Rau's Coaching Academy: राव आईएएस कोचिंग हादसे में दिल्ली हाईकोर्ट ने एमसीडी, दिल्ली पुलिस और सरकार के रवैये को लेकर चिंता जाहिर की. अदालत ने दिल्ली पुलिस की कार्रवाई से अचंभित होते हुए कहा कि आपने राह चलते ड्राइवर को गिरफ्तार किया, यह तो शुक्र है कि आपने नाला से बहते पानी का चालान नहीं काटा. बहस के दौरान यह बात सामने आई कि दिल्ली सरकार ने पिछले छह महीने से कैबिनेट की बैठक नहीं की है. दिल्ली हाईकोर्ट ने इस स्थिति को अराजकता का दौड़ बताया है. अब दिल्ली हाईकोर्ट ने राजेन्द्र नगर कोचिंग सेंटर में हुई दुर्घटना की जांच सीबीआई को सौप दी है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने 27 जुलाई को शहर के ओल्ड राजेंद्र नगर में यूपीएससी के तीन उम्मीदवारों की मौत के मामले में बुधवार को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के कमिश्नर, पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) और जांच अधिकारी (आईओ) को तलब किया था.
दिल्ली हाईकोर्ट ने एमसीडी अधिकारियों की एक-एक कारगुजारियों पर सवाल उठाया है. दिल्ली हाईकोर्ट ने समय-समय पर दिए अपने आदेशों की अनदेखी विवशता जाहिर की है. अदालत के निर्देशानुसार एमसीडी के कमिश्नर सुनवाई के दौरान उपस्थित रहें. अदालत ने एमसीडी कमिश्नर से कहा कि उनके विभाग में कानून का सम्मान नहीं है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा,
"अगर अदालत एमसीडी को बिल्डिंग सील करने को कहे तो एक धागे बांधकर, सील हुआ ऐसा, दिखा देते हैं."
अदालत ने टिप्पणी की,
"वहीं, अगर अदालत एमसीडी कर्मचारियों को अवैध बिल्डिंग तोड़ने को कहती है तो उसकी छत में छेद करके, कार्रवाई हुई ऐसा, साबित करते हैं. आपने इसी मामले में स्थानीय एमसीडी अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की है."
वहीं मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से जवाब तलब की है. दिल्ली पुलिस ने मामले में क्या कार्रवाई की है. दिल्ली हाईकोर्ट ने पूछा कि आपने इस घटना पर कितने लोगों को बुलाकर पूछताछ की है. आपने अब तक घटना से जुड़ी फाइले भी जब्त नहीं की है. दिल्ली पुलिस ने अदालत से माफी मांगते हुए कार्रवाई के लिए समय की मांग की है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार को भी आडे़ हाथों लिया. अदालत ने चिंता जाहिर की पूरी दिल्ली की बुनियादी ढांचें की मरम्मत की जरूरत है. अदालत को बताया कि कैबिनेट बैठक पिछले छह महीने से दिल्ली सरकार ने नहीं की है. दिल्ली हाईकोर्ट मौजूद अधिकारी को पता लगाकर बताने को कहा है कि दिल्ली सरकार की अगली कैबिनेट बैठक कब होगी?
अदालत ने मामले की जांच को उचित नहीं पाते हुए मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है.