इंस्टेंट तलाक नहीं लेकिन Talaq-e-Ahsan वैध... Bombay HC ने मुस्लिम शख्स के खिलाफ दर्ज FIR की रद्द
बॉम्बे हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि मुस्लिम महिलाएं (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019, जो तत्काल तीन तलाक को अपराध बनाता है, केवल तलाक-ए-बिदत पर लागू होता है, न कि इस्लाम के तहत पारंपरिक तलाक की विधि 'तलाक-ए-अहसन' पर.