कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज की पीजी दूसरे वर्ष की छात्रा की बलात्कार व नृशंस हत्या से पूरा देश सदमे में है. देशभर के मेडिकल फ्रेटरनिटी घटना की निष्पक्ष जांच व अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. नृशंस घटना की सीबीआई जांच की मांग को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट में जनहित याचिका भी दायर की गई है. अब छात्रा को न्याय दिलाने के लिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन भी सामने आई है.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने डॉक्टरों के खिलाफ हमलों और हिंसा को रोकने के लिए एक विशेष केंद्रीय कानून बनाने की मांग की है. साथ ही अस्पतालों को सुरक्षित क्षेत्र घोषित करने की भी मांग की है. स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को लिखे पत्र में मेडिकल एसोसिएशन ने कहा कि हम कभी नहीं समझ पाते कि हमारे हवाईअड्डे तीन स्तरीय सुरक्षा वाले सुरक्षित क्षेत्र क्यों हैं, जबकि अस्पतालों को इसमें शामिल ही नहीं किया गया है. साथ ही न ही हम समझ पाते हैं कि एयरलाइन कर्मचारियों पर हिंसा और उनके काम में बाधा डालने के लिए विशेष कानून क्यों बनाए जाने चाहिए, जबकि डॉक्टरों और अस्पतालों से खुद की देखभाल करने की उम्मीद की जाती है.
पीजी छात्रा के साथ हुए नृशंस घटना के बाद सकते में आए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने स्वास्थ्य मंत्री से कुछ मांगों को लागू कराने की मांग की है.
आईएमए की मांगें:
रिपोर्ट्स के अनुसार, 9 अगस्त को आरजीकर मेडिकल अस्पताल की पीजी द्वितीय वर्ष की मेडिकल छात्रा का शव आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के सेमिनार हॉल में पाया गया था, जहां वह सुबह-सुबह अपनी रात्रि ड्यूटी पूरी करने के बाद आराम कर रही थी. कलकत्ता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के समक्ष याचिका में इस बात का उल्लेख है.
घटना 8-9 अगस्त के रात की है. प्रशिक्षु डॉक्टर आरजी कर कॉलेज व अस्पताल के, चेस्ट-मेडिसीन डिपार्टमेंट में, पीजी द्वितीय वर्ष की स्टूडे़ंट थी. ड्यूटी से लौटकर वह रात के दो बजे वह अपने जूनियर के साथ कॉलेज के सेमिनार हॉल में लंच करने गई. सुबह 6 बजे उसकी बॉडी अर्धनग्न हालत में मिली थी. मामले में आज छात्रा का पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी सामने आया है जिसमें मर्डर करने से पहले रेप होने का जिक्र है. रिपोर्ट में छात्रा की गर्दन टूटी हुई होने की पुष्टि है, जिससे स्पष्ट है कि छात्रा का गला घोंटकर हत्या किया गया था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट घटना का समय सुबह 3-4 बजे बताती है.