अंतरधार्मिक लिव-इन कपल को इस HC ने सुरक्षा देने से किया इंकार, कहा सुप्रीम कोर्ट भी नहीं देता बढ़ावा
हिंदू महिला की मां को यह लिव-इन रिलेशनशिप नामंजूर था. कपल के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज किया गया था.
हिंदू महिला की मां को यह लिव-इन रिलेशनशिप नामंजूर था. कपल के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज किया गया था.
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अरुण कुमार सिंह देशवाल की खंडपीठ ने यह आदेश शोएब इब्राहिम की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया.
एक याचिका को खारिज करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने यह कहा है कि यदि शुरू में एक पत्नी ने गुजारा भत्ता नहीं मांगा है, तो ऐसा कोई नियम नहीं है कि परिस्थितियों के बदलने के बाद वो इसके लिए दोबारा आवेदन नहीं कर सकती...
याचिकाकर्ताओं ने किन्नरों को स्वास्थ्य के अधिकार और विशेष शौचालय उपलब्ध कराए जाने की मांग की है.
कोर्ट ने आदेशित किया कि याचिकाकर्ता को तीन सप्ताह में अपनी आपत्ति दर्ज करवानी होगी, साथ ही प्राधिकरण को कहा की वहां कोई ध्वस्तीकरण अभियान नहीं चलाए.
न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की खंडपीठ ने जनहित याचिका को खारिज कर दिया। याचिका स्थानीय वकील एम एल यादव ने दायर की थी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले में आदेश दिया है और बताया है कि वो कौन सी परिस्थिति है, जिसमें 'बंदी प्रत्यक्षीकरण' याचिका दायर करना बिल्कुल गलत है। क्या है 'बंदी प्रत्यक्षीकरण' और इदर कब और क्यों फाइल किया जाता है, जानिए
उत्तर प्रदेश गोवध निवारण अधिनियम के तहत क्या करना अपराध नहीं है? एक जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश ने कही ये बात
जुलाई 2001 में तत्कालीन मऊ सदर विधायक मुख्तार अंसारी के काफिले पर गाजीपुर के यूसुफपुर कासिमाबाद मार्ग पर उसरी चट्टी के पास हमला किया गया था.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में बलात्कार के एक मामले में पीड़ित की कुंडली को चेक करने का आदेश दिया है जिससे यह पता चल सके कि वो लड़की 'मांगलिक' है या नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने बलात्कार के एक मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक आदेश को स्थगित करते हुए कहा है कि उन्हें ये आदेश समझ नहीं आया है!
हर किसी व्यक्ति की पहचान सबसे पहले उसके नाम से ही होती और उसके बात दूसरी चीज़ो से. कई लोग अपना नाम बदलवा भी लेते है जिसके लिए अलग कानूनी प्रक्रिया है
अगर आप अपना नाम बदलना चाहते हैं और आपको ऐसा करने से रोका जा रहा है, तो क्या ये आपके मौलिक अधिकारों का हनन है? जानिए कानून इस बारे में क्या कहता है
ज्ञानवापी परिसर में नियमित पूजा के अनुरोध मामले पर जानिये पक्ष और विपक्ष
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धर्म, जाति परिवर्तन और विवाह के बाद दस्तावेजों में नाम बदलने की अनुमति नहीं देने वाले उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा अधिनियम के प्रावधान को रद्द किया
ज्ञानवापी मस्जिद मामले में एक बड़ा अपडेट सामने आया है। हिंदू पक्ष के पूजा के अधिकार को चुनौती देने वाली मुस्लिम पक्ष की याचिका को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है
आदेश पारित करते हुए पीठ ने कहा, ‘‘23 मार्च, 2023 के बाद, मामले को कई मौकों पर सूचीबद्ध किया गया है, लेकिन महाधिवक्ता की अनुपस्थिति के कारण राज्य की ओर से इस पर बहस नहीं की जा सकी.’’
उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट और लखनऊ पीठ के सरकारी वकीलों को हटाकर 1,623 सरकारी वकीलों की नियुक्ति की है। इस बारे में डिटेल में जानिए
मान्यता प्राप्त शिक्षक संघ द्वारा दायर अवमानना याचिका पर न्यायमूर्ति इरशाद अली की एकल पीठ ने यह आदेश पारित किया. विभाग के प्रमुख सचिव, सचिव और निदेशक के खिलाफ पिछले महीने कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने के आरोप तय किए गए थे.
उत्तरप्रदेश सरकार ने Allahabad High court के 26 जुलाई 2022 के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, इस फैसले में हाईकोर्ट ने पीड़ित परिवार को दूसरी जगह पुर्नस्थापित करने और परिवार के सदस्य को नोकरी देने के आदेश दिए थे.
