न्यूड होना हमेशा अश्लील नहीं, Kerala HC ने क्यों की ये टिप्पणी
हाईकोर्ट ने पॉक्सो एक्ट में गिरफ्तार चल रही एक महिला एक्टिविस्ट रेहाना फातिमा को रिहा करते हुए कहा कि हर बार न्यूडिटी को अश्लीलता से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए.
हाईकोर्ट ने पॉक्सो एक्ट में गिरफ्तार चल रही एक महिला एक्टिविस्ट रेहाना फातिमा को रिहा करते हुए कहा कि हर बार न्यूडिटी को अश्लीलता से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए.
महिला अधिकार कार्यकर्ता रेहाना फातिमा के खिलाफ बच्चों का यौन शोषण से संरक्षण (पॉक्सो) कानून, किशोर न्याय और सूचना एवं प्रौद्योगिकी कानून के तहत मुकदमा चल रहा था.
WFI प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ IPC और POCSO अधिनियम के कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है.
सदर थाना के एक गांव से नौ साल का एक बच्चा शाम के समय अचानक घर से गायब हो गया. जिसके बाद बच्चे के पिता थाने में गुमशुदगी की प्राथमिकी दर्ज कराई
ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप में गौरव हासिल करने वाले प्रमुख पहलवान, बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ जंतर-मंतर पर 23 अप्रैल से धरना दे रहे थे.
पुलिस ने सैफ को हिरासत में लेकर जब पूछताछ की तो उसने जुर्म कबूल कर लिया और उसकी निशानदेही पर बच्चे का शव घर से करीब पांच सौ मीटर दूर एक नाले से बरामद किया गया.
आरोपी बिजॉय बिन जो की हैलाकांडी जिले के धोलासीत गांव का निवासी है, के खिलाफ पुलिस ने पिछले साल 18 जनवरी को मामला दर्ज किया था.
अदालत ने पहले पुलिस को स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था. लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने अदालत को बताया, ‘‘मामले की गंभीरता को देखते हुए हमने एक एसआईटी का गठन किया है. एसआईटी मामले की जांच करेगी.’’
भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवान 23 अप्रैल से धरने पर बैठे हैं और उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं.
Allahabad High Court ने कहा कि पीड़िता वह व्यक्ति है जो अदालत के समक्ष आती है और मुकदमे के दौरान यदि वह बलात्कार के आरोप से इनकार करती है और पक्षद्रोही हो जाती है, तो राज्य सरकार द्वारा प्रदान की गई मुआवजे की राशि को उसके पास रखने का कोई औचित्य नहीं है.
Delhi High Court ने स्पष्ट किया है कि धार्मिक स्थलों पर पवित्र स्नान के लिए खुले स्थान पर नहाने वाली महिलाओं की तस्वीरें या वीडियो लेना और प्रसारित करना भी उनकी निजता पर हमला करने जैसा होगा. इसके लिए IPC की धारा 354 सी में स्पष्ट प्रावधान किया गया है.
यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, 2012 (POCSO Act, 2012) वह कानून है जिसका उद्देश्य बच्चों को सभी प्रकार के यौन शोषण से संरक्षित करना और पीड़ित बच्चों को उचित न्याय दिलाना है.
देश में बच्चों की यौन शोषण से सुरक्षा के लिए POCSO अधिनियम बनाया गया है. इस अधिनियम में सजा और अपराध दोनों को परिभाषित किया गया है, इसके बावजूद इस तरह के अपराध कम नहीं हो रहे. POCSO के तहत सजा दर को लेकर तेलंगाना के सांसद वेंकटेश नेथा बोरलाकुंता और जी रंजीथ रेड्डी ने लोकसभा में सवाल उठाया है.
बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के तहत उन लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए जाएंगे जिन्होंने 14-18 वर्ष आयु समूह में लड़कियों से शादी की है.
सेक्सटॉर्शन (Sextortion) एक डिजिटल ट्रैप (Digital trap) है.अगर इंटरनेट सर्फिंग के दौरान सावधानी नहीं रखते हैं तो इस डीजीटल दौर में सेक्सटॉर्शन अपराध का शिकार बन सकते हैं.
जहां एक एनिमेटेड फिल्म के माध्यम से शिकायत करने के फैसले को सही बताया जाता है और मदद का भरोसा दिया जाता है।इस पेज पर एक ऐरो के चिन्ह को दबाने के बाद आपको तस्वीरों का ऑपशन मिलेंगे।जिसमें से एक को चुनकर आपको अपराध के बारे में बताना होगा।
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि POCSO मामले में जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान जब भी पीड़िता अदालत में पेश होती है, उस समय उसके साथ सहयोगी व्यक्ति को साथ रहने देना चाहिए ताकि उससे उसे मनोवैज्ञानिक सहायता मिल सके.
बाल शोषण के खिलाफ शिकायत दर्ज कर बच्चों को उनके साथ होने वाले दुर्व्यवहार से बचाना हर नागरिक की जिम्मेदारी है. 'शिकायत कहां करें' की समस्या को सुलभ करने के लिए राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने POCSO E-BOX ऑनलाइन सुविधा शुरू की.
किसी बच्चे को उसके साथ होने वाले दुर्व्यवहार से बचाना हर नागरिक की जिम्मेदारी है. बच्चों के साथ होने वाले छेड़छाड़, रेप, यौन उत्पीड़न, यौन शोषण और पोर्नोग्राफी जैसे जघन्य अपराधों की जानकारी होने पर शिकायत दर्ज कराना एक जागरूकग नागरिक का कर्तव्य है.
POCSO Act के तहत अपराधों को दर्ज कराने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्रक्रिया उपल्बध कराई गई है, जिससे बच्चों को ऐसे अपराधों के लिए शिकायत करने में मदद मिले और उन्हें उचित न्याय मिल सके. इस प्रक्रिया में बच्चे को सुरक्षित और उनकी पहचान को पूरी तरह गोपनीय रखा जाता है.
पॉक्सो (POCSO) एक्ट का उद्देश्य बच्चों को सभी प्रकार के यौन शोषण से बचाना और पीड़ित बच्चों को उचित न्याय दिलाना है. इस कानून के तहत यौन उत्पीड़न और पोर्नोग्राफी से बच्चों की सुरक्षा के संबंध में प्रावधान हैं. यह अधिनियम यौन शोषण के पीड़ितों के लिए एक मजबूत न्याय तंत्र प्रदान करता है और बाल अधिकारों और सुरक्षा के महत्व पर जोर देता है.
8 साल की मासूम बच्ची से रेप और हत्या के मामले में दोषी की मौत की सजा को बदलकर उम्रकैद करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने कई टिप्पणियां की थी. इस मामले में राजस्थान पुलिस पर वाहवाही लेने के चक्कर में निर्दोष को फंसाने का भी आरोप लगा था.
सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट के 14 अक्टूबर के आदेश पर रोक लगाते हुए कैदी राहुल को भी नोटिस जारी करते हुए पुछा हैं क्यों ना उन्हे मिली पैरोल को रद्द किया जाए.
पीड़िता की पहचान जाहिर करने पर दिल्ली हाईकोर्ट ने 2018 में पॉक्सो एक्ट के तहत अल जजीरा सहित 23 मीडिया घरानों पर कोर्ट ने 10-10 लाख का जुर्माना लगाया था. अब तक 21 संस्थान हाईकोर्ट के आदेश की पालना कर चुके है.