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RG Kar Medical College में प्रशिक्षु डॉक्टर की बलात्कार-क्रूर तरीके से हत्या का मामला पहुंचा कलकत्ता हाईकोर्ट, घटना की सीबीआई जांच की मांग उठी

आर जी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल

आरजी कर मेडिकल कॉलेज में पीजी द्वितीय वर्ष की  मेडिकल प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ हुए क्रूर बलात्कार और हत्या का मामले में सीबीआई जांच को लेकर कलकत्ता उच्च न्यायालय PIL दायर की गई है. 9 अगस्त की घटना के बाद से मेडिकल छात्र देश भर में प्रदर्शन कर रहे हैं. 

Written by Satyam Kumar |Updated : August 12, 2024 1:45 PM IST

कोलकाता के आरजीकर मेडिकल अस्पताल की पीजी द्वितीय वर्ष की प्रशिक्षु महिला डॉक्टर की क्रूर तरीके से बलात्कार व हत्या का मामला कलकत्ता हाईकोर्ट में पहुंच गया है. कलकत्ता हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगनम और न्यायमूर्ति हिरणमय भट्टाचार्य की डिवीजन बेंच के पास जनहित याचिका को ले जाया गया है. ये जनहित याचिका कलकत्ता हाईकोर्ट के एडवोकेट कौस्तव बागची ने जनहित याचिका दायर कर मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है.

कॉलेज-अस्पताल के सेमिनार हॉल में पाया गया छात्रा का शव

रिपोर्ट्स के अनुसार, 9 अगस्त को आरजीकर मेडिकल अस्पताल की पीजी द्वितीय वर्ष की मेडिकल छात्रा का शव आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के सेमिनार हॉल में पाया गया था, जहां वह सुबह-सुबह अपनी रात्रि ड्यूटी पूरी करने के बाद आराम कर रही थी. कलकत्ता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के समक्ष याचिका में इस बात का उल्लेख है.

नृशंस घटना को लेकर देश भर के छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, वे कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में बलात्कार और हत्या की शिकार हुई प्रशिक्षु डॉक्टर के लिए न्याय की मांग करते हुए देश भर के विभिन्न अस्पतालों के बाहर एकत्र हुए.

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ANI की रिपोर्ट्स के अनुसार,फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) ने सोमवार को देश भर में हड़ताल की शुरुआत की.  छात्र देश भर के कई अस्पतालों के बाहर एकत्र हुए और पीड़िता के लिए न्याय की मांग करते हुए नारे लगाए.

न्याय की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों की तीन मांगें, घटना की निष्पक्ष जांच हो

एएनआई से बात करते हुए, FORDA के महासचिव डॉ. सर्वेश पांडे ने कहा, "जब तक हमें लिखित आश्वासन नहीं मिल जाता कि हमारी मांगें पूरी होंगी, हम अपनी हड़ताल जारी रखेंगे. उन्होंने कहा कि हमारी तीन मुख्य मांगें हैं.

  1.  सीबीआई फास्ट-ट्रैक जांच, क्योंकि राज्य सरकार की जांच बहुत पक्षपातपूर्ण है. वे किसी भी निर्दोष को पकड़ना चाहते हैं और हमें चुप कराना चाहते हैं.  यह एक सामूहिक बलात्कार और हत्या है, जिसे 2-3 लोगों ने अंजाम दिया है. यह निर्भया का दूसरा भाग है.
  2. आरजी कार के असंवेदनशील अधिकारी जो डॉक्टरों के ड्यूटी रूम में, रात में लड़की अकेली क्या कर रही थी, जैसे बयान जारी कर रहे हैं, उन्हें हमेशा के लिए हटा दिया जाना चाहिए.
  3.  केंद्रीय सुरक्षा अधिनियम को पूरे भारत के सभी अस्पतालों में लागू किया जाना चाहिए.

इससे पहले, कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल प्रो. (डॉ.) संदीप घोष ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.