बैनामा, जमीन रजिस्ट्री और दाखिल खारिज में अंतर
बैनामा, भूमि रजिस्ट्री और म्यूटेशन की प्रक्रियाएं संपत्ति के लेन-देन में आवश्यक हैं. ये डॉक्यूमेंट्स न केवल कानूनी सुरक्षा प्रदान करती हैं, बल्कि संपत्ति के स्वामित्व को भी स्पष्ट करती हैं.
बैनामा, भूमि रजिस्ट्री और म्यूटेशन की प्रक्रियाएं संपत्ति के लेन-देन में आवश्यक हैं. ये डॉक्यूमेंट्स न केवल कानूनी सुरक्षा प्रदान करती हैं, बल्कि संपत्ति के स्वामित्व को भी स्पष्ट करती हैं.
किसी संपत्ति का टाइटल डीड (Title Deed) उस संपत्ति के स्वामित्व (Ownership) को बताती है. सेल डीड, दो व्यक्तियों के बीच किसी संपत्ति के स्वामित्व के हस्तांतरण (Transfer of Property) को साबित करता है. किसी संपत्ति पर अपना स्वामित्व साबित करने के लिए आपके पास सेल डीड के साथ टाइटल डीड भी होना चाहिए.
रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 की धारा 32ए में अचल संपत्ति (घर, जमीन आदि) के सेल डीड का रजिस्ट्रेशन कराने जिक्र है. कानूनन रूप से संपत्ति का मालिकाना हक पाने के लिए सेल डीड का रजिस्ट्रेशन सब-रजिस्ट्रार के ऑफिस में कराना होगा. रजिस्ट्रेशन के दौरान खरीददार और विक्रेता के दोनो हाथों के फिंगरप्रिंट (अलग-अलग कागज पर) और पासपोर्ट साइड फोटो चाहिए होगा.
कन्वेयंस डीड एक व्यापक शब्द है जिसे किसी संपत्ति के स्वामित्व के हस्तांतरण के लिए उपयोग किए जाने वाले किसी भी प्रकार के विलेख के लिए संदर्भित किया जा सकता है.
संपत्ति खरीदने में पैसे का निवेश करने से पहले धोखाधड़ी से बचने के लिए निवारक उपाय करना चाहिए, इसलिए Sale deed को अच्छे से जान लें.
संपत्ति हस्तांतरण के धोखाधड़ी से बचने के लिए विक्रेता और क्रेता को संपत्ति खरीदने व बेचने के समय कागजी कारवाई करना आवश्यक है, जैसे- Sale deed.
एक खरीदार होने के नाते, आपके निवेश से संबंधित सभी पहलु के बारे में पता होना आवश्यक है. संपत्ति खरीदने में पैसे का निवेश करने से पहले खुद को धोखाधड़ी से बचाने के लिए निवारक उपाय करना चाहिए. Sale deed भी उस निवारक उपायों का एक अभिन्न हिस्सा है.
कन्वेयंस डीड एक व्यापक शब्द है जिसे किसी संपत्ति के स्वामित्व के हस्तांतरण के लिए उपयोग किए जाने वाले किसी भी प्रकार के विलेख के लिए संदर्भित किया जा सकता है.
एक खरीदार होने के नाते, आपके निवेश से संबंधित सभी पहलु के बारे में पता होना आवश्यक है. संपत्ति खरीदने में पैसे का निवेश करने से पहले खुद को धोखाधड़ी से बचाने के लिए निवारक उपाय करना चाहिए. Sale deed भी उस निवारक उपायों का एक अभिन्न हिस्सा है.
बैनामा, भूमि रजिस्ट्री और म्यूटेशन की प्रक्रियाएं संपत्ति के लेन-देन में आवश्यक हैं. ये डॉक्यूमेंट्स न केवल कानूनी सुरक्षा प्रदान करती हैं, बल्कि संपत्ति के स्वामित्व को भी स्पष्ट करती हैं.
किसी संपत्ति का टाइटल डीड (Title Deed) उस संपत्ति के स्वामित्व (Ownership) को बताती है. सेल डीड, दो व्यक्तियों के बीच किसी संपत्ति के स्वामित्व के हस्तांतरण (Transfer of Property) को साबित करता है. किसी संपत्ति पर अपना स्वामित्व साबित करने के लिए आपके पास सेल डीड के साथ टाइटल डीड भी होना चाहिए.
रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 की धारा 32ए में अचल संपत्ति (घर, जमीन आदि) के सेल डीड का रजिस्ट्रेशन कराने जिक्र है. कानूनन रूप से संपत्ति का मालिकाना हक पाने के लिए सेल डीड का रजिस्ट्रेशन सब-रजिस्ट्रार के ऑफिस में कराना होगा. रजिस्ट्रेशन के दौरान खरीददार और विक्रेता के दोनो हाथों के फिंगरप्रिंट (अलग-अलग कागज पर) और पासपोर्ट साइड फोटो चाहिए होगा.