राष्ट्रपति भवन की ओर से शुक्रवार देर शाम जारी किए गए नियुक्ति वारंट के अनुसार Allahabad High Court में जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर, Chhattisgarh High Court के लिए जस्टिस रमेश सिन्हा और Patna High Court के लिए जस्टिस विनोद चंद्रन को मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है.
अदालत ने कहा कि Maternity Benefit Act कानून के अनुसार maternity leave का अधिकार बच्चे के जन्म के बाद तक भी बढाया जा सकता है ताकि बच्चे के जन्म के बाद उसकी देखभाल के लिए भी छुट्टी दी जा सके.
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने राज्य सरकार से सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2019 के माध्यम से 69,000 चयनित उम्मीदवारों की सूची की समीक्षा कर संशोधित करने का निर्देश दिया और कहा आरक्षण तय करते समय कई अनियमितताएं थीं.
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट प्रशासन को आदेश दिए है कि 3 महीने की अवधि के भीतर याचिकाकर्ता मस्जिद नही हटाते है तो हाईकोर्ट प्रशासन अपने स्तर पर मस्जिद को हटा या गिरा सकता है.
उच्च न्यायालय ने 14 जुलाई, 2011 को सीबीआई को जांच सौंपी. जांच के बाद, सीबीआई ने सचान की मौत को आत्महत्या का मामला घोषित किया और 27 सितंबर, 2012 को क्लोजर रिपोर्ट दायर की.
Allahabad High Court ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 16 मार्च की तारीख तय करते हुए राज्य गृह सचिव को निजी हलफनामे के साथ प्रगति रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है.
जनवरी 2018 तीन जजों की एक इन हाउस कमेटी ने जस्टिस एस एन शुक्ला को गंभीर वित्तिय मामलो में शामिल पाया था, जिसके बाद उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की अनुशंषा की गई थी. तत्कालीन पूर्व सीजेआई दीपक मिश्रा ने जस्टिस शुक्ला को त्याग पत्र देने या ऐच्छिक सेवानिवृति लेने की सलाह दी थी.
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता द्वारा पेश किए गए तथ्यों और सरकार पर लगाए गंभीर आरोपो पर पीठ ने चिंता जताते हुए राज्य सरकार को अगली सुनवाई तक योजनाओं का ब्योरा पेश करे करने का आदेश दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि एक कर्मचारी के लिए मृत्यु सह-सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी एक परोपकारी योजना है और यह मृतक के उत्तराधिकारी/आश्रित के लिए विस्तारित या तैयार की गई थी. कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट अपने समक्ष इस तरह के मामले दायर करने वाले राज्यों के इस चलन की निंदा करता है. क्योकि इस तरह से पीड़ित व्यक्ति को मुआवजे की राशि से वंचित किया जाता है.
मद्रास हाईकोर्ट में नियुक्त किए गए जजों में एडवोकेट L Victoria Gowri का नाम भी शामिल है. हाल ही में एडवोकेट गौरी के खिलाफ मद्रास हाईकोर्ट के 22 सीनियर एडवोकेट ने उनके पूर्व में दिए गए विवादित बयानों के आधार पर राष्ट्रपति को पत्र लिखकर उनका नाम वापस भेजने का अनुरोध किया था.
2018 में राजस्थान के विधानसभा चुनावों के दौरान स्टार प्रचारक रहें सीएम योगी आदित्यनाथ ने विवादित बयान दिया था, जिसके बाद उनके खिलाफ इस मामले की शुरूआत हुई थी.
वाराणसी की एक अदालत के 14 अक्टूबर के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें 'शिवलिंग' की वैज्ञानिक जांच कराने के लिए हिंदू उपासकों की याचिका को खारिज कर दिया गया था.
कोर्ट ने कहा कि अग्रिम जमानत केवल उपयुक्त मामलों में प्रयोग किया जाने वाला एक असाधारण उपाय है. जस्टिस ज्योत्सना शर्मा की पीठ ने कहा कि अग्रिम जमानत से कोर्ट ने इंकार कर दिया है क्योंकि अभियुक्तों को अग्रिम जमानत देने का कोई आधार नहीं मिला.
उत्तर प्रदेश जेल मैनुअल 2022 के अनुसार अदालत को केवल सुपीरियर क्लास देने की संस्तुति करने का अधिकार है, उसे मानने या अस्वीकार करने का अंतिम अधिकार राज्य सरकार को है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के इंडियन स्कूल, जोधपुर बनाम राजस्थान सरकार के फैसले के अनुसार उत्तरप्रदेश में भी फीस निर्धारण का आदेश दिया है. इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कोविड काल के लिए स्कूलों को निर्धारित फीस का 85 प्रतिशत राशि का हकदार माना था.
माघ मेले के दौरान गंगा के पानी की गुणवत्ता बनाए रखने और साफ सफाई को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्रा ने हाईकोर्ट को आश्वासन दिया है कि सरकार इस मामले में तत्परता से कार्य करेगी.