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LG के अधिकारों को चुनौती देनेवाली 7 याचिकाएं दिल्ली सरकार Supreme Court से वापस लेगी , जानें पूरा मामला

बीजेपी की अगुवाई वाली दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में उपराज्यपाल के अधिकार को चुनौती देने वाले सात मामलों को वापस लेने के लिए आवेदन दायर किया है. इन मामलों में यमुना सफाई से जुड़े एक समिति सहित कई निकायों में उपराज्यपाल के अधिकार को चुनौती दी गई थी.

सुप्रीम कोर्ट

Written by Satyam Kumar |Published : May 22, 2025 12:57 PM IST

दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पिछली आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के दौरान दायर की गई सात याचिकाएं वापस लेने की मांग की है. ये याचिकाएं उपराज्यपाल के अधिकार क्षेत्र को चुनौती देती थीं, जिनमें यमुना सफाई से जुड़ी एक समिति भी शामिल है. साथ ही इन याचिकाओं में पहले आम आदमी पार्टी (AAP) के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, यमुना सफाई जैसी कई समितियों में उपराज्यपाल के अधिकार क्षेत्र और अधिनियमों व अध्यादेशों की वैधता को चुनौती दी थी.

आज सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिस्वर सिंह की डिवीजन बेंच ने दिल्ली सरकार द्वारा दायर आवेदन को शुक्रवार के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है. दिल्ली सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि यह आवेदन सुप्रीम कोर्ट में लंबित सात मामलों को वापस लेने के लिए है, जो उपराज्यपाल के कई समितियों में अधिकारों को चुनौती देते हैं.  उन्होंने कहा कि इन मामलों को अब इस अदालत को परेशान नहीं करना चाहिए. जस्टिस सूर्यकांत ने भाटी से कहा कि हम इन सभी मामलों को शुक्रवार के लिए सूचीबद्ध करेंगे और आवेदन पर विचार करेंगे.

वहीं, यमुना नदी के पुनरुद्धार से संबंधित एक मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2023 में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के उस आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें उपराज्यपाल को एक उच्च-स्तरीय समिति का प्रमुख बनाए जाने का निर्देश दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई करने पर सहमति जताई और मामले को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है. अब बीजेपी की अगुवाई वाली दिल्ली सरकार ने इस मामले को वापस ले लिया है.

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दिल्ली में यमुना की प्रदूषण की स्थिति अन्य नदी बेसिन राज्यों की तुलना में लगभग 75 प्रतिशत अधिक है. यह स्थिति दिल्ली सरकार की चिंता का विषय है और इसे सुलझाने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है.

NGT ने कहा,

"हम दिल्ली के उपराज्यपाल से अनुरोध करते हैं, जो DDA के अध्यक्ष और संविधान के अनुच्छेद 239 के तहत दिल्ली के प्रशासक हैं, कि वे समिति का नेतृत्व करें."

यह प्रस्तावित समिति प्रदूषण के मुद्दों को हल करने के लिए सभी संबंधित अधिकारियों को एकत्र करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने इसी फैसले पर रोक लगाई थी.