधे रखने की कोशिश करने से कुछ नहीं मिलता है"
पति या पत्नी की तरफ से लंबे समय तक अपने जीवनसाथी के साथ बिना पर्याप्त कारण के यौन संबंध बनाने की अनुमति न देना, अपने आप में मानसिक क्रूरता है.
CJI डी वाई चन्द्रचूड़ ने शुक्रवार को मुस्लिम पक्ष की और से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि इस मामले की बारीकी से जांच की जरूरत है और सावधानी बरतने की आवश्यकता है.
गुरूवार को इस मामले को लेकर मस्जिद पक्ष अंजुमन इंतजामिया की ओर से सुप्रीम कोर्ट में मामले को मेंशन किया गया था. मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट के 'शिवलिंग' की उम्र का निर्धारण करने के लिए कार्बन डेटिंग सहित वैज्ञानिक सर्वे के आदेश को चुनौती दी है.
यह महत्वपूर्ण आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी और न्यायमूर्ति मंजिव शुक्ल की खंडपीठ ने आजमगढ़ निवासी सविता देवी की पुनर्विचार अर्जी को मंजूर करते हुए दिया है.
मस्जिद पक्ष अंजुमन इंतजामिया की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करते हुए मामले को गुरूवार को सीजेआई डी वाई चन्द्रचूड़ की पीठ के समक्ष मेंशन किय गया.
याचिकाकर्ता ने कोर्ट के समक्ष दावा किया है कि काशी विश्वनाथ मंदिर के अवशेषों से ही ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण हुआ था और यह कहा की मस्जिद की दीवारों की भी जांच कर पता लगाया जाए कि ये मंदिर की हैं या नहीं.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि एक कर्मचारी के लिए मृत्यु सह-सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी एक परोपकारी योजना है और यह मृतक के उत्तराधिकारी/आश्रित के लिए विस्तारित या तैयार की गई थी. कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट अपने समक्ष इस तरह के मामले दायर करने वाले राज्यों के इस चलन की निंदा करता है. क्योकि इस तरह से पीड़ित व्यक्ति को मुआवजे की राशि से वंचित किया जाता है.
मद्रास हाईकोर्ट में नियुक्त किए गए जजों में एडवोकेट L Victoria Gowri का नाम भी शामिल है. हाल ही में एडवोकेट गौरी के खिलाफ मद्रास हाईकोर्ट के 22 सीनियर एडवोकेट ने उनके पूर्व में दिए गए विवादित बयानों के आधार पर राष्ट्रपति को पत्र लिखकर उनका नाम वापस भेजने का अनुरोध किया था.
2018 में राजस्थान के विधानसभा चुनावों के दौरान स्टार प्रचारक रहें सीएम योगी आदित्यनाथ ने विवादित बयान दिया था, जिसके बाद उनके खिलाफ इस मामले की शुरूआत हुई थी.
वाराणसी की एक अदालत के 14 अक्टूबर के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें 'शिवलिंग' की वैज्ञानिक जांच कराने के लिए हिंदू उपासकों की याचिका को खारिज कर दिया गया था.
कोर्ट ने कहा कि अग्रिम जमानत केवल उपयुक्त मामलों में प्रयोग किया जाने वाला एक असाधारण उपाय है. जस्टिस ज्योत्सना शर्मा की पीठ ने कहा कि अग्रिम जमानत से कोर्ट ने इंकार कर दिया है क्योंकि अभियुक्तों को अग्रिम जमानत देने का कोई आधार नहीं मिला.
उत्तर प्रदेश जेल मैनुअल 2022 के अनुसार अदालत को केवल सुपीरियर क्लास देने की संस्तुति करने का अधिकार है, उसे मानने या अस्वीकार करने का अंतिम अधिकार राज्य सरकार को है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के इंडियन स्कूल, जोधपुर बनाम राजस्थान सरकार के फैसले के अनुसार उत्तरप्रदेश में भी फीस निर्धारण का आदेश दिया है. इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कोविड काल के लिए स्कूलों को निर्धारित फीस का 85 प्रतिशत राशि का हकदार माना था.
माघ मेले के दौरान गंगा के पानी की गुणवत्ता बनाए रखने और साफ सफाई को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्रा ने हाईकोर्ट को आश्वासन दिया है कि सरकार इस मामले में तत्परता से कार्य करेगी.
हाईकोर्ट ने मुस्लिम महिला के भरपोषण मामले में स्पष्ट कर दिया है कि एक तलाकशुदा महिला, मुस्लिम अधिनियम, 1986 की धारा 3(2) के तहत भरणपोषण के लिए मजिस्ट्रेट के समक्ष आवेदन दायर कर सकती है. साथ ही ये उसका अधिकार है कि वह अपने शादी से पहले या शादी के समय दी गई संपत्तियों को प्राप्त कर सकती हैं.
एक वकील द्वारा महिला जज के साथ किए गए दुर्व्यवहार को हाईकोर्ट ने गंभीर मामला मानते हुए आरोपी वकील के यूपी के किसी भी अदालत में प्रैक्टिस करने पर रोक लगा दी है. साथ ही बुलंदशहर पुलिस और जिला जज को आदेश दिए है कि वे महिला जज को उचित सुरक्षा प्रदान करें.
वर्ष 2003 में लखनऊ के तत्कालीन जेलर एसके अवस्थी ने आलमबाग थाने में अंसारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. ट्रायल के बाद इस मामले में निचली अदालत ने अंसारी को बरी कर दिया था. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में ट्रायल कोर्ट के फैसले को पलट दिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने नगर निकाय चुनावों में ओबीसी के आरक्षण को लेकर ट्रिपल टेस्ट का फॉर्मूला तय किया हुआ है. निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण निर्धारित करने से पहले एक आयोग का गठन किया जाना आवश्यक है.
विशेष विवाह अधिनियम विभिन्न धर्मों को मानने वाले युगलों को विवाह की सुविधा प्रदान करने तथा स्वेच्छा से विवाह को प्राथमिकता देने के लिए अधिनियमित किया गया था. हमारे देश में विशेष विवाह अधिनियम का सर्वाधिक प्रयोग 15 से 19 आयु वर्ग की महिलाओं द्वारा किया जाता है.