आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में चेस्ट-मेडिसीन डिपार्टमेंट (पीजी) की द्वितीय वर्ष की छात्रा का बलात्कार व हत्या के मामले में आज कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को जमकर फटकार लगाई है. कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य से पूछा कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल से अबतक पूछताछ क्यों नहीं की गई? और इतनी जल्दी उनकी दोबारा से पोस्टिंग कैसे कर दी गई? अदालत ने जांच में गड़बड़ी आशंका जताई. कलकत्ता हाईकोर्ट ने बातें प्रशिक्षु डॉक्टर की हत्या के मामलों से जुड़ी कई याचिकाओं पर सुनवाई करने के दौरान कहीं. इसमें एक याचिका छात्रा के माता-पिता की है जिन्होंने घटना की जांच कोर्ट की निगरानी में कराने की मांग की है.
12 अगस्त को, आरजी कर मेडिकल कॉलेज व हॉस्पीटल के प्रिंसिपल डॉ संदीप घोष ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने कहा कि छात्रा मेरी बेटी जैसी है, एक पैरेंट के दायित्व से मैं इस्तीफा दे रहा हूं. प्रिंसिपल के इस्तीफा देने के बारह घंटे के बाद ही राज्य ने उनकी पोस्टिंग कलकत्ता मेडिकल कॉलेज व हॉस्पीटल में कर दी थी.
कलकत्ता हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस टी एस शिवगणनम की अगुवाई वाली बेंच ने मामले की सुनवाई की. उन्होंने घटना के समय कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष को इतनी जल्दी पोस्टिंग देने पर सवाल उठाया.
अदालत ने कहा,
प्रिसिंपल को लंबी छुट्टी पर जाने को कहिए. अगर आप कुछ नहीं करेंगे, तो हमें आदेश पास करना होगा. उन्हें घटना से ज्यादा फर्क पड़ता नहीं दिख रहा है. प्रिंसिपल को घर पर रहने को कहिए.
अदालत ने कहा कि प्रिंसिपल ने जब नैतिक तौर पर इस्तीफा दिया तो उनसे पूछताछ की जानी चाहिए थी, जबकि ऐसा नहीं हुआ और कैसे आपने उनकी दूसरी जगह पोस्टिंग कर दी. सुनवाई के दौरान अदालत ने साफ तौर पर इशारा कर कहा कि जांच में कुछ तो मिसिंग है.
मामले में आज छात्रा का पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी सामने आया है जिसमें मर्डर करने से पहले रेप होने का जिक्र है. रिपोर्ट में छात्रा की गर्दन टूटी हुई होने की पुष्टि है, जिससे स्पष्ट है कि छात्रा का गला घोंटकर हत्या किया गया था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट घटना का समय सुबह 3-4 बजे बताती है